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    Hindi Diwas 2022: 'मोहल्ला अस्सी' से 'बहू की आवाज' तक, हिंदी उपन्यासों से निकलीं इन फिल्मों की कहानियां

    By Manoj VashisthEdited By:
    Updated: Wed, 14 Sep 2022 01:12 PM (IST)

    Hindi Diwas 2022 Bollywood Movies On Novels हिंदी सिनेमा और साहित्य का संग काफी पुराना है। कहानियों की तलाश में फिल्मकारों ने मुंशी प्रेमचंद से लेकर भीष्म साहनी और वेद प्रकाश शर्मा तक के हिंदी उपन्यासों को खंगाला है। ऐसी ही फिल्मों पर यह रिपोर्ट।

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    Sunny Deol Starrer Mohalla Assi To Rakesh Roshan Bahu Ki Awaaz. Photo- Twitter, IMDb

    नई दिल्ली, जेएनएन। साहित्य और सिनेमा का गठजोड़ हमेशा रहा है। सिनेमा के आरम्भ से आज तक, ऐसी कई साहित्यिक कहानियां और उपन्यास हैं, जिन्होंने हिंदी फिल्मों की पटकथाओं को प्रेरित किया। समय-समय पर फिल्ममेकरों ने उपन्यासों को फिल्मों की सूरत में बड़े पर्दे पर उतारा है। 14 सितम्बर को हिंदी दिवस के मौके पर ऐसी ही कुछ फिल्मों की चर्चा यहां कर रहे हैं। 

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    मोहल्ला अस्सी

    अक्षय कुमार की फिल्म सम्राट पृथ्वीराज से पहले डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने सनी देओल के साथ मोहल्ला अस्सी बनायी थी। स फिल्म की कहानी डॉ. काशीनाथ सिंह के नॉवल काशी का अस्सी पर आधारित है। नब्बे के दौर के राजनीतिक हालात को दिखाने वाली मोहल्ला अस्सी में सनी के किरदार के जरिए वाराणसी के सियासी, सामाजिक और सांस्कृतिक मिजाज को पर्दे पर उकेरा गया था। 

    सूरज का सातवां घोड़ा

    धर्मवीर भारती के बेहद चर्चित उपन्यास सूरज का सातवां घोड़ा पर श्याम बेनेगल ने इसी शीर्षक से फिल्म बनायी, जो 1992 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में रजित कपूर, नीना गुप्ता और अमरीश पुरी जैसे बेहतरीन कलाकारों ने प्रमुख किरदार निभाये थे। सूरज का सातवां घोड़ा की कहानी तीन औरतों के इर्द-गिर्द घूमती है।

    तमस

    Photo- screenshot/youtube

    तमस हिंदी सिनेमा की क्लासिक फिल्मों में शामिल है, जो ओम पुरी की बेहतरीन अदाकारी के लिए याद की जाती है। 1988 में आयी इस फिल्म का निर्देशन गोविंद निहलानी ने किया था। यह फिल्म वेटरन एक्टर बलराज साहनी के भाई भीष्म साहनी के उपन्यास तमस पर बनायी गयी थी। 

    बहू की आवाज

    Photo- screenshot/youtube

    1985 में आयी बहू की आवाज वेद प्रकाश शर्मा के बहू मांगे इंसाफ उपन्यास से प्रेरित थी। लुगदी साहित्य की परम्परा में वेद प्रकाश शर्मा सबसे अधिक बिकने वाले लेखकों में शामिल थे। शशिलाल नायर निर्देशित फिल्म में राकेश रोशन, ओम पुरी, नसीरूद्दीन शाह और सुप्रिया पाठक ने प्रमुख भूमिकाएं निभायी थीं। वेद प्रकाश शर्मा के उपन्यास लल्लू पर नब्बे के दौर में सबसे बड़ा खिलाड़ी नाम से फिल्म बनी, जिसमें अक्षय कुमार और ममता कुलकर्णी ने लीड रोल्स निभाये थे। 

    पति पत्नी और वो

    Photo- Twitter

    1978 की लोकप्रिय फिल्म पति पत्नी और वो जाने-माने साहित्यकार कमलेश्वर के उपन्यास पति पत्नी और वह से प्रेरित थी। पुरुषों के रंगीन मिजाज और दोगलेपन को दिखाने वाली इस फिल्म का मिजाज कॉमिक रखा गया था। संजीव कुमार, विद्या सिन्हा और रंजीता ने फिल्म में मुख्य भूमिकाएं निभायी थीं। 2019 में आये इस फिल्म के रीमेक में कार्तिक आर्यन, अनन्या पांडेय और भूमि पेडनेकर मुख्य किरदारों में नजर आये थे।

    शतरंज के खिलाड़ी

    हिंदी साहित्य में मुंशी प्रेमचंद की कहानियां समाज और आपसी रिश्तों की मुकम्मल तस्वीर पेश करती हैं। उनकी कई कहानियों और उपन्यासों ने हिंदी फिल्मों को प्रभावित किया। इनमें सबसे चर्चित शतरंज के खिलाड़ी है, जिस पर 1977 में सत्यजीत रे ने इसी नाम से अपनी पहली हिंदी फिल्म बनायी थी। इसके अलावा दो बैलों की कहानी पर हीरा मोती, गोदान पर गोदान, गबन पर गबन और सदगति पर इसी नाम से फिल्में बनायी गयी थीं। 

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