Shatrughan Sinha Best Dialogues: 'मंगल का खून कोई लेमन सोडा नहीं', शत्रुघ्न के इन डायलॉग्स पर बजीं खूब तालियां
Shatrughan Sinha Best Dialogues शत्रुघ्न सिन्हा हिंदी सिनेमा के उन दिग्गज कलाकारों में से एक हैं जिनकी एक्टिंग ही काबिल-ए-तारीफ नहीं है बल्कि उनका अनोखा स्टाइल भी लाजवाब है। अपनी यूनिक पर्सनैलिटी और डायलॉग्स बोलने के तरीके की वजह से शत्रुघ्न सिन्हा दर्शकों के दिलों पर राज करते हैं। आइए आपको शत्रुघ्न सिन्हा के बेस्ट डायलॉग्स के बारे में बताते हैं।

नई दिल्ली, जेएनएन। Shatrughan Sinha Best Dialogues: भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में ऐसे कई सितारे रहे, जो एक्टिंग के अलावा अपने यूनिक स्टाइल के लिए मशहूर हुए। एक नाम बिहार के लाल शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) का भी है। 15 जुलाई 1946 को पटना में जन्मे शत्रुघ्न सिन्हा ने साल 1969 में देव आनंद की फिल्म 'प्रेम पुजारी' (Prem Pujari) से अपने करियर की शुरुआत की थी।
शत्रुघ्न सिन्हा ने सैकड़ों फिल्में कीं और खूब वाहवाही बटोरी। पर्दे पर शत्रुघ्न का बोलने का अपना एक स्टाइल था। जब भी वह कोई डायलॉग बोलते थे तो थिएटर्स में तालियों की आवाज गूंजने लगती थी। उनके आइकॉनिक स्टाइल से बोले गए डायलॉग्स यादगार हो गए। आइए, शत्रुघ्न सिन्हा के सबसे अच्छे डायलॉग्स के बारे में बताते हैं।
शत्रुघ्न सिन्हा के फेमस डायलॉग्स
फिल्म- काला पत्थर
स्टार्स- अमिताभ बच्चन, शशि कपूर, राखी गुलजार, शत्रुघ्न सिन्हा, परवीन बाबी, नीतू सिंह, प्रेम चोपड़ा, मैक मोहन
'मंगल का खून कोई लेमन सोडा नहीं जिसे विजय जैसे औंगे पौंगे अपनी प्यास बुझाते फिरे'
फिल्म- असली नकली
स्टार्स- शत्रुघ्न सिन्हा, रजनीकांत, अनीता राज
'आजकल जो जितना ज्यादा नमक खाता है, उतना ही ज्यादा नमक हरामी करता है'
फिल्म- दिल तेरा दीवाना
स्टार्स- शत्रुघ्न सिन्हा, सैफ अली खान, ट्विंकल खन्ना
'अब तक मेरी जुबान तुझसे सवाल पूछ रही थी, लेकिन अब जवाब देगी तेरी जुबान और सवाल करेगा हमारा इंतकाम'
फिल्म- विश्वनाथ
स्टार्स- शत्रुघ्न सिन्हा, रीना रॉय
'जली तो आग कहते हैं, बुझे तो राख कहते हैं, जिस राख से बारूद बने उसे विश्वनाथ कहते हैं...'
फिल्म- बेताज बादशाह
स्टार्स- शत्रुघ्न सिन्हा, राज कुमार, प्रेम चोपड़ा
'तुमने हमारा नाम जरूर सुना होगा, परशुराम...हमारे बारे में मशहूर है कि हम लोगों की शादियां भी कराते हैं और श्राद्ध भी।'
फिल्म- दोस्ताना
स्टार्स- शत्रुघ्न सिन्हा, अमिताभ बच्चन, जीनत अमान
'तुझसे ज्यादा वफादारी तो कुत्ते में होती है। काश मैंने तुझसे दोस्ती करने की बजाय किसी कुत्ते को पाल लिया होता...'
फिल्म- काला पत्थर
स्टार्स- अमिताभ बच्चन, शशि कपूर, राखी गुलजार, शत्रुघ्न सिन्हा, परवीन बाबी, नीतू सिंह, प्रेम चोपड़ा, मैक मोहन
'अबे ओ अर्थी के फूल, हम अपनी लाइन खुद बनाते हैं समझा... '
फिल्म- कालीचरण
स्टार्स- शत्रुघ्न सिन्हा, रीना रॉय
'खोपड़ियों को काटकर फुटबॉल नहीं खेला तो मेरा नाम कालीचरण नहीं'
फिल्म- इल्जाम
स्टार्स- गोविंदा, अनीता राज, शशि कपूर, नीलम कोठारी, शत्रुघ्न सिन्हा
'आंख से काजल वही निकाल सकता है जो आंख में बसा हो'
फिल्म- मेरे अपने
स्टार्स- शत्रुघ्न सिन्हा, मीना कुमारी, विनोद खन्ना
'शाम आए तो उससे कह देना छेनू आया था... बहुत गर्मी है खून में तो बेशक आ जाए मैदान में... जो हसरत निकालनी है, निकाल ले लेकिन आइंदा मेरे लड़के को हाथ लगाया, तो मोहल्ले का मोहल्ला उड़ा के रख दूंगा'
खलनायक बन इन फिल्मों में छाए थे शत्रुघ्न सिन्हा
'प्रेम पुजारी' भले ही शत्रुघ्न सिन्हा की पहली फिल्म रही, लेकिन ये मूवी थिएटर्स में रिलीज नहीं हो पाई थी। इसलिए शत्रुघ्न सिन्हा की पहली रिलीज फिल्म 'साजन' मानी जाती है, जिसमें एक्टर ने छोटा-मोटा रोल किया था। हीरो बनने से पहले शत्रुघ्न विलेन बनकर इंडस्ट्री में छाए। उन्होंने 'प्यार ही प्यार', 'बनफूल', 'मनमोहन देसाई', 'रामपुर का लक्ष्मण', 'भाई हो तो ऐसा', और 'ब्लैकमेल' में खलनायक का किरदार निभाया था।
राजेश खन्ना की ठुकराई फिल्म ने चमकाई शत्रुघ्न की किस्मत
साल 1970 और 1975 के बीच शत्रुघ्न ने कई फिल्मों में बतौर लीड हीरो काम किया, लेकिन एक भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कमाल नहीं दिखा पाई। हालांकि, 1976 में आई 'कालीचरण' ने शत्रुघ्न की किस्मत चमका दी। पहले ये फिल्म राजेश खन्ना को ऑफर हुई थी, लेकिन बिजी शेड्यूल की वजह से वह ये फिल्म नहीं कर पाए। इसके बाद शत्रुघ्न सिन्हा ने कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों में काम किया।
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