मुंबई। Happy Birthday Priyadarshan: फिल्म निर्माता और स्क्रीन राइटर प्रियदर्शन अपनी बेहतरीन फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने मलयालम और हिंदी फिल्मों का निर्देशन किया। जब वे गंभीर फिल्में बनाते थे तो उन्हें कोई गंभीरता से नहीं लेता था। मगर साल 2000 में उन्होंने ऐसी हेराफेरी की कि सब लोट-पोट हो गए। इस फिल्म से उन्होंने अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की थी।

डेविड धवन की सलाह को ताबीज की तरह बांधने वाले प्रियदर्शन ने हलचल, हंगामा, भागम भाग, मालामाल वीकली और 'चुप चुप के' के साथ हिंदी सिनेमा में मनोरंजन की नई परिभाषा लिख दी। जब कोरोना काल के बाद बॉलीवुड सहमी-सहमी सी मायूस वापसी कर रहा था, तब भूल भुलैया-2 ने दर्शकों के गम भुला दिये। यह फिल्म प्रियदर्शन की भूल भुलैया का सीक्वल थी। हालांकि, निर्देशन अनीस बज्मी ने किया था।

प्रियदर्शन की फिल्में जितना अपनी पटकथा के लिए याद की जाती हैं, उससे कहीं अधिक छाप छोड़ जाता है दौड़ता-भागता क्लाइमैक्स। प्रियदर्शन ने उम्र का 66वां पड़ाव छू लिया है। उनका जन्म 30 जनवरी 1957 को हुआ था। इस मौके पर एक झलक उनकी चुनिंदा पांच फिल्मों पर डालते हैं-

सच की भूल भुलैया

कोरोना काल के दुख, एकाकीपन और आशंका में अपनी सारी जमापूंजी लुटा चुके हिंदी सिनेमा की संजीवनी साबित हुई भूल भुलैया 2। प्रियदर्शन का निर्देशन ऐसा कसा हुआ था कि कार्तिक आर्यन पिछली भूल भुलैया के अक्षय कुमार के समानांतर आ गए।

गलतफहमी का हंगामा

क्या होता है जब किसी की पत्नी और आपकी प्रेमिका का नाम-बताया गया ठिकाना एक ही हो? कहानी सरल सी थी लेकिन सिचुएशन ट्रीटमेंट कमाल का था। दिल से मालामाल इनाम देखकर पूरे गांव का डोल गया ईमान, लेकिन उनकी मासूमियत ला देगी आपके चेहरे पर मुस्कान।

चुपके से हो जाए प्यार

निश्छल प्रेम और रिश्तों के भंवर में चलती यह फिल्म ठहाकों के बजाय हंसी को हौले से सहलाती है। कॉमेडी का ऐसा जादू इससे पहले वासु चटर्जी ने ही किया था।

रिश्तों की अनोखी हलचल

खानदानी रंजिश के बीच प्रेम कथा का सुपरहिट फार्मूला भी चुलबुले अंदाज में पेश कर सभी को प्रियदर्शन ने चौंका दिया था। 

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Edited By: Aditi Yadav