हीरो की हंसती-खेलती जिंदगी में आया भूचाल, हिंदी सिनेमा में जब खलनायिकाओं ने किया राज, खूबसूरती बनी इनका हथियार
Bollywood Villains Vamps जब से सिनेमा है तब से विलेन भी है। बदलते समय के साथ जैसे- जैसे फिल्मों का अंदाज बदला वैसे-वैसे विलेंस भी बदले। बदलते दौर के साथ अभिनेत्रियों ने भी एक्सपेरिमेंट किया। जहां पहले फिल्म में कुछ मिनट का सीन वैम्पस को दिया जाता था। धीरे- धीरे बढ़कर पूरी फिल्म ही इन पर बनने लगी। ऐसी ही कुछ फिल्मों पर बात करेंगे आज...
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। Bollywood Vamps: सोचिए अगर हिंदी फिल्मों में सब कुछ होता, लेकिन विलेन ही गायब होता, तो कहानी कैसे आगे बढ़ती। हीरो किससे अपने प्यार के लिए लड़ता या परिवार का बदला लेता। बिना विलेन फिल्म बन तो जाती शायद, लेकिन बिल्कुल फीकी यानी पानी कम चाय वाला हिसाब होता।
बॉलीवुड के विलेनों ने ही हिंदी फिल्मों को आइकॉनिक बनाया है। हीरो की हीरोगीरी भी तब ही खुलकर सामने आती है, जब उसके सामने एक दमदार दुश्मन खड़ा होता। फिल्म की कहानी को दिलचस्प मोड़, नेगेटिव किरदार निभाने वाले एक्टर्स ही देते आए हैं।
जब से सिनेमा है, तब से विलेन भी है। बदलते समय के साथ जैसे-जैसे फिल्मों का अंदाज बदला वैसे-वैसे विलेन भी बदले। विलेनगीरी में महिलाएं भी कंधे से कंधा मिलाकर पुरुष कलाकारों का साथ देने आ गईं और सिनेमा में वैम्प्स की शुरुआत हुई। शातिर दिमाग और कातिल अदाओं के साथ खूबसूरती इनका हथियार बना। यहां कुछ ऐसी ही आइकॉनिक वैम्प्स के सिनेमाई सफर की बात करेंगे।
50 के दशक में वैम्प का रुतबा
ये वो दौर था, जब एक्टर्स डायलॉग से ज्यादा अपने एक्सप्रेशन से बात कह जाते थे। ऐसी ही एक अभिनेत्री थीं नादिरा। बड़ी- बड़ी आंखें और होठ के दाहिनी तरफ तिल, अपने लुक से ही नादिरा कमाल कर देती थीं। 50 के दशक में उन्होंने वैम्प को पर्दे पर उतारा। राज कपूर की फिल्म श्री 420 और पकीजा में उन्होंने इतना दमदार किरदार अदा किया कि लोग उन्हें सच में खलनायिका समझने लगे।
वैम्प ने विलेन को दिखाया दमदार
यहां उन फिल्मों का जिक्र हो रहा है, जब विलेन अपने साथ एक हसीन साथी लेकर चलता था। हिंदी सिनेमा के सबसे नफासत वाले विलेनों में शामिल लायन की साथी मोना डार्लिंग का किरदार भी इसका हिस्सा है। इसके अलावा हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की कैबरे डांसर हेलन हमेशा अपने मॉडर्न अवतार के लिए जानी गईं।
'कारावान' का 'पिया तू अब तो आ जा हो' या 'शोले' का 'महबूबा महबूबा', हेलन के गानों का जादू आज भी बरकरार है। हेलेन स्क्रीन पर कम ही नजर आईं, लेकिन उनका नेगेटिव किरदार हमेशा फिल्मों में नयापन लेकर आया।
70 के दशक में वैम्प ने बदला अवतार
इस दौर में हिंदी फिल्म इंडस्ट्री तेजी से बदल रही थी। ऐसे में फिल्में भी फैमिली ड्रामा एंगल पर ज्यादा बनने लगी, लेकिन यहां भी वैम्प के बिना काम नहीं चला। इस बार वैम्प मॉडर्न ना होकर घरेलू हो गई, यानी कभी सास तो कई बार ननद बनकर सताया।
कभी जालिम सास तो कभी अत्याचारी ननद
1970 से 1980 के दशक के बीच बिंदु ने वैम्प बनकर फिल्मों में जान डाली। कभी विलेन के साथ मिलकर, तो कभी अत्याचारी सास या ननद बनकर बिंदु ने अपना जालिम अवतार दिखाया।
जब सौतेली मां ने ढहाया कहर
अरुणा ईरानी ऐसी अभिनेत्री हैं, जिन्होंने एक्टिंग की दुनिया को खूब एक्सप्लोर किया। बॉम्बे टू गोवा में अमिताभ बच्चन की हीरोइन बनने से बेटा में अनिल कपूर की सौतेली मां बनने तक, अरुणा ईरानी ने कई अलग- अलग किरदार निभाए। कई फिल्मों में उन्होंने साइड रोल भी किए।
अबला नारी सब पर पड़ी भारी
पर्दे पर रोहिणी हट्टंगड़ी ने भी अपनी छाप छोड़ी। फिल्म अग्निपथ में अमिताभ बच्चन की मां से लेकर महात्मा गांधी में गांधी जी की पत्नी कस्तूरबा तक, एक्टिंग की दुनिया में उन्होंने खूब नाम कमाया। इन किरदारों में अबला दिखने वाली रोहिणी हट्टंगड़ी ने 'चालबाज' में वैम्प का दमदार किरदार निभाया था और सब पर भारी पड़ीं। इस फिल्म में दिवंगत अभिनेत्री श्री देवी लीड रोल में थीं।
छोटे रोल से, फिल्मों की लीड बनी वैम्प
बदलते दौर के साथ अभिनेत्रियों ने भी एक्सपेरिमेंट किया। जहां पहले फिल्म में कुछ मिनट का सीन वैम्पस को दिया जाता था। धीरे- धीरे बढ़कर पूरी फिल्म ही इन पर बनने लगी। ऐसी ही एक अभिनेत्री हैं प्रियंका चोपड़ा। लीडिंग लेडी ने जब फिल्म एतराज में सोनिया कपूर का ग्रे शेड किरदार निभाया था, तो तहलका मचा दिया। रातों- रात नई- नवेली प्रियंका बॉलीवुड की सुपरस्टार बन गईं।
'कलयुग' की वैम्प
अमृता सिंह बॉलीवुड की बड़ी एक्ट्रेस रही हैं। उन्होंने कई सुपरस्टार्स के अपोजिट लीड रोल में काम किया है। अमृता सिंह ने लोगों को तब चौंका दिया, जब उन्होंने लीग से हटकर फिल्म 'कलयुग' में सिमी रॉय का नेगेटिव रोल निभाया।
हीरोइन को वैम्प ने छोड़ा पीछे
बॉलीवुड वैम्प्स की लिस्ट में बिपाशा बसु भी शामिल हैं। मेन लीड रही बिपाशा ने अपनी डेब्यू फिल्म अजनबी में नेगेटिव रोल किया था। इसके अलावा हॉरर फिल्म 'राज 3' में एक्ट्रेस सबसे खतरनाक किरदार में नजर आईं।
शातिर दिमाग और कातिल अदाएं
तब्बू हमेशा फिल्मों में अपनी क्रिएटिव च्वाइस के लिए जानी जाती हैं। अब तक एक्ट्रेस एक्टिंग की दुनिया में कई अलग- अलग एंगल एक्सप्लोर कर चुकी हैं। फिल्म 'अंधाधुन' उनकी सबसे यादगार फिल्म है। जहां तब्बू ने विलेन के लिए एक नया बेंचमार्क सेट कर दिया।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।