Sabu Dastagir: भारत के पहले Hollywood सुपरस्टार पर बनेगी फिल्म, जानें साबू दस्तगीर के बारे में सबकुछ
मैसूर के एक महावत के बेटे साबू दस्तगीर की सच्ची कहानी एक ऐसा साधारण लड़का जिसने हॉलीवुड के गोल्डन पीरियड में ख्याति प्राप्त की। एलिफेंट बॉय से लेकर वॉक ऑफ फेम के स्टार बनने तक साबू ने भारत को गर्व महसूस करवाया और अब उन्हीं की कहानी को बड़े पर्दे पर दिखाया जाएगा।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय सिनेमा में जल्द ही एक ऐसी बायोपिक रिलीज होने वाली है जो ना सिर्फ मनोरंजन जगत के लिए खास है बल्कि सिनेमा के फैंस के लिए भी एक एक प्रेरणा देने वाली बायोपिक होगी। या कहानी कुछ लोगों के लिए अनकही और अनसुनी भी हो सकती है। हम बात कर रहे हैं साबू दस्तगीर की, जो कि भारत के पहले हॉलीवुड सुपरस्टार हैं और उनका नाम हॉलीवुड ऑफ फेम में भी दर्ज है. साबु एक साधारण भारतीय लड़का जो हॉलीवुड का पहला भारतीय सुपरस्टार बना।
हॉलीवुड में सफलता पाने वाले भारत के पहले अभिनेता माने जाने वाले साबू दस्तगीर की कहानी जल्द ही बड़े पर्दे पर दिखाई जाएगी। ऑलमाइटी मोशन पिक्चर्स की निर्माता प्रभलीन संधू ने देबलीना मजूमदार द्वारा लिखित जीवनी, ‘साबू: द रिमार्केबल स्टोरी ऑफ इंडियाज फर्स्ट एक्टर इन हॉलीवुड’ के अधिकार हासिल कर लिए हैं।
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इस अपकमिंग बायोपिक को या तो एक फीचर फिल्म या एक वेब सीरीज के रूप में बनाया जाएगा। प्रभलीन कहती हैं, ‘साबू की कहानी ईमानदारी के साथ बताई जानी चाहिए। वह न केवल भारत के पहले हॉलीवुड सितारे थे, बल्कि संस्कृतियों, पीढ़ियों और देशों के बीच एक पुल भी थे। उनके सफर को पर्दे पर लाना सिर्फ एक फिल्म बनाने के बारे में नहीं है - यह एक ऐसी कहानी है जिसे भुलाया नहीं जा सकता’।
फोटो क्रेडिट- सोशल मीडिया
देबलीना आगे कहती हैं, ‘मुझ पर विश्वास करने और एक शानदार आइडिया के लिए साहित्यिक एजेंट श्री सुहैल माथुर का बहुत-बहुत शुक्रिया। साथ ही, कहानी को शानदार नजरिए से आकार देने के लिए ऑलमाइटी मोशन पिक्चर्स का भी बहुत-बहुत शुक्रिया। इस किताब पर रिसर्च करना मेरे लिए सम्मान की बात थी’.
कौन थे साबू दस्तगीर
साबू का जन्म 1924 में मैसूर (अब कर्नाटक) के एक साधारण परिवार में हुआ था। उनके पिता एक महावत थे, और साबू का बचपन हाथियों के बीच बीता। उनकी किस्मत तब बदली जब ब्रिटिश फिल्म निर्देशक रॉबर्ट जे. फ्लेहर्टी अपनी फिल्म 'एलिफैंट बॉय' के लिए एक बाल कलाकार की तलाश में भारत आए। साबू की मासूमियत ने उन्हें यह भूमिका दिला दी। फिल्म की शूटिंग लंदन फिल्म्स स्टूडियो, डेनहम और मैसूर में हुई थी।
1937 में रिलीज हुई 'एलिफेंट बॉय' ने साबू को रातोंरात स्टारडम दिला दी। इसके बाद उन्होंने 'द थीफ ऑफ बगदाद', 'जंगल बुक' और 'द ड्रम' जैसी कई बड़ी हॉलीवुड फिल्मों में काम किया और लाखों लोगों के दिलों में जगह बना ली।
फोटो क्रेडिट- फिल्म पोस्टर
उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर हिट रहीं और वे इस्ट और वेस्ट के बीच एक पुल बन गए। सिनेमा में उनके महत्वपूर्ण योगदान के सम्मान में, उन्हें 1960 में हॉलीवुड वॉक ऑफ फेम में शामिल किया गया। हालांकि उन्होंने इस दुनिया को जल्द ही अलविदा कह दिया, 1963 में 39 वर्ष की आयु में दिल का दौरा पड़ने से साबू का अचानक निधन हो गया।
क्या होगा साबू की बायोपिक में
फिल्म में दिखाया जाएगा कि कैसे सीमित संसाधनों के बावजूद, एक भारतीय लड़के ने दुनिया के सबसे बड़े फिल्म उद्योग में अपनी पहचान बनाई। निर्माताओं का दावा है कि यह फिल्म न केवल मनोरंजन करेगी बल्कि प्रेरणा भी देगी। रिलीज डेट की अनाउंसमेंट जल्द ही की जाएगी।
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