तिग्मांशु धूलिया की 'राग देश' रिलीज़ के लिए तैयार, INA Trials पर आधारित है कहानी
ब्रिटिश इंडियन आर्मी के इन तीनों अफ़सरों ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान नेता जी सुभाष चंद्र बोस की इंडियन नेशनल आर्मी (INA) ज्वाइन कर ली थी।
मुंबई। विशाल भारद्वाज की फ़िल्म 'रंगून' दूसरे विश्व युद्ध के दौर में सेट की गई थी, मगर इसकी कहानी मुख्य रूप से सैफ़ अली ख़ान, शाहिद कपूर और कंगना रनौत के किरदारों के बीच प्रेम त्रिकोण पर आधारित थी। अब डायरेक्टर तिग्मांशु धूलिया दूसरे विश्व युद्ध के दौर में ही सेट एक ऐसी कहानी लेकर आ रहे हैं, जो देश-प्रेम की बेमिसाल दास्तां है।
'राग देश' टाइटल वाली इस फ़िल्म की कहानी ब्रिटिश इंडियन आर्मी (BIA) के तीन अफ़सरों कर्नल प्रेम सहगल, कर्नल गुरबख्श सिंह ढिल्लों और मेजर जनरल शाह नवाज़ ख़ान के बेहद मशहूर कोर्ट मार्शल पर आधारित है। ये ट्रायल दिल्ली के लाल क़िले में हुए थे। इसलिए इसे Red Fort Trials के नाम से भी जाना जाता है। लॉयर सर तेज बहादुर सप्रू समेत कई नामी वक़ीलों ने इन तीनों अफ़सरों का केस लड़ा था। फ़िल्म में इन तीन अफ़सरों के किरदार कुणाल कपूर, अमित साध और मोहित मारवाह निभा रहे हैं। सुनने में आया है कि अपने किरदारों की तैयारियों के लिए तीनों कलाकार इन अफ़सरों के परिवारों से भी मिले थे।
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तत्कालीन ब्रिटिश इंडियन आर्मी के इन तीनों अफ़सरों ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान नेता जी सुभाष चंद्र बोस की इंडियन नेशनल आर्मी (INA) ज्वाइन कर ली थी और आज़ाद हिंद के लिए जापानियों के साथ मिलकर इम्फाल और बर्मा में जंग लड़ी थी। जंग के बाद तीनों को मलय, सिंगापुर और बर्मा में युद्ध बंदी बना लिया गया था। ब्रिटिश सरकार ने इन तीनों अफ़सरों का कोर्ट-मार्शल करते हुए राजद्रोह और हत्या के मुक़दमे चलाए थे।
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'राग देश' को राज्य सभा टेलीविज़न ने सपोर्ट किया है और आरएस टीवी के सीईओ गुरदीप सिंह सप्पल के मुताबिक़, 'राग देश' मई में रिलीज़ होगी।