डिजिटल पायरेसी पर सरकार ने कसी नकेल, अवैध रिकॉर्डिंग पर जेल और भारी जुर्माना!
केंद्र सरकार ने डिजिटल पायरेसी रोकने के लिए कानूनों में संशोधन किया है। अवैध फिल्म रिकॉर्डिंग करने वालों को अब जेल और उत्पादन लागत का पांच प्रतिशत तक जुर्माना देना होगा। सिनेमा अधिनियम में बदलाव किए गए हैं जिसमें न्यूनतम तीन महीने की जेल और तीन लाख रुपये का जुर्माना शामिल है।

एंटरटेनमेंट न्यूज, नई दिल्ली। डिजिटल पायरेसी पर अंकुश लगाने के प्रयास में केंद्र सरकार ने अवैध फिल्म रिकार्डिंग और प्रसारण में शामिल लोगों के लिए जेल की सजा और उत्पादन लागत के पांच प्रतिशत तक के कड़े जुर्माने को शामिल करने के लिए कानूनों में संशोधन किया है। सरकार ने फिल्म पायरेसी के खिलाफ प्रविधानों को मजबूत करने के लिए दो साल पहले सिनेमा अधिनियम में ये बदलाव किए थे।
डिजिटल पायरेसी पर सरकार ने कसी नकेल
सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री एल. मुरुगन ने पिछले सप्ताह संसद में कहा, 'संशोधनों में न्यूनतम तीन महीने की जेल और तीन लाख रुपये का जुर्माना शामिल है, जिसे तीन साल तक की जेल और आडिट की गई कुल उत्पादन लागत के पांच प्रतिशत तक के जुर्माने में बढ़ाया जा सकता है।'
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उन्होंने कहा कि सिनेमा अधिनियम की धारा 6एए और 6एबी अवैध फिल्म रिकार्डिंग और प्रसारण पर रोक लगाती है। सिनेमा अधिनियम की नई जोड़ी गई धारा-7(1बी)(द्बद्ब) सरकार को पायरेटेड सामग्री को होस्ट करने वाले मध्यस्थों को आवश्यक निर्देश जारी करने का अधिकार देती है।
साल 2023 में इतना हुआ मनोरंजन इंडस्ट्री को नुकसान
उन्होंने कहा कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को कॉपीराइट धारकों या अधिकृत व्यक्तियों से शिकायतें प्राप्त करने और ऐसी सामग्री होस्ट करने वाले मध्यस्थों को आवश्यक निर्देश जारी करने के लिए अधिकृत किया गया है।
एक अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन किया गया है ताकि एंटी-पायरेसी रणनीतियों को मजबूत किया जा सके और समन्वित कार्य योजनाएं विकसित की जा सकें। ईवाई द्वारा प्रकाशित द राब रिपोर्ट और इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन आफ इंडिया (आइएएमएआइ) के अनुसार भारतीय मनोरंजन उद्योग ने 2023 में पायरेसी के कारण 22,400 करोड़ रुपये का नुकसान झेला था।
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