Maddock Films की लगातार 7वीं हिट साबित हुई 'भूल चुक माफ', आम लोगों से जुड़ी कहानी लाने के राजा हैं दिनेश विजन
राजकुमार राव की फिल्म भूल चूक माफ23 मई को रिलीज हुई थी। फिल्म पहले दिन से ही यह बॉक्स ऑफिस पर बढ़िया कमाई कर रही है। फिल्म में टाइम लूप की कहानी दिखाई गई है। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर जिस तरह परफॉर्म कर रही है उसने सभी को सरप्राइज कर दिया है। दिनेश विजन छोटे शहर की कहानी लाने में माहिर हैं और क्या है इसमें खास जानिए?

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। लंबे विवाद के बाद राजकुमार राव और वामिक गब्बी स्टारर भूल चूक माफ 23 मई को सिनेमाघरों में रिलीज हुई। कंट्रोवर्सी के बावजूद फिल्म मात्र पांच दिनों में ही बेहतरीन कलेक्शन करने की तरफ आगे बढ़ रही है। फिल्म ने घरेलू बॉक्स ऑफिस पर 40 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है और बहुत जल्द ये 50 करोड़ भी क्रास कर लेगी।
सिनेमाघरों में दिखी भारी भीड़
भारतीय सिनेमा की लगातार बदलती दुनिया में, जहां बॉलीवुड फिल्मों को दर्शकों का ध्यान खींचने में मुश्किल हो रही है, 'भूल चुक माफ' ने उम्मीदों के विपरीत बड़ी सफलता हासिल की है। आज जहां बॉक्स ऑफिस पर मंझले और छोटे बजट की ज्यादातर फिल्में आते ही औंधे मुंह गिर जाती हैं। कॉमेडी से भरपूर भूल चूक माफ लोगों को सिनेमाघरों तक खींचने में सफल हुई। वीकेंड पर लोग परिवार के साथ फिल्म एंजॉय करने पहुंचे।
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फिल्म ने ओपनिंग डे कलेक्शन से सभी को किया हैरान
दिलचस्प बात यह है कि फिल्म की रिलीज से पहले कई लोगों ने इसे इसके छोटे स्केल और ‘मास अपील’ की कमी के चलते पहले ही नकार दिया था। जब ये खबरें आईं कि फिल्म को डायरेक्ट ओटीटी पर रिलीज किया जा सकता है, तो बहुतों ने मान लिया कि यह थिएट्रिकल रिलीज के लायक नहीं है। लेकिन 'भूल चुक माफ' के ओपनिंग कलेक्शन ने ट्रेड एनालिस्ट्स को भी चौंका दिया। फिल्म ने हर बदलते दिन के साथ कमाई में इजाफा कर सभी के मुंह पर ताला लगा दिया।
दमदार कहानी फिल्म की पहचान
भारतीय फिल्म समीक्षक और ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श कहते हैं, "ध्यान देने वाली बात ये है कि दूसरे दिन किसी भी डिस्काउंट या प्रमोशनल ऑफर के बिना फिल्म की ग्रोथ देखी गई, जो ये साबित करता है कि जब कंटेंट दमदार हो, तो लोग पूरा पैसा देने को तैयार हैं। 'भूल चुक माफ' उस धारणा को गलत साबित करती है कि मिड-रेंज फिल्मों को थिएटर छोड़कर सीधे डिजिटल रिलीज चुननी चाहिए।"
क्या है फिल्म की सफलता का कारण?
दिनेश विजन की समझदारी और संवेदनशील नेतृत्व में, मैडॉक फिल्म्स ने छोटे शहरों की जड़ों से निकली कहानियों को बिना किसी सुपरस्टार के, सिर्फ किरदारों और उनकी सच्चाई से जीवंत कर एक अलग पहचान बनाई है। मैडॉक फिल्म्स की हमेशा से खासियत रही है कि वो आम जिंदगी की कहानियों को मोहल्लों की गलियों से निकालकर ह्यूमर, इज्जत और एक अलग क्रिएटिव स्टाइल के साथ परदे पर पेश करती है। बीते 20 सालों में इन्होंने हमें 'लव आजकल', 'कॉकटेल', 'स्त्री', 'मुन्ज्या', 'तेरी बातों में ऐसी उलझा जिया','छावा' और अब 'भूल चुक माफ' जैसी यादगार फिल्में दीं, वो भी बिना किसी तय फॉर्मूले का पीछा किए।
मैडॉक फिल्म्स ने पिछले साल की धांसू कमाई
साल 2024 में ही, स्टूडियो ने बॉक्स ऑफिस पर 1300 करोड़ रुपये की कमाई की। 'जरा हटके जरा बचके' से लेकर अब 'भूल चुक माफ' तक मैडॉक ने दिखा दिया कि न तो बड़ा बजट चाहिए और न ही बड़े स्टार्स। सिर्फ एक सच्ची कहानी और सही कास्टिंग चाहिए। इनका मानना है कि अगर कहानी दमदार हो, तो दर्शक खुद-ब-खुद खिंचे चले आते हैं।
'भूल चुक माफ' की सोशल मीडिया पर पॉपुलैरिटी, माउथ-ऑफ-वर्ड ग्रोथ और हाउसफुल थिएटर शो इस बात का सबूत हैं कि दर्शकों को यह फिल्म पसंद आई है।
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