काम न मिलने पर अध्ययन सुमन का हो गया था बुरा हाल, कहा- 'घंटों पंखे को निहारता था, खुद को खत्म करना चाहता था'
Adhyayan Suman शेखर सुमन के बेटे अध्ययन को फिल्म इंडस्ट्री में वह कामयाबी नहीं मिली जो उनके पिता को मिली। उनका स्टारडम न के बराबर ही है। एक लंबे वक्त के बाद उन्होंने बताया कि जब उन्हें काम नहीं मिल रहा था तब उनकी कैसी हालत हो गई थी।
नई दिल्ली, जेएनएन। डिप्रेशन एक ऐसी बीमारी है, जिसकी चपेट में आने के बाद इंसान की जिंदगी में पहले जैसी रोनक नहीं रह जाती। न किसी से बात करने में मन लगता है, न किसी एक्टिविटी में। कुछ दिनों पहले नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने मेंटल हेल्थ डिप्रेशन व एंजाइटी को अर्बन सोसायटी का प्रॉब्लम बताया था। उनके स्टेटमेंट पर कई लोगों ने आपत्ति जताई। पहले गुलशन देवैया और अब अध्ययन सुमन ने नवाजुद्दीन सिद्दीकी के स्टेटमेंट पर रिएक्ट किया है।
'ग्लोबल लेवल पर डिप्रेशन से जूझ रहे लोग'
एक पोर्टल को दिए इंटरव्यू में अध्ययन सुमन ने अपने फेज को याद करते हुए कई बातें कहीं। उन्होंने कहा, ''मुझे नहीं पता नवाजुद्दीन ने किस मकसद से यह बात कही, लेकिन मैं उनके विचारों पर रिएक्ट करने वाला कोई नहीं होता हूं। हां, मगर यह जरूर कहना चाहूंगा कि मेंटल हेल्थ को अर्बन या देसी जैसी चीजों में न बांटकर उसे गंभीरता से लें। लोगों को ये बात समझने की सिर्फ इस देश में ही नहीं, बल्की ग्लोबल लेवल पर लोग इससे जूझ रहे हैं।''
जब अध्ययन सुमन को आता था खुद को खत्म कर देने का ख्याल
अध्ययन आगे कहते हैं, ''मैं इस ट्रॉमा में लंबे समय तक रहा था। यह तो ऊपरवाले का शुक्रगुजार हूं कि मेरे पेरेंट्स व दोस्तों ने बचा लिया था। एक वक्त था, जब मैं खुद को खत्म कर देने की सोचता था। घंटों बेड पर पड़े पंखे की ओर निहारता रहता था। लगता था, मेरी जिंदगी का कोई मकसद ही नहीं बचा। जिसका इतना बेहतरी लॉन्च हुआ, उसकी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर कमाया, फिर भी काम नहीं मिल रहा।''
'दोस्तों का हूं शुक्रगुजार'
अध्ययन ने कहा कि उन्हें ये बातें काफी परेशान करती थीं। वह सेल्फ डिस्ट्रक्टिव मोड पर चले गए थे। उनके दोस्त थे, जो घर पर आते थे, और उन्हें खूब सुनते थे। अध्ययन ने कहा कि लाइफ में कोई तो ऐसा जरूर होना चाहिए, जो केवल आपको सुने और जिसके सामने आप अपने मन की बात कर सकें। यह जरूर है कि उन्होंने डॉक्टर्स की मदद ली थी, लेकिन दोस्तों ने उससे भी बढ़कर काम किया था। पेरेंट्स का भी उस वक्त सपोर्ट रहा।
अध्ययन सुमन वर्कफ्रंट
स्टार किड अध्ययन सुमन की प्रोफेशनल लाइफ की बात करें, तो उनकी झोली में क्राइम थीम पर बनी एक फिल्म है। फिल्म के टाइटल की घोषणा अभी तक नहीं हुई है। उन्होंने अब तक 'बेखुदी', 'हाल-ए-दिल' और 'लखनवी इश्क' जैसी फिल्मों में काम किया है।
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