पाकिस्तान पर चुप्पी से हुए थे ट्रोल, 'सरफरोश' के जरिए Aamir Khan ने दिया करारा जवाब
Aamir Khan अपनी फिल्म सितारे जमीन पर के प्रमोशन में जुटे हैं और लगातार इंटरव्यू दे रहे हैं। कुछ वक्त पहले वो पहलगाम हमले व पाकिस्तान पर चुप्पी को लेकर ट्रोल हुए थे। इसके बाद हाल ही में आमिर ने सरफरोश का जिक्र कर सबको जवाब दिया है। इस फिल्म के जरिए उन्होंने पाकिस्तान शब्द के इस्तेमाल के बारे में बताया है।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। आमिर खान ने हाल ही में अपनी देशभक्ति पर सवाल उठाने वालों को करारा जवाब दिया है। उन्होंने बताया कि उनकी फिल्म सरफरोश पहली बॉलीवुड फिल्म थी, जिसमें खुलकर पाकिस्तान और ISI का नाम लिया गया। इसके अलावा, दंगल की रिलीज के वक्त पाकिस्तान में तिरंगा और राष्ट्रगान हटाने की शर्त रखी गई, जिसे आमिर ने ठुकरा दिया, भले ही इससे नुकसान हुआ। आइए, इस खबर की पूरी डिटेल्स जानते हैं।
सरफरोश ने तोड़ा सेंसर का नियम
आमिर खान ने आप की अदालत शो में राजत शर्मा से बातचीत में खुलासा किया कि 1999 में रिलीज हुई उनकी फिल्म सरफरोश पहली हिंदी फिल्म थी, जिसमें पाकिस्तान और ISI का नाम खुलकर लिया गया। उस समय सेंसर बोर्ड का नियम था कि फिल्मों में पड़ोसी देश को ‘पड़ोसी मुल्क’ या ‘दोस्त देश’ कहना पड़ता था। आमिर ने कहा, “हमने सरफरोश में बिना डरे पाकिस्तान का नाम लिया। यह पहली बार हुआ था।”
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फिल्म को सेंसर बोर्ड से पास कराने में कुछ दिक्कतें आईं, लेकिन आमिर ने तत्कालीन उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी का उदाहरण देते हुए कहा, “जब आडवाणी जी संसद में नाम ले सकते हैं, तो हम सिनेमाघरों में क्यों नहीं?” इस जोखिम के बावजूद फिल्म को मंजूरी मिली, लेकिन पाकिस्तान से इसे लेकर नकारात्मक टिप्पणियां आईं।
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दंगल में तिरंगे के लिए लिया स्टैंड
आमिर ने दंगल (2016) के बारे में भी बताया। इस फिल्म में गीता फोगाट की जीत के बाद तिरंगा लहराने और राष्ट्रगान का सीन था। पाकिस्तान के सेंसर बोर्ड ने इस सीन को हटाने की शर्त रखी। आमिर ने तुरंत फैसला लिया कि फिल्म वहां रिलीज नहीं होगी। उन्होंने कहा, “मैंने एक सेकंड में कहा कि हमारी फिल्म पाकिस्तान में नहीं चलेगी। मुझे उस बिजनेस या पैसे की जरूरत नहीं, जो तिरंगा और राष्ट्रगान हटाने की बात करे।” इस फैसले से फिल्म को आर्थिक नुकसान हुआ, क्योंकि डिज्नी, जो फिल्म के प्रोड्यूसर्स में से एक थी, ने इस सीन को रखने पर जोर दिया था। लेकिन आमिर अपने देश के सम्मान के लिए अड़े रहे।
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कारगिल में जवानों के साथ बिताए 8 दिन
आमिर ने कारगिल युद्ध के समय की यादें भी साझा कीं थीं। 1999 में जब भारत ने कारगिल में जीत हासिल की, आमिर 8 दिन तक जवानों के साथ रहे। वे लेह पहुंचे और श्रीनगर जाने वाली सड़क पर कई रेजिमेंट्स जैसे SM राइफल, राजपूताना राइफल और लद्दाख स्काउट्स से मिले।
उन्होंने कहा, “मैंने जवानों को प्रणाम किया और उनका हौसला बढ़ाने गया, लेकिन उल्टा उन्होंने मेरा हौसला बढ़ाया।” आमिर ने सीमा पर एक रात बंकर में भी बिताई और जवानों के साथ खाना खाया। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि कोई और वहां गया। मैं यह इसलिए बता रहा हूं, क्योंकि आपने पूछा, वरना मैं अपनी अच्छाइयों का ढोल नहीं पीटता।
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