VIDEO: 'हजारों जवाबों से मेरी खामोशी अच्छी, न जाने...' दिलजीत ने कॉन्सर्ट में मनमोहन सिंह को दी श्रद्धांजलि
सिंगर दिलजीत दोसांझ (Diljit Dosanjh Concert) ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी है। दिलजीत ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया। शो के दौरान उन्होंने स्टेज से कहा कि आज का हमारा कॉन्सर्ट है हमारे पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी के नाम। बहुत सादी जिंदगी जी कर गए हैं मनमोहन सिंह जी। मुझे लगता है आज के नौजवानों को मनमोहन सिंह से बहुत कुछ सीखनी चाहिए।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Manmohan Singh Demise। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक जताते हुए देश के तमाम बड़े सितारों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए। सिंगर दिलजीत दोसांझ (Diljit Dosanjh Concert) ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी है। वो पिछले लंबे समय से देश में 'दिल-इलुमिनाटी' टूर कर रहे हैं। असम के गुवाहाटी में शो के बीच उन्होंने डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की।
दिलजीत ने पूर्व प्रधानमंत्री को किया याद
दिलजीत ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया। शो के दौरान उन्होंने स्टेज से कहा,"आज का हमारा कॉन्सर्ट है हमारे पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी के नाम। बहुत सादी जिंदगी जी कर गए हैं मनमोहन सिंह जी। अगर मैं उनकी लाइफ की जर्नी की तरफ देखूं तो उन्होंने इतनी सादा जीवन जिया है कि अगर किसी ने उन्हें बुरा भी बोला तो भी उन्होंने उल्टा जवाब नहीं दिया। हालांकि पॉलिटिक्स के करियर में सबसे मुश्किल काम है, इस चीज से बचना।”
दिलजीत ने आगे कहा, “आपने कभी लोकसभा का सेशन देखा है। हमारे पॉलिटिशियन ऐसे झगड़ते हैं जैसे नर्सरी क्लास के बच्चे. मतलब वो (बच्चे) भी नहीं झगड़ते हैं, जैसे ये लोग झगड़ते हैं। खैर में उसमें नहीं घुसना चाहता, लेकिन ये बात तो सिर्फ डॉ.मनमोहन सिंह जी के हिस्से आई है कि उन्होंने कभी किसी को पलटकर जवाब दिया नहीं। ये हमें उनकी जिंदगी से सीखना चाहिए।”
आज के नौजवानों को मनमोहन सिंह से सीखना चाहिए: दिलजीत
सिंगर ने पूर्व प्रधानमंत्री को याद करते हुए कहा," “वो अक्सर एक शेर बोला करते थे, ‘हजारों जवाबों से मेरी खामोशी अच्छी, न जाने कितने सवालों की आबरू रखी है।’ ये बात मुझे लगता है आज के नौजवानों को सीखनी चाहिए, मुझे भी सीखनी चाहिए ये बात कि हमें कोई कितना भी बुरा बोले, कितना भी हमें भटकाने की कोशिश करे, आपका लक्ष्य क्लियर होना चाहिए, आप फोकस होने चाहिए अपने काम को लेकर। क्योंकि जो आपको बुरा बोल रहा है वो भी भगवान का रूप है, सिर्फ आपका टेस्ट हो रहा है कि आप उसपर किस तरह रिएक्ट करते हैं। ”
दिलजीत ने फिर आगे कहा, “एक और बड़ी बात जो मनमोहन सिंह जी के हिस्से आई है कि वो पहले ऐसे सिख थे, जिनके भारतीय करेंसी पर सिग्नेचर भी थे। जिस पैसों के पीछे पूरी दुनिया भाग रही है, उस पर उनके साइन थे, ये बहुत बड़ी बात है। ये आसान बात नहीं है इस मुकाम तक पहुंच जाना। आज हमारा सिर झुकता है एक ऐसे इंसान के लिए, जिन्होंने पूरा जीवन देश भक्ति और देश की सेवा में लगा दिया। मेरा बार-बार नमन है डॉ. मनमोहन सिंह जी को। आज का ये कॉन्सर्ट उनके नाम।"
निगमबोध घाट पर हुआ अंतिम संस्कार
बताते चलें कि गुरुवार (26 दिसंबर) की रात नई दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली। उनका शनिवार को निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। वहीं, रविवार को डॉ. मनमोहन सिंह की अस्थियां दिल्ली के मजनू का टीला स्थित गुरुद्वारे में लाई गईं। यहां शब्द कीर्तन, पाठ और अरदास के बाद पूर्व प्रधानमंत्री के परिजनों ने उनकी अस्थियां पूरे विधि विधान से यमुना नदी में विसर्जित की गईं।
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