पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अस्थियां यमुना में प्रवाहित, गांधी परिवार का कोई भी सदस्य नहीं था मौजूद
Dr. Manmohan Singh पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की अस्थियां रविवार को दिल्ली के मजनू का टीला स्थित गुरुद्वारे में लाई गईं। यहां शब्द कीर्तन पाठ और अरदास के बाद पूर्व प्रधानमंत्री के परिजनों ने उनकी अस्थियां पूरे विधि विधान से यमुना नदी में विसर्जित की गईं। इसके पूर्व मनमोहन सिंह की बेटियां दामाद और पत्नी फूल चुनने निगमबोध घाट गईं।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की अस्थियां रविवार को दिल्ली के मजनू का टीला स्थित गुरुद्वारे में लाई गईं। यहां शब्द कीर्तन, पाठ और अरदास के बाद पूर्व प्रधानमंत्री के परिजनों ने उनकी अस्थियां पूरे विधि विधान से यमुना नदी में विसर्जित की गईं।
इसके पूर्व मनमोहन सिंह की बेटियां, दामाद और पत्नी फूल चुनने निगमबोध घाट गईं। वहां थैलियों में फूल इकट्ठा किए गए। इसमें निगमबोध घाट के लोग व पंडित ने भी परंपरा में किया सहयोग। वैसे, इस मौके पर गांधी परिवार का कोई सदस्य नजर नहीं आया।
नई दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अंतिम यात्रा में शनिवार को शामिल लोगों की भीड़।
26 दिसंबर को हुआ अंतिम संस्कार
पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) ने गुरुवार (26 दिसंबर) की रात नई दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली। उनका शनिवार को निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। इसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित सत्ता पक्ष और विपक्ष के तमाम नेता मौजूद रहे। इससे पहले उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। कांग्रेस कार्यालय से लेकर निगम बोध घाट तक अंतिम यात्रा निकाली गई।
जानिए डॉ. मनमोहन सिंह के बारे में
साल 2004 से 2014 तक भारत के प्रधान मंत्री के रूप में कार्यरत रहे डॉ. सिंह का जन्म साल 1932 में अविभाजित पंजाब में हुआ था। शुरुआती पढ़ाई- लिखाई इनकी यहीं से हुई थी। इसके बाद उन्होंने देश नहीं बल्कि दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज से पढ़ाई की है, जिसमें ऑक्सफोर्ड और कैंब्रिज जैसी यूनिवर्सिटी शामिल हैं। आइए डालते हैं उनके एजुकेशन जर्नी पर एक नजर।
साल 1948 में 10वीं और 1950 में 12वीं की परीक्षा पास करने वाले देश के पूर्व पीएम ने पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से साल1952 में इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया था। इसके बाद, साल 1954 में कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से मास्टर की डिग्री ली थी। इसके बाद डॉ. सिंह ने साल 1962 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डीफिल की उपाधि प्राप्त की थी।
इस बीमारी से जूझ रहे थे डॉ. मनमोहन सिंह
बता दें कि पिछले कई सालों से मनमोहन सिंह अपने खराब स्वास्थ्य से जूझ रहे थे। 26 दिसंबर को रात करीब 8 बजे उन्हें दिल्ली के एम्स में लाया गया था। करीब एक घंटे बाद डॉक्टरों ने उनकी मौत की पुष्टि कर दी थी।
डॉक्टर्स के अनुसार, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह रेस्पिरेटरी डिजीज से जूझ रहे थे। दरअसल यह बीमारी सांस से जुड़ी बीमारी है। बता दें कि जब किसी इंसान को रेस्पिरेटरी डिजीज होती है तो उसे सांस लेने में प्रॉब्लम होने लगती है। इस बीमारी में सांस लेना बहुत मुश्किल हो जाता है।
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