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त्रिवेंद्र सिंह रावत का आरएसएस प्रचारक से मुख्‍यमंत्री तक का सफर

भाजपा के वरिष्‍ठ नेता त्रिवेंद्र सिह रावत उत्‍तराखंड के नए सीएम होंगे। उन्‍होंने एक आरएसएस प्रचारक के रूप में अपना सफर शुरू किया था।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 17 Mar 2017 04:57 PM (IST)Updated: Sat, 18 Mar 2017 11:51 AM (IST)
त्रिवेंद्र सिंह रावत का आरएसएस प्रचारक से मुख्‍यमंत्री तक का सफर
त्रिवेंद्र सिंह रावत का आरएसएस प्रचारक से मुख्‍यमंत्री तक का सफर
देहरादून, [जेएनएन]: भाजपा के वरिष्‍ठ नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्‍तराखंड के नए मुख्‍यमंत्री होंगे। उन्‍होंने एक आरएसएस प्रचारक से मुख्‍यमंत्री का सफर तय किया। इसी बीच वह कई अहम पदों पर भी रहे। 
बता दें कि त्रिवेंद्र सिंह रावत पौड़ी जिले के जयहरीखाल ब्लाक के खैरासैण गांव के रहने वाले हैं। यहां 20 दिसंबरसन् 1960 में प्रताप सिंह रावत और भोदा देवी के घर त्रिवेन्द्र सिंह ने जन्म लिया। त्रिवेंद्र रावत के पिता प्रताप सिंह रावत सेना की बीईजी रुड़की कोर में कार्यरत रहे हैं।
त्रिवेंद्र सिंह, 9 भाई बहनों में सबसे छोटे हैं। रावत की शुरुआती पढ़ाई लिखाई खैरासैण में ही हुई। त्रिवेन्द्र ने कक्षा 10 की परीक्षा पौड़ी जिले में ही सतपुली इंटर कॉलेज और 12वीं की परीक्षा एकेश्वर इंटर कॉलेज से हासिल की।
 शुरू से ही शांत स्वभाव वाले त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने लैंसडाउन के जयहरीखाल डिग्री कॉलेज से स्नातक और गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर से स्नातकोत्तर की डिग्री की। श्रीनगर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में एमए करने के बाद त्रिवेन्द्र सिंह रावत 1984 में देहरादून चले गये।  इनका विवाह सुनीता रावत से हुआ। सुनीता रावत शिक्षि‍का हैं और देहरादून में नियुक्‍त हैं। इनकी दो पुत्रि‍यां हैं। 
रावत का राजनीतिक सफर वर्ष 1979 में शुरू हुआ। इस वर्ष त्रिवेंद्र राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े। वर्ष 1981 में संघ के प्रचारक के रूप में काम करने का उन्‍होंने संकल्प लिया। वर्ष 1985 में देहरादून महानगर के प्रचारक बने। वर्ष 1993 में वह भाजपा के क्षेत्रीय संगठन मंत्री बन गए।
आला कमान ने उन्‍हें 1997 व 2002 में भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री बनाया। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड अलग राज्‍य बनने के बाद पहली बार 2002 में हुए विधानसभा चुनाव में डोईवाला से जीत दर्ज की। उन्‍होंने अपनी जीत का सिलसिला बरकरार रखा और 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में डोईवाला से एक बार फिर विजयश्री प्राप्‍त की। 2007 से 2012 तक भाजपा सरकार में कृषि मंत्री रहे।
वहीं, 2012  विधानसभा चुनाव में वह रायपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़े और हार गए। 2014 में डोईवाला सीट पर हुए उपचुनाव में भी उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। साल 2014 में उन्‍हें झारखंड का प्रदेश प्रभारी बनाया गया। 2017 में उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में उन्‍होंने डोईवाला सीट से जीत दर्ज की। वहीं, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ उत्तर प्रदेश में सह प्रभारी रहे।

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