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    विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी में बगावत का बवंडर

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Tue, 31 Jan 2017 10:05 PM (IST)

    समाजवादी पार्टी में उठा बगावत का बवंडर अब थमने के बजाय बढ़ गया है। सपा के मंत्री विधायक समेत कई बड़े नेता अपने-अपने खेमे के समर्थन और दूसरे के विरोध में उतर चुके हैं।

    विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी में बगावत का बवंडर

    लखनऊ (जेएनएन)। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की चुनावी दोस्ती पर रजामंदी से इन्कार कर मुलायम सिंह ने दोनों दलों में बेचैनी फैला दी है। लखनऊ से लेकर मैनपुरी तक इस्तीफों का दौर शुरू हो गया। अखिलेश सरकार के राज्यमंत्री शारदा प्रताप शुक्ला ने बगावत करते हुए रालोद (राष्ट्रीय लोकदल) प्रत्याशी के रूप में पर्चा भर दिया। मैनपुरी में ढेरों सपाइयों ने दूसरे दलों के प्रत्याशियों के समर्थन का एलान कर दिया। चर्चा यह भी हुई कि मुलायम के सगे भाई व पूर्व मंत्री शिवपाल यादव जसवंतनगर से निर्दल चुनाव लड़ सकते है। उन्होंने आज चुनाव बाद नई पार्टी बनाने की घोषणा कर दी है। लखनऊ की सड़कों पर सपा-कांग्रेस के कामयाब रोड शो के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश व कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल अपने ठिकानों पर पहुंचे भी नहीं थे कि दिल्ली में मुलायम ने दो टूक कह दिया कि उन्हें यह सियासी दोस्ती पसंद नहीं है। सपा अपने बूते सरकार बनाने में सक्षम है। गठबंधन से 105 क्षेत्रों का कार्यकर्ता निराश होगा। इसके कुछ घंटों के अंदर बवंडर शुरू हो गया।

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    सोमवार की सुबह उच्च शिक्षा विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) शारदा प्रताप शुक्ला ने बगावत का बिगुल फूंकते हुए रालोद प्रत्याशी के रूप में सरोजनीनगर सीट से परचा दाखिल कर दिया। अलबत्ता शारदा प्रताप अभी मंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया है। कहा जा रहा है कि अखिलेश यादव सरोजनीनगर विधानसभा सीट से अपने चचेरे भाई अनुराग यादव को प्रत्याशी बना सकते हैं। इसकी भनक के बाद शारदा प्रताप ने रालोद का दामन थामा है। ऐसे ही मलिहाबाद के विधायक इंदल रावत ने निर्दल परचा दाखिल करने का एलान किया है। लखनऊ (पूर्वी) की प्रत्याशी रहीं डॉ. श्वेता सिंह ने बगावत से तो गुरेज किया लेकिन वह घर बैठ गई है।

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    दूसरी ओर मैनपुरी में बवंडर मचा रहा। मुलायम समर्थकों ने सपा प्रत्याशियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। पूर्व विधायक मानिकचंद्र यादव, जिला पंचायत सदस्य सतीश यादव, यदुवंश यादव, पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुजान सिंह यादव, सुनील यादव, अनिल मिश्रा, रागिनी यादव व ढेरों ग्राम प्रधानों ने समाजवादी पार्टी से इस्तीफे का एलान किया। इन लोगों ने मुलायम व शिवपाल के सम्मान में बैनर टांग दिया। कहा गया कि सपा में मुलायम का बराबर अपमान किया जा रहा है। उनके सम्मान में इस्तीफा दे दिया।

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    भदोही में सपा विधायक विजय मिश्र ने सपा के ढेरों कार्यकर्ताओं के साथ क्षेत्रीय दलों के गठजोड़ के साथ चुनाव लडऩे की घोषणा कर दी है। पूर्वांचल के कई जिलों के कई नेता भी बगावत पर आमादा है। सोमवार को दिन में चर्चा तो यहां तक हो गई कि पूर्व मंत्री शिवपाल यादव निर्दल पर्चा दाखिल कर सकते है। हालांकि उनके करीबी सूत्रों ने कहा कि यादव साइकिल निशान के साथ परचा दाखिल करेंगे। सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम का कहना है कि सपा-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनेगी। जनता का पूरा समर्थन है। मुलायम सिंह पार्टी के संस्थापक है, उनका पूरा सम्मान है।

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    दोबारा सरकार बनी तो नेताजी खुश होंगेः अखिलेश

    कांग्रेस प्रवक्ता वीरेंद्र मदान ने कहा कि मुलायम सिंह यादव देश के बड़े नेता है। वह सांप्रदायिक शक्तियों के विरोध में रहे है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पहले ही कह चुके हैं कि उनका आशीर्वाद हमारे साथ है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी उनका सम्मान करते है। सपा-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनना तय है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कासगंज में कहा कि नेताजी (मुलायम सिंह यादव) ने क्या कहा, क्यों कहा, पता नहीं। इतना जानता हूं कि दोबारा सरकार बनेगी तो सबसे ज्यादा खुश नेताजी ही होंगे।

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