यूपी चुनाव 2017: आरक्षण को लेकर भाजपा, आरएसएस पर बरसीं मायावती
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव : मायावती ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के साथ आरएसएस को आरक्षण विरोधी मानसिकता के साथ ही नीति व नीयत भी बदलने की जरूरत है।
लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में अपना पार्टी का प्रचार कार्यक्रम तय करने वाली बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती के निशाने पर भारतीय जनता पार्टी के साथ ही आरएसएस हैं। पंजाब में पार्टी के प्रचार पर जाने से पहले मायावती ने भाजपा-आरएसएस पर निशाना साधा।मायावती ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के साथ आरएसएस को आरक्षण विरोधी मानसिकता के साथ ही नीति व नीयत भी बदलने की जरूरत है।
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दोनों पर ही लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए मायावती ने कहा है कि बसपा दलितों, आदिवासियों व अन्य पिछड़े वर्गों को मिलने वाले तकरीबन 50 फीसद आरक्षण में किसी भी तरह छेड़छाड़ के खिलाफ है। मायावती ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी, अपरकास्ट व अल्पसंख्यक समाज के गरीबों को भी आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की पक्षधर है जिसके लिए संविधान में संशोधन की मांग पहले भी केंद्र सरकार से करती रही है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के एक चैनेल को दिए गए इंटरव्यू में कही बातों पर प्रतिक्रिया देते हुए मायावती ने कहा है कि संविधान के तहत देश में आरक्षण लागू है लेकिन, विरोधी पार्टियों में खासकर कांग्रेस व भाजपा सरकारों की गलत नीयत, नीति व कार्यप्रणाली से अपरकास्ट व अल्पसंख्यक समाज के लोगों में गरीबी बढ़ी है इसलिए इन्हें गरीबी के आधार पर अलग से आरक्षण देने की जरूरत है।
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इसके लिए संविधान में संशोधन करके आरक्षण के कोटे को बढ़ाया जा सकता है। इसके बावजूद शाह लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं कि अपरकास्ट व अल्पसंख्यक समाज के गरीबों को आर्थिक आधार पर आरक्षण देने पर दलितों, आदिवासियों व अन्य पिछड़ों के आरक्षण में कटौती हो जायेगी। मायावती का कहना है कि भाजपा व आरएसएस को आरक्षण की संवैधानिक व्यवस्था व सामाजिक परिवर्तन के मामले में अपना नजरिया व मानसिकता बदलकर देशहित में सही दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है। केवल बोलने से अब काम चलने वाला नहीं है, बल्कि इस दिशा में सरकारी स्तर पर जरूरी कदम भी उठाने होंगे। पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था को फिर से प्रभावी बनाने के लिये संविधान संशोधन विधेयक को लोकसभा में पारित कराना भी सुनिश्चित करना होगा।
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