नोटबंदी से आहत मुलायम सिंह ने नहीं मनाया जन्मदिन : मायावती
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि सपा प्रमुख मुलायम सिंह को नोटबंदी की सबसे ज्यादा पीड़ा है। इसके चलते मुलायम ने इस बार अपना जन्मदिन नहीं मनाया।
लखनऊ (जेएनएन)। बसपा सुप्रीमो मायावती ने आरोप लगाया कि सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव को नोटबंदी की सबसे ज्यादा पीड़ा है। इसके चलते ही मुलायम ने इस बार अपना जन्मदिन नहीं मनाया। लोगों को गुमराह करने के लिए इसकी वजह रेल हादसे की जनपीड़ा को बताया जा रहा है। आज जारी बयान में मायावती ने कहा कि मुजफ्फरनगर के भीषण सांप्रदायिक दंगों में हजारों लोग व परिवार तबाह हुए परंतु तब जन्मदिन भी मना गया और सैफई महोत्सव भी मनाया गया।
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मायावती ने कहा कि सपा प्रमुख हमेशा सरकारी तामझाम के साथ जन्मदिन मनाते रहे हैं। इस बार नोटबंदी के प्रभाव की पीड़ा ने ही जन्मदिन नहीं मनाने दिया। उन्होंने गाजीपुर रैली को फ्लाप करार देते हुए कहा कि संभावित टिकटार्थियों के सहारे भीड़ जुटायी गयी। रैली में कुर्सियां फेंकने को सपा की आंतरिक कलह से जोड़ते हुए कहा कि सैफई परिवार में वर्चस्व की लड़ाई अभी थमी नहीं है। अंदरूनी टकराव के थम जाने की ड्रामेबाजी मीडिया के सामने की जा रही है परंतु जनता बहकावे में आने वाली नहीं है। मायावती ने मुस्लिम समाज को सावधान करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी भाजपा की मदद करने के लिए मुसलमान वोटों में विभाजन की कोशिश कर रही है। मुस्लिमों को चाहिए कि सपा को वोट देकर भाजपा को मजबूत करने की भूल लोकसभा चुनाव की तरह न करें।
नोटबंदी से पीडि़तों पर सपा करा रही लाठीचार्ज
बसपा अध्यक्ष ने नोटबंदी से बेहाल जनता पर पुलिस के लाठीचार्ज की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि सपा ने भाजपा से मिलीभगत कर जनता पर जुल्म करना शुरू कर दिया है। बैंकों के बाहर लंबी कतारों में भूखे प्यासे खड़े लोगों पर तरस करने के बजाए पुलिस का लाठियां बरसना दुर्भाग्यपूर्ण है। फतेहपुर, संभल, मेरठ, आगरा, बाराबंकी और बागपत जैसे स्थानों की घटनाएं सरकारी अन्याय की पराकाष्ठा है।
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