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Ghosi By Election Result: बूस्टर डोज साबित हुआ घोसी का रिजल्ट, सपा की जीत से I.N.D.I.A पहली परीक्षा में पास

Ghosi By Election Result लोकसभा चुनाव से पहले घोसी विधानसभा सीट के उपचुनाव में सपा को मिली जीत पार्टी के लिए राजनीति का बूस्टर डोज मानी जा रही है। लोकसभा के सेमिफाइनल के तौर पर देखे जा रहे इस उपचुनाव की पहली परीक्षा में आइएनडीआइए पास हो गया है। इस उपचुनाव में बिलकुल उसी तरह दो गठबंधन के बीच सीधी लड़ाई थी।

By Prince SharmaEdited By: Prince SharmaPublished: Sat, 09 Sep 2023 05:30 AM (IST)Updated: Sat, 09 Sep 2023 06:03 AM (IST)
Ghosi By Election Result: बूस्टर डोज साबित हुआ घोसी का रिजल्ट

लखनऊ, शोभित श्रीवास्तव। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले घोसी विधानसभा सीट के उपचुनाव में सपा को मिली जीत पार्टी के लिए राजनीति का ''बूस्टर डोज' मानी जा रही है। उपचुनाव में विपक्षी गठबंधन 'आइएनडीआइए' सत्ताधारी गठबंधन 'एनडीए' से भारी रहा है।

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सीधी लड़ाई में सपा को बड़ी जीत मिली है।

लोकसभा के सेमिफाइनल के तौर पर देखे जा रहे इस उपचुनाव की पहली परीक्षा में 'आइएनडीआइए'' पास हो गया है। इस उपचुनाव में बिलकुल उसी तरह दो गठबंधन के बीच सीधी लड़ाई थी जिसकी कल्पना विपक्षी गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए कर रहा है। सीधी लड़ाई में सपा को बड़ी जीत मिली है।

पूर्व मंत्री व सपा विधायक दारा सिंह चौहान के इस्तीफा देने से रिक्त हुई घोसी विधानसभा सीट के उपचुनाव में वे भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ रहे थे। सपा ने अपने कद्दावर नेता व दो बार के विधायक रहे सुधाकर सिंह को मैदान में उतारा था। कांग्रेस न रालोद ने इस चुनाव में सपा प्रत्याशी का समर्थन किया जबकि भाजपा के समर्थन में सुभासपा, निषाद पार्टी व अपना दल (एस) प्रचार में डटे रहे।

दोनों ही दलों के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का विषय रहा

दोनों ही दलों के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का विषय बना हुआ था, यही कारण है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर प्रदेश सरकार के करीब दो दर्जन मंत्री वहां डटे रहे। अमूमन उपचुनाव से दूरी रखने वाले सपा मुखिया अखिलेश यादव भी न सिर्फ वहां प्रचार करने गए बल्कि अपने वरिष्ठ नेताओं की पूरी फौज उतार दी थी।

अखिलेश के पीडीए (पिछड़ा, दलित व अल्पसंख्यक) फॉर्मूले की भी यह पहली परीक्षा थी, जिसमें वह पूरी तरह सफल हुए। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भी अल्पसंख्यक व पिछड़ा वोट सपा को बहुतायत में मिला था किंतु इस बार इन दोनों के साथ ही दलित वोट भी मिला है। इसका कारण यह भी है कि इस बार बसपा मैदान में नहीं थी और उसके मतदाताओं ने भाजपा व सपा दोनों ही दलों को वोट दिया है।

साल 2022 में इतने मिले थे वोट

वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा को 42.21 प्रतिशत, भाजपा को 33.57 व बसपा को 21.12 प्रतिशत मत मिले थे। इस बार उपचुनाव में सपा को 15 प्रतिशत अधिक 57.19 प्रतिशत वोट मिले हैं जबकि भाजपा को करीब चार प्रतिशत अधिक यानी 37.54 प्रतिशत मत मिले हैं। इससे भी साफ है कि दलित मतदाताओं का बड़ा हिस्सा सपा के खाते में आया है।

घोसी उपचुनाव में मिली जीत से विधानसभा में सपा विधायकों की संख्या में भले ही कोई अंतर नहीं पड़ेगा किंतु विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए में सपा अध्यक्ष अखिलेश और मजबूत होंगे। लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे में उनका पलड़ा भारी रहेगा।

चुनाव जीतने के बाद अखिलेश ने तंज कसते हुए कहा... ये एक ऐसा अनोखा चुनाव है जिसमें जीते तो एक विधायक हैं पर हारे कई दलों के भावी मंत्री हैं। उनका इशारा सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर की तरफ था।


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