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    राजस्थान: कांग्रेस में शामिल हुईं BJP MLA शोभारानी कुशवाहा, राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के लिए हुई थी निष्कासित

    By AgencyEdited By: Manish Negi
    Updated: Wed, 25 Oct 2023 04:46 PM (IST)

    धौलपुर की विधायक शोभारानी कुशवाहा कांग्रेस में शामिल हो गई हैं। राज्यसभा में क्रॉस वोटिंग के कारण बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था। प्रियंका गांधी की झुंझुनू में जनसभा के दौरान शोभारानी कांग्रेस में शामिल हुईं। इस दौरान सीएम अशोक गहलोत भी मौजूद रहे।

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    बीजेपी विधायक शोभारानी कुशवाहा कांग्रेस में शामिल हो गई हैं (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    एजेंसी, जयपुर। राजस्थान के धौलपुर सीट से विधायक शोभारानी कुशवाहा कांग्रेस में शामिल हो गई हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की झुंझुनू के अर्दावाता में एक जनसभा के दौरान शोभारानी ने पार्टी में शामिल हुईं। उनके अलावा बीजेपी के तीन अन्य नेता भी कांग्रेस में शामिल हो गए।

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    इस दौरान प्रियंका गांधी के अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी मौजूद थे।

    बीजेपी ने किया था निष्कासित

    शोभारानी बीजेपी की निष्कासित नेता हैं। बीते साल जून में राज्यसभा चुनाव के दौरान उन्होंने क्रॉस वोटिंग की थी। इसके चलते बीजेपी ने अपनी विधायक को निष्कासित कर दिया था।

    ममता शर्मा ने भी थामा 'हाथ'

    शोभारानी के साथ किशनगढ़ से बीजेपी नेता विकास चौधरी और राष्ट्र महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा भी कांग्रेस में शामिल हो गई। बताया जा रहा है कि विकास चौधरी किशनगढ़ विधानसभा सीट से टिकट ना मिलने से नाराज चल रहे थे।

    मोदी सरकार पर बरसीं प्रियंका गांधी

    कांग्रेस महासचिव ने अपनी जनसभा के दौरान मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया। प्रियंका ने कहा कि देश-प्रदेश चलाने वालों के पास एक विजन होना चाहिए, जिससे जनता के लिए विकास के कार्य किए जाए, लेकिन मोदी सरकार के पास जनता के विकास का कोई विजन नहीं है। पीएम मोदी सिर्फ अपने मित्र के लिए काम कर रहे हैं।

    प्रियंका ने ये भी कहा कि केंद्र ने देश के सारे बड़े PSUs अपने दोस्तों को सौंप दिए हैं। रोजगार इन्हीं सारे संस्थानों से आते थे, लेकिन उनको प्राइवेट कर दिया गया है। खेती-किसानी भी रोजगार का बड़ा जरिया था, लेकिन मोदी सरकार ने किसान कानून से इसे खत्म करने की कोशिश की। जब चुनाव आया, तब जाकर मोदी सरकार ने किसान कानून वापस लिए, लेकिन तब तक किसान आंदोलन में 700 से ज्यादा किसान शहीद हो चुके थे।

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