Rajasthan Election 2023: कांग्रेस आलाकमान व पायलट देखते रहे और गहलोत ने खुद को बता दिया CM चेहरा
कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल सहित अधिकांश राष्ट्रीय नेता यही कहते रहे हैं कि वर्तमान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं। अगले सीएम का फैसला चुनाव परिणाम के बाद निर्वाचित विधायक और कांग्रेस आलाकमान करेगा लेकिन सीएम गहलोत के बयान कुछ और ही दर्शा रहे हैं।

नरेन्द्र शर्मा, जयपुर। कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल सहित अधिकांश राष्ट्रीय नेता यही कहते रहे हैं कि वर्तमान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं। अगले सीएम का फैसला चुनाव परिणाम के बाद निर्वाचित विधायक और कांग्रेस आलाकमान करेगा।
क्या गहलोत ने खुद को CM उम्मीदवार किया घोषित?
वहीं, पूर्व उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट भी लगातार कह रहे हैं कि चुनकर आने वाले विधायक ही विधायक दल का नेता चुनेंगे, लेकिन इस बीच गहलोत ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कई बार खुद को भावी मुख्यमंत्री घोषित कर दिया। गहलोत ने कई बार खुद को सीएम का चेहरा घोषित किया और आलाकमान व पायलट देखते रह गए।
इन्हें टिकट देने को मजबूर हुआ आलाकमान!
यही नहीं आलाकमान को नहीं चाहते हुए भी गहलोत के निकटस्थ निर्दलीय विधायकों को टिकट भी देना पड़ा। ये वे विधायक हैं, जिन्होंने 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशियों को हराया था। हारे हुए प्रत्याशी और कांग्रेस के कई नेता निर्दलीय विधायकों को टिकट देने का विरोध करते रहे, लेकिन गहलोत ने अपने कट्टर समर्थक निर्दलीय विधायकों को इस चुनाव में टिकट भी दिलवा दिया।
गहलोत के बयानों के मायने
गहलोत ने पिछले दिनों दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए कहा था कि मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहता हूं, पद मुझे नहीं छोड़ रहा है और शायद भविष्य में छोड़ेगा भी नहीं।
मंगलवार को जोधपुर में अपने गृहक्षेत्र जोधपुर में अपने समर्थकों से बातचीत में गहलोत ने कहा था कि मैं सीएम हूं और रहूंगा। जोधपुर का विकास करूंगा। आप तो बस कांग्रेस को जीताओ, बाकी मैं हूं ना।
इससे पहले तीन अगस्त को गहलोत ने जयपुर में कहा था कि मैं सीएम पद छोड़ने की सोचता हूं, लेकिन यह पद मुझे नहीं छोड़ रहा। अब आगे देखते हैं क्या होता है। फिर 25 अगस्त को गहलोत ने कहा था कि मेरे मन में आता है कि मुझे सीएम का पद छोड़ देना चाहिए, लेकिन यह पद मुझे नहीं छोड़ रहा है। मैं हर शब्द बोलने से पहले सोचता हूं। सीएम पद मुझे जाने की इजाजत नहीं दे रहा है।
क्या गहलोत को फिर मिलेगा सोनिया गांधी का आशीर्वाद?
पिछले दो सप्ताह में प्रत्याशी तय करने की प्रक्रिया के दौरान गहलोत ने कई बार कहा कि अभी तो मैं सीएम हूं और मुझे पक्का विश्वास है राज्य सरकार की योजनाओं के बल पर हम फिर सत्ता में आएंगे और आप लोगों का प्यार व सोनिया गांधी का आशीर्वाद मुझे फिर मिलेगा। गहलोत बार-बार कह रहे हैं कि हमारी योजनाएं लगातार जारी रहेंगी। यह बात कह कर वे खुद को भावी सीएम बनाने की कोशिश कर रहे हैं। माकपा और राष्ट्रीय लोकदल के साथ गठबंधन की बात को आगे बढ़ाना गहलोत की इसी रणनीति का हिस्सा है।
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'निर्वाचित विधायक करेंगे फैसला'
पायलट लगातार कह रहे हैं कि कांग्रेस को बहुमत मिलने पर निर्वाचित विधायक और आलाकमान सीएम के बारे में निर्णय करेगा। पहले चुनाव जीतना आवश्यक है। इस बीच, आलामान पर दबाव बनाकर गहलोत ने अपने कट्टर समर्थक निर्दलीय विधायकों संयम लोढ़ा, बाबूलाल नागर और ओमप्रकाश हुडला को फिर से टिकट दिलवा दिया, जबकि इनके सामने पिछला चुनाव हारे कांग्रेसी प्रत्याशी और पार्टी नेता निर्दलीयों को टिकट देने के पक्ष में नहीं थे।सर्वे एजेंसी ने भी निर्दलीय विधायकों के पक्ष में रिपोर्ट नहीं दी थी, लेकिन कभी पेशेवर जादुगर रहे गहलोत ने अपनी जादुगरी से फिर भी इन्हें टिकट दिलवा दिया।
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