पंजाब चुनाव: डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ सुबूतों के अभाव में जांच बंद
पंजाब विधानसभा चुनाव में डेरा सच्चा सौदा द्वारा एक दल को समर्थन देने के खिलाफ की गई शिकायत की जांच को चुनाव आयोग ने सुबूतों के अभाव में बंद कर दिया है।
जेएनएन, बठिंडा। पंजाब विधानसभा चुनाव में पार्टी विशेष को समर्थन देकर जनप्रतिनिधित्व अधिनियम और सुप्रीम कोर्ट के नियमों के उल्लंघन करने के आरोप में डेरा सच्चा सौदा सिरसा के खिलाफ की गई शिकायत की जांच सुबूतों के अभाव में बंद कर दी गई है। डेरे के खिलाफ नवांशहर निवासी परविंदर सिंह कितना ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंजाब व जिला निर्वाचन अधिकारी बठिंडा को शिकायत की थी।
शिकायत के अनुसार पार्टी विशेष के कुछ प्रत्याशी डेरा गए थे। इसके बाद डेरा ने पार्टी विशेष को समर्थन देने की घोषणा भी की। ऐसा करना जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों और आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। 31 जनवरी को की गई शिकायत में डेरा सच्चा सौदा को राजनीतिक पार्टियों को समर्थन देने से रोकने की मांग की गई थी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने शिकायत जांच के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी को भेजी थी। इस पर जिला निर्वाचन अधिकारी घनश्याम थोरी ने उप जिला निर्वाचन अधिकारी एवं एडीसी (विकास) डॉ. शेना अग्रवाल को जांच सौंपी थी। इस पर पहले डेरा कमेटी के स्थानीय सदस्य गुरमेल सिंह को नोटिस देकर जवाब मांगा था। गुरमेल का जवाब था कि वे डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालु तो हैं, लेकिन राजनीतिक कमेटी के सदस्य नहीं हैं।
यह भी पढें: Punjab Election 2017: राज्य में मतदान का रिकार्ड टूटा, इस बार 78.62 फीसद वोटिंग
फिर डेरा कमेटी के सदस्य गांव बाहों सीवियां निवासी बलराज सिंह ने निर्वाचन आयोग को जवाब दिया कि डेरा के श्रद्धालुओं ने किसी पार्टी विशेष और उम्मीदवार के पक्ष में चुनाव प्रचार नहीं किया और न ही किसी उम्मीदवार के लिए वोट मांगा। बलराज सिंह के जवाब के अनुसार डेरा सच्चा सौदा ने पंजाब विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार खड़ा नहीं किया और न ही किसी उम्मीदवार ने डेरा के नाम पर वोट मांगा।
शिकायतकर्ता ने भेजी खबरों की कतरनें
डेरा सच्चा सौदा की तरफ से जवाब आने के बाद उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने शिकायतकर्ता परमिंदर सिंह को नोटिस भेज कर डेरा की ओर से पार्टी विशेष का खुला समर्थन करने के सबूत मांगे थे। इस पर परमिंदर ने आयोग को अखबारों की खबरों की कुछ कतरनें भेजी थीं।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. शेना अग्रवाल ने बताया कि डेरा की ओर से किसी राजनीतिक पार्टी को समर्थन देने का सबूत शिकायतकर्ता ने उपलब्ध नहीं करवाया। इसी वजह से शिकायत की जांच बंद की गई। आगामी कार्रवाई के लिए चुनाव आयोग के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को शिकायत की तथ्यात्मक रिपोर्ट भेजी जाएगी।
एसजीपीसी ने बनाई तीन सदस्यीय कमेटी, एक हफ्ते में आएगी रिपोर्ट
उधर, चुनाव में डेरा सिरसा से वोट मांगने गए सियासी पार्टियों के सिख नुमांइदों के इस कदम पर श्री अकाल तख्त नाराज है। इसे अकाल तख्त के हुक्म का उल्लंघन मानते हुए जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने एसजीपीसी को रिपोर्ट सौंपने को कहा है। इस मामले में दखल देते हुए एसजीपीसी के प्रधान प्रो. किरपाल सिंह बडूंगर ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। गठित कमेटी के सदस्य एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।