'मिजोरम में आदिवासियों की जमीन छीनना चाहती है भाजपा', खरगे बोले- कांग्रेस प्रगति के लिए रहती है प्रतिबद्ध
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भाजपा-आरएसएस पर मिजोरम में आदिवासियों की कीमती जमीन छीनने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह अपने दोस्तों की हित में ऐसा कर रही है। खरगे ने कहा कि भाजपा और आरएसएस विविधता और परिवर्तन के खिलाफ हैं और वे अपने मित्रों के कल्याण के लिए आदिवासियों की संपत्ति कीमती जमीन और जंगल छीनना चाहते हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गुरुवार को भाजपा-आरएसएस पर मिजोरम में आदिवासियों की कीमती जमीन छीनने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह अपने दोस्तों की हित में ऐसा कर रही है। उन्होंने क्षेत्रीय पार्टियों मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) और जेडपीएम (जोराम पीपुल्स मूवमेंट) पर भी भाजपा के अनौपचारिक एजेंट होने का आरोप लगाते हुए उनकी कड़ी आलोचना की।
'प्रगति के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रही कांग्रेस'
40 सदस्यीय मिजोरम विधानसभा के लिए सात नवंबर को होने वाले मतदान से पहले एक्स पर पोस्ट में उन्होंने कहा कि मिजोरम के लोग शांति और प्रगति चाहते हैं और इसके हकदार भी हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी 1986 में शांति समझौते के माध्यम से मिजोरम में शांति लाए और 1987 में इसे राज्य का दर्जा दिया गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा प्रगति के लिए प्रतिबद्ध रही है।
मल्लिकार्जुन खरगे ने क्या कुछ कहा?
खरगे ने कहा कि भाजपा और आरएसएस विविधता और परिवर्तन के खिलाफ हैं और वे अपने मित्रों के कल्याण के लिए आदिवासियों की संपत्ति, कीमती जमीन और जंगल छीनना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि एमएनएफ और जेडपीएम भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं।
कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि हम जो वादा करते हैं, उसे पूरा करते हैं। मिजोरम राज्य के लिए हमारी गारंटी कल्याण, समावेशिता और आर्थिक सुरक्षा लाएगी। बता दें कि पिछली बार एमएनएफ ने विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया था और जोरामथांगा राज्य के मुख्यमंत्री बने थे।
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