MP Election: दिलचस्प है हरदा की इस सीट का सियासी समीकरण, चुनावी रण में एक-दूसरे को चुनौती देते दिखते हैं सगे रिश्तेदार
संजय शाह टिमरनी विधानसभा सीट से पिछली तीन बार से विधानसभा चुनाव जीतते आ रहे हैं। पिछली बार उन्होंने अपने भतीजे को 2213 वोटों से पराजित किया था। संजय शाह को तब 64033 वोट मिले थे जबकि अभिजीत शाह को 61820 वोट मिले थे।

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश के सियासी रण में कई दिलचस्प वाक्ये सामने आ रहे हैं। यहां कई सीटों पर सगे रिश्तेदार और कुछ पर तो एक ही परिवार के लोग अलग-अलग पार्टियों के टिकट पर भिड़ते दिख रहे हैं। हरदा जिले की टिमरनी विधानसभा सीट पर चाचा और भतीजा चुनावी मैदान में एक दूसरे को चुनौती देते दिख रहे हैं।
इस बार फिर चाचा-भतीजा आमने-सामने
हरदा जिले की टिमरनी विधानसभा सीट पर इस बार भी चाचा संजय शाह मकराई और भतीजा अभिजीत शाह आमने सामने हैं। पिछली बार हुए चुनाव में चाचा संजय शाह मकराई ने भाजपा के टिकट पर अपने भतीजे कांग्रेस उम्मीदवार अभिजीत शाह को पराजित किया था।
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पिछली तीन बार के विधायक संजय शाह
संजय शाह टिमरनी विधानसभा सीट से पिछली तीन बार से विधानसभा चुनाव जीतते आ रहे हैं। पिछली बार उन्होंने अपने भतीजे को 2213 वोटों से पराजित किया था। संजय शाह को तब 64033 वोट मिले थे, जबकि अभिजीत शाह को 61820 वोट मिले थे।
पिछले चुनावों में क्या रही स्थिति
टिमरनी विधानसभा के लिए 2013 में हुए मतदान में संजय शाह ने कांग्रेस के रमेश इवने को 16507 वोटों से हराया था। तब संजय शाह को 62502 और रमेश को 45995 वोट मिले थे। वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में संजय शाह ने कांग्रेस के मांगीलाल परते को 3691 वोट से हराया। संजय शाह को 29868 और मांगीलाल को 26177 वोट मिले। संजय शाह को वर्ष 2008 में भाजपा से टिकट नहीं मिला था तो वे निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरे थे। लेकिन बाद में भाजपा में शामिल हो गए।
मकराई राजघराने से है तालुक
संजय शाह और अभिजीत हरदा जिले की आदिवासी रियासत मकराई राजघराने से तालुक रखते हैं। राजनीति के जानकारों का कहना है कि पिछली बार चाचा और भतीजे के बीच नजदीकी मुकाबला हुआ था। इस बार यह देखना दिलचस्प होगा कि मतदाता किसे और कितने वोटों के अंतर से चुनते हैं। मध्य प्रदेश के हरदा जिले की टिमरनी विधानसभा सीट आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित सीट है।
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