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    MP Polls 2023: भाजपा के रूठे नेताओं पर दिग्विजय सिंह का दांव, ग्वालियर और श्योपुर में कई BJP नेताओं ने ली कांग्रेस की सदस्यता

    By Jagran NewsEdited By: Devshanker Chovdhary
    Updated: Sat, 11 Nov 2023 08:37 PM (IST)

    मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह उर्फ दिग्गी राजा ग्वालियर-चंबल में एक अलग ही मिशन पर निकले हैं। वह यहां भाजपा के रूठे नेताओं को कांग्रेस की सदस्यता दिलाकर भाजपा में सेंध लगाने का प्रयास कर रहे हैं। गुरुवार को ग्वालियर के एक कार्यक्रम में पूर्व विधायक और भितरवार क्षेत्र में प्रभाव रखने वाले बृजेंद्र तिवारी को अपने पाले में ले आए।

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    दिग्विजय सिंह भाजपा के बागी नेताओं को कांग्रेस में शामिल करने की कोशिश में जुटे हैं। (फाइल फोटो)

    जोगेंद्र सेन, ग्वालियर। मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह उर्फ दिग्गी राजा ग्वालियर-चंबल में एक अलग ही मिशन पर निकले हैं। वह यहां भाजपा के रूठे नेताओं को कांग्रेस की सदस्यता दिलाकर भाजपा में सेंध लगाने का प्रयास कर रहे हैं।

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    भाजपा के कई नेता कांग्रेस में हुए शामिल

    तीन दिन पहले श्योपुर के प्रवास के दौरान उन्होंने भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष व दो बार के नगरपालिका अध्यक्ष रहे दौलतराम गुप्ता और जनपद अध्यक्ष रीना मीणा को कांग्रेस को शामिल कराया। गुप्ता भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य भी हैं।

    भाजपा से बागी हुए कई नेता

    गुरुवार को ग्वालियर के एक कार्यक्रम में पूर्व विधायक और भितरवार क्षेत्र में प्रभाव रखने वाले बृजेंद्र तिवारी को अपने पाले में ले आए। तिवारी इस बार भाजपा से टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी ने सिंधिया समर्थक मोहन सिंह राठौड़ को मैदान में उतार दिया है।

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    दिग्विजय ही नहीं, कांग्रेस की एक पूरी टीम संभाग के सभी आठों जिलों में भाजपा के ऐसे रूठों पर पैनी नजर गड़ाए हुए है, जो मतदान से पहले कांग्रेस में शामिल होकर कांग्रेस का हाथ थाम लें। टीम जब ऐसे नेताओं को खोज लेती है तो वह दिग्विजय सिंह और कमल नाथ से उनकी बात कराती है। ऐसे नेताओं को कांग्रेस में पूरा मान-सम्मान देने के साथ पार्टी की प्रदेश में सरकार बनने पर एडजस्ट करने का भी भरोसा दिलाया जा रहा है।

    एक-एक सीट पर होमवर्क

    कांग्रेस ने ग्वालियर-चंबल और मध्य प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड की 38 सीटों के अलावा प्रदेश की कुछ ऐसी सीटें चिह्नित कर रखी हैं, जहां से पार्टी जीत दर्ज कर सकती है। हालांकि, इसके लिए भाजपा में उपजे असंतोष का लाभ लेकर कामयाबी पाई जा सकती है।

    इसी रणनीति के तहत ग्वालियर जिले में सबसे पहला झटका केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को दिया। उनके साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए पूर्व विधायक मदन कुशवाह को राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के मंच पर लाकर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कराई गई। हालांकि, भाजपा ने मदन कुशवाह को पूरा सम्मान दिया था।

    उन्हें संगठन में प्रदेश मंत्री का दायित्व सौंपा था, किंतु उनकी महत्वकांक्षा एक बार फिर चुनाव लड़ने की थी। कांग्रेस ने इस दांव से कुशवाह समाज के वोटों को साधने का प्रयास किया है। इसी तरह पूर्व विधायक बृजेंद्र तिवारी की राजनीतिक शिक्षा-दीक्षा समाजवाद के पाठ्यक्रम से हुई है। भितरवार विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक रह चुके हैं।

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    तिवारी की इच्छा 2018 में भी भितरवार से चुनाव लड़ने की थी, किंतु पार्टी ने पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा को टिकट थमा दिया था। उस समय भी उन्होंने सार्वजनिक रूप से नाराजगी जाहिर की थी। इस बार उन्होंने किसान व ब्राह्मण समाज का सम्मेलन कर भितरवार से टिकट की दावेदारी की थी।

    पार्टी ने उनकी नाराजगी को नजर अंदाज कर दिया। गुरुवार को दिग्विजय सिंह के सामने तिवारी ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली। दिग्विजय सिंह का शुक्रवार को भिंड का प्रवास रद हो गया।