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    MP Election 2023: भाजपा के इस प्रयोग ने बढ़ाई प्रत्याशियों की चिंता, अब रखना पड़ेगा पूरा हिसाब

    By Prince SharmaEdited By: Prince Sharma
    Updated: Wed, 30 Aug 2023 08:23 AM (IST)

    MP Election 2023 भाजपा का मानना है कि इससे प्रत्याशियों को भरपूर समय मिल जाएगा और यहां सिमट चुकी पार्टी को बढ़त बनाने में मदद मिलेगी। हालांकि इतना पहले टिकट मिलने से कई प्रत्याशी परेशान भी हो रहे हैं। टिकट मिलते ही प्रत्याशियों के घरों में भंडारा शुरू हो गया है। अभी कृष्ण जन्माष्टमी गणेशोत्सव फिर दुर्गोत्सव है जिसका चंदा हर जगह उनसे मांगा जा रहा है।

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    MP Election 2023: भाजपा के इस प्रयोग ने बढ़ाई प्रत्याशियों की चिंता, अब रखना पड़ेगा पूरा हिसाब

    रायपुर, मृगेंद्र पांडेय। आमतौर पर विधानसभा चुनाव में चुनाव के 15-20 दिन पूर्व तक प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं होती है, परंतु इस बार भाजपा ने बढ़त बनाने के लिए नया प्रयोग करते हुए चार महीने पहले ही 21 प्रत्याशियों को टिकट जारी कर दिया है।

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    पार्टी का मानना है कि इससे प्रत्याशियों को भरपूर समय मिल जाएगा और यहां सिमट चुकी पार्टी को बढ़त बनाने में मदद मिलेगी। हालांकि इतना पहले टिकट मिलने से कई प्रत्याशी परेशान भी हो रहे हैं। टिकट मिलते ही प्रत्याशियों के घरों में भंडारा शुरू हो गया है।

    प्रत्याशियों को करना पड़ रहा जेब खर्च

    सुबह से शाम तक सैकड़ों लोगों का चाय नाश्ता, भोजन व अन्य खर्च प्रारंभ हो गए हैं। एक पखवाड़े के प्रचार में पार्टी फंड और दूसरी मदद भी मिलती है, परंतु अभी प्रत्याशियों को जेब से ही खर्च करना पड़ रहा है। कुछ प्रत्याशियों ने इसका तोड़ यह निकाला कि अलसुबह ही गांव के दौरे पर जाने लगे, हालांकि इससे भी राहत नहीं मिली। अभी कृष्ण जन्माष्टमी, गणेशोत्सव फिर दुर्गोत्सव है, जिसका चंदा हर जगह उनसे मांगा जा रहा है।

    एक प्रत्याशी ने बताया कि पहले ही दिन एक लाख खर्च हो गया। धमतरी जिले के एक प्रत्याशी ने कहा कि क्षेत्र में आदिवासी बहुल इलाके में अलग-अलग तरह की सार्वजनिक पूजा होती है। हर व्यक्ति को उम्मीद रहती है कि प्रत्याशी कुछ न कुछ आर्थिक मदद करे।

    छोटी मदद करने में भी रोजाना 60 से 70 हजार रुपये खर्च हो जाते हैं। महासमुंद के एक प्रत्याशी ने बताया कि पिछले 10 दिनों में तीन लाख रुपये खर्च हो गए। प्रचार के लिए अभी तक समर्थकों के साथ एक-दो गाड़ी में जाने से काम चल जाता था, लेकिन टिकट मिलने के बाद काफिला बड़ा हो गया है। 50 समर्थकों के साथ क्षेत्र में पहुंचना पड़ रहा है, जिसके खर्च का मीटर अभी से चालू हो गया है।

    खर्च बढ़ा, आगे और बढ़ने की उम्मीद

    सरगुजा संभाग में भाजपा ने पांच विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिया है। सभी प्रत्याशी पहले से अपने विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय थे। इन प्रत्याशियों का कहना है अभी सामान्य तौर पर ही जनसंपर्क कर रहे हैं। पहले भी जनसंपर्क में जाते थे, तो कई जगह लोग पैसे की मांग करते थे।

    युवा खेल सामग्री की मांग करते थे। यथाशक्ति हम सब उसे पूरा भी करते रहते हैं। अभी वैसा चुनावी खर्च शुरू नहीं हुआ है, जितने कार्यकर्ता घर में आते थे, उतने ही आ रहे हैं। आने वाले दिनों में जब सक्रियता से जनसंपर्क अभियान शुरू होगा तो निश्चित रूप से खर्च बढ़ेंगे। यहां के तीन विधानसभा क्षेत्र में विरोध के कारण प्रत्याशी असमंजस की स्थिति में हैं। इस कारण जनसंपर्क से दूर हैं।

    खर्च सीमित करने का खोज रहे उपाय

    प्रत्याशी खर्च सीमित करने का भी उपाय खोज रहे हैं। महासमुंद की खल्लारी व सरायपाली विधानसभा क्षेत्र में 300 से अधिक गांव है। प्रत्याशियों ने एक दिन में चार से पांच गांव का दौरा शुरू कर दिया है। खर्चे को सीमित करने के लिए प्रचार के दौरान गांव में कार्यकर्ता के घर भोजन कर रहे हैं।

    कार्यकर्ताओं को गाड़ी लेकर आने के लिए कहा जा रहा है। भाजपा के एक प्रबल दावेदार का कहना है कि चुनाव पर खर्च के लिए 30 से 35 लाख का बजट रखने वाले चार महीना पहले नाम की घोषणा होने से आर्थिक रूप से बर्बाद हो जाएंगे। यदि पार्टी ऐसे प्रत्याशियों को आर्थिक सहयोग नहीं देती तो जमीन बेचकर चुनाव लड़ने की स्थिति आ जाएगी।