MP Election 2023: BJP ने बदली रणनीति, सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतारने की तैयारी; कुछ टिकट की दौड़ में
MP Election 2023 फिलहाल पार्टी जिन सांसदों को विधानसभा में लाना चाहती है उनमें विवेक शेजवलकर संध्या राय हिमाद्री सिंह रीति पाठक राव उदय प्रताप सिंह गणेश सिंह गजेंद्र पटेल और रोडमल नागर जैसे नाम हैं। वहीं कुछ सांसद ऐसे भी हैं जो विधानसभा चुनाव की टिकट की दौड़ में हैं उनमें शंकर लालवानी सुधीर गुप्ता और अनिल फिरौजिया शामिल हैं।

भोपाल, धनंजय प्रताप सिंह। नवंबर में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में प्रदेश के कुछ लोकसभा सदस्य भी अपना भाग्य आजमाना चाहते हैं तो कुछ को पार्टी चुनाव लड़वाने की तैयारी कर रही है। पार्टी सूत्रों का मानना है कि लगभग आठ सांसद ऐसे हैं जिनको चुनाव लड़वाने पर विचार किया जा रहा है, वहीं चार- पांच सांसद खुद ही विधानसभा चुनाव की टिकट की दौड़ में हैं। ऐसा प्रयोग भाजपा ने पहले भी किया था, तब सरताज सिंह, नीता पटैरिया, रामकृष्ण कुसमारिया जैसे नेताओं को विधानसभा चुनाव लड़वाया गया था और वे सभी सांसद विधानसभा चुनाव जीत गए थे।
एमपी विधानसभा चुनाव
फिलहाल पार्टी जिन सांसदों को विधानसभा में लाना चाहती है, उनमें विवेक शेजवलकर, संध्या राय, हिमाद्री सिंह, रीति पाठक, राव उदय प्रताप सिंह, गणेश सिंह, गजेंद्र पटेल, और रोडमल नागर जैसे नाम हैं। वहीं कुछ सांसद ऐसे भी हैं, जो विधानसभा चुनाव की टिकट की दौड़ में हैं, उनमें शंकर लालवानी, सुधीर गुप्ता और अनिल फिरौजिया शामिल हैं। सांसदों की रूचि विधानसभा चुनाव में रहती भी है क्योंकि पहले कुछ सांसद विधानसभा चुनाव जीतकर मंत्री बन चुके हैं।
होशंगाबाद लोकसभा सीट
कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामने वाले होशंगाबाद लोकसभा सीट से चुनाव जीतने वाले राव उदय प्रताप सिंह भी अब विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। सिंह 2014 के पहले भाजपा में शामिल हुए थे। पहले उनकी रूचि सिवनी मालवा या होशंगाबाद सीट पर थी लेकिन अब पार्टी उन्हें तेंदूखेड़ा से कांग्रेस के बाहुबली विधायक संजय शर्मा के विरूद्ध विधानसभा चुनाव लड़ाने पर विचार कर रही है। इसी तरह ग्वालियर से महापौर रहे सांसद विवेक शेजवलकर का नाम भी ग्वालियर दक्षिण से विधानसभा सीट के सर्वे में आया है।
विधानसभा सीट का प्रत्याशी
संध्या राय भिंड से सांसद हैं, पहले वे विधानसभा की सदस्य रह चुकी हैं। अनुसूचित जाति की सीट से संध्या को चुनाव लड़वाया जा सकता है। हिमाद्री सिंह शहडोल सांसद हैं, उनको अनुसूचित जनजाति की सीट से विधानसभा सीट का प्रत्याशी बनाया जा सकता है। इसी तरह सीधी सांसद रीति पाठक को भी विधानसभा में लाए जाने का विचार है। सतना सांसद गणेश सिंह को भी सतना जिले की ओबीसी बहुल सीट और गजेंद्र पटेल को खरगोन की सुरक्षित सीट से प्रत्याशी बनाए जाने पर पार्टी मंथन कर रही है।
विधानसभा में लौटने की इच्छा
राजगढ़ सांसद रोडमल नागर को भी जयवर्धन सिंह की घेराबंदी के लिए विधानसभा चुनाव लड़वाया जा सकता है। इधर, उज्जैन सांसद अनिल फिरौजिया ने भी विधानसभा में लौटने की इच्छा रखते हैं। वहीं, इंदौर सांसद शंकर ललवानी इंदौर चार से मालिनी गौड़ की सीट से टिकट चाह रहे हैं। दरअसल, 2008 के विधानसभा चुनाव सांसद रहे सरताज सिंह और रामकृष्ण कुसमरिया विधानसभा चुनाव जीतकर मंत्री बन गए थे। सिर्फ नीता पटेरिया को ही उन दिनों सांसद से विधायक बनने पर मंत्री पद नहीं मिला था। भूपेंद्र सिंह भी सांसद रहने के बाद 2013 में विधानसभा लौटे और मंत्री बने। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी सांसद रहे हैं।

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