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    MP Election 2023: विधानसभा चुनाव से पहले शिवराज कैबिनेट का विस्तार, पढ़ें कौन हैं शपथ लेने वाले तीन नए मंत्री

    By Jagran NewsEdited By: Achyut Kumar
    Updated: Sat, 26 Aug 2023 10:40 AM (IST)

    मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव (MP Assembly Election 2023) से पहले शनिवार को कैबिनेट का विस्तार किया गया। इस दौरान तीन विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। शपथ लेने वालों में राजेंद्र शुक्ला गौरीशंकर बिसेन और राहुल लोधी शामिल हैं। राहुल पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भतीजे हैं। वे पहली बार विधायक चुने गए हैं। नए मंत्रियों को अभी विभागों का बंटवारा नहीं किया गया है।

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    MP Cabinet Expansion: विधानसभा चुनाव से शिवराज कैबिनेट का विस्तार, तीन नए सदस्य शामिल

    भोपाल, जागरण डिजिटल डेस्क। MP Cabinet Expansion: मध्य प्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा की कोशिश सत्ता बरकरार रखने की है। इसके लिए उसने अपनी तैयारियां तेज कर दी है। इसी कड़ी में शनिवार को शिवराज कैबिनेट का विस्तार किया गया। इस दौरान तीन विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। इसके साथ ही मंत्रिमंडल में अब 34 सदस्य हो गए हैं।

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    राजभवन में विधायकों को दिलाई गई मंत्री पद की शपथ

    राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने सुबह करीब नौ बजे राजभवन में तीन विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई। जिन विधायकों को शपथ दिलाई गई, उनमें राजेंद्र शुक्ला, गौरीशंकर बिसेन और राहुल लोधी शामिल हैं। शुक्ला और बिसेन ने कैबिनेट मंत्री, जबकि लोधी ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया। अभी तक तीनों को विभाग आवंटित नहीं किया गया है।

    कौन हैं मंत्री पद की शपथ लेने वाले तीन नए विधायक?

    राजेंद्र शुक्ला

    पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला एक ब्राह्मण नेता और विंध्य क्षेत्र के रीवा से चार बार विधायक रहे हैं। उन्होंने इससे पहले मध्य प्रदेश सरकार में वाणिज्य मंत्री के रूप में कार्य किया था।

    गौरी शंकर बिसेन

    गौरीशंकर बिसेन महाकोशल क्षेत्र के बालाघाट से सात बार के विधायक हैं। वे एमपी पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष भी हैं। वे पहले भी मंत्री के रूप में शिवराज सरकार के अधीन काम कर चुके हैं।

    राहुल लोधी

    वहीं, राहुल लोधी बुन्देलखण्ड क्षेत्र के टीकमगढ़ जिले के खड़गपुर से पहली बार विधायक बने हैं। राहुल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भतीजे हैं। राज्य की आबादी में ओबीसी की आबादी करीब 40 फीसदी है।

    बताया जाता है कि राहुल के नाम पर कुछ दिग्गज नेता असहमत थे, लेकिन उमा भारती के दबाव में राहुल का नाम तय किया गया। कहा यह भी जा रहा है कि ग्वालियर से लाल सिंह आर्य का नाम भी मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए चर्चा में आया था, लेकिन उनके नाम पर सहमति नहीं बन सकी।

    जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधने की कोशिश

    मंत्रालय विस्तार के जरिए भाजपा ने जातीय समीकरण साधने की कोशिश की है। बिसेन (71) और लोधी (46) अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय से हैं, जो मध्य प्रदेश की आबादी का 45 प्रतिशत से अधिक है। वहीं, राजेंद्र शुक्ला को शामिल करने से राज्य के विंध्य क्षेत्र से मंत्रियों की संख्या चार हो गई है, जबकि बिसेन के शामिल होने से महाकोशल क्षेत्र में यह संख्या दो हो गई है। राहुल के शामिल होने से बुंदेलखण्ड क्षेत्र से मंत्रियों की संख्या पांच हो गई है।

    मंत्री बनने की रेस में शामिल थे ये विधायक

    मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री जालम सिंह, केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद पटेल के छोटे भाई लालसिंह आर्य, जो भाजपा एससी मोर्चा के अध्यक्ष हैं, के नाम भी चर्चा में थे लेकिन वे कैबिनेट में जगह नहीं बना सके। कैबिनेट विस्तार के माध्यम से भाजपा ने राज्य में जाति और क्षेत्रीय समीकरण को संतुलित करने की कोशिश की है, जहां तीन महीने से भी कम समय में विधानसभा चुनाव होंगे।

    मध्य प्रदेश में कब हुआ था आखिरी विधानसभा चुनाव?

    मध्य प्रदेश में आखिरी विधानसभा चुनाव 28 नवंबर, 2018 को हुए थे। कमलनाथ मुख्यमंत्री बने, लेकिन मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के बगावत के बाद शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने। 

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