MP Election 2023: एमपी चुनाव में प्याज बनेगा मुद्दा, निर्यात शुल्क लगाने पर कांग्रेस शुरू करेगी अभियान
MP Election 2023 उत्पादन बढ़ने के साथ-साथ लागत भी बढ़ रही है पर उपज की कीमत नहीं मिल रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग बढ़ने के कारण प्रति किलोग्राम प्याज पर औसत 15-16 मिल रहे थे लेकिन केंद्र सरकार ने 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगा दिया। इससे देश के बाहर प्याज जाना कम हो गया जिसका असर कीमतों पर भी पड़ा है।
भोपाल, जेएनएन। प्याज पर केंद्र सरकार द्वारा 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाने को मुद्दा बनाएगी। पार्टी इसके विरोध में 27 अगस्त से अभियान प्रारंभ करेगी। इसकी शुरुआत कालापीपल विधानसभा क्षेत्र से किसान सभा कर की जाएगी। उधर, रतलाम, मंदसौर, नीमच आदि जिलों में किसान निर्यात शुल्क को लेकर प्रदर्शन कर विरोध दर्ज करा चुके हैं। प्रदेश उद्यानिकी फसलों का क्षेत्र प्रतिवर्ष बढ़ रहा है। प्याज का उत्पादन 2017-18 में 37.01 लाख टन था, जो 2021-22 में बढ़कर 51.61 लाख टन हो गया। मालवांचल में किसान प्याज की खेती बड़े पैमाने पर करते हैं।
उत्पादन बढ़ने के साथ-साथ लागत भी बढ़ रही है पर उपज की कीमत नहीं मिल रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग बढ़ने के कारण प्रति किलोग्राम प्याज पर औसत 15-16 मिल रहे थे लेकिन केंद्र सरकार ने 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगा दिया। इससे देश के बाहर प्याज जाना कम हो गया, जिसका असर कीमतों पर भी पड़ा है। किसान नेता डीपी धाकड़ का कहना है कि डीजल-पेट्रोल, खाद-बीज महंगे होने के कारण खेती की लागत बढ़ी है। इसकी तुलना में उपज के भाव नहीं मिल रहे हैं।
40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाए जाने से मंडियों में भाव फिर पुरानी स्थिति में आ गया है। किसान इसके विरोध में हैं। उधर, कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी का कहना है कि किसानों के हितों पर लगातार चोट की जा रही है। गेहूं का समर्थन मूल्य तीन हजार रुपये प्रति क्विंटल की मांग को नहीं माना गया और अब प्याज पर निर्यात शुल्क लगा दिया। इसके विरोध में अभियान की शुरुआत 27 अगस्त को कालापीपल में किसान सभा होगी। इसके बाद अन्य स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।