Lok Sabha Election 2019 Phase III : बिहार में फिर वोटिंग ने किया निराश, 2014 से महज एक प्रतिशत बढ़ा
बिहार में एक बार फिर मतदाताओं ने निराश किया। मंगलवार को पांच लोकसभा सीटों के लिए मतदान हुआ। इसका प्रतिशत 2014 की तुलना में महज एक प्रतिशत बढ़ा। वहीं दूसरे चरण की तुलना में कम रहा।
पटना [राजेश ठाकुर]। बिहार में मंगलवार को तीसरे चरण की वोटिंग हो गई। तीसरे चरण में अररिया, खगडि़या, झंझारपुर, मधेपुरा और सुपौल में वोट डाले गए। उम्मीद थी कि इस बार वोटिंग का प्रतिशत बढ़ेगा। वोटरों को जगाने के लिए निर्वाचन आयोग से लेकर तमाम संस्थाओं की ओर से जागरुकता कार्यक्रम चलाए जा रहे थे। सुबह में बूथों पर लंबी कतारों को देखकर भी प्रशासन में उत्साह जगा। लेकिन वोटिंग के खत्म होने के बाद जो आंकड़े बिहार निर्वाचन आयोग की ओर से आए, उससे बेशक सबों को निराशा हुई है। बता दें कि इस बार 82 प्रत्याशी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। 23 मई को काउंटिंग के बाद पता चलेगा कि किसकी किस्मत चमकी और कौन मायूस रहा।
2014 की तुलना में महज 0.92 प्रतिशत का इजाफा
आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2014 की तुलना में 2019 में इन पांच सीटाें पर हुई वोटिंग में एक प्रतिशत से भी कम का इजाफा हुआ है। निर्वाचन आयोग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार महज 0.92 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। आयोग के अनुसार इन पांच सीटों पर 2014 में 59.08 प्रतिशत का मतदान हुआ था, जबकि इस बार 60 प्रतिशत वोट डाले गए।
बताते हैं आंकड़े
अगर लोकसभा क्षेत्रों के अनुसार भी आंकड़े देखते हुए हैं तो कमोवेश उसमें भी यही स्थिति है। वर्ष 2014 में झंझारपुर में 55.99 परसेंट, सुपौल में 62.24 परसेंट, अररिया में 60.46 परसेंट, मधेुपरा में 58.61 परसेंट तथा खगडि़या में 58.08 परसेंट वोट पड़े थे। वहीं आज हुई वोटिंग के अनुसार झंझारपुर में 56.92 परसेंट, सुपौल में 62.80 परसेंट, अररिया में 62.34 परसेंट, मधेपुरा में 59.12 तथा मधेपुरा में 58.83 परसेंट मतदान हुआ है।
दूसरे चरण से भी दो प्रतिशत कम वोटिंग
गौरतलब है कि बिहार में दूसरे चरण में कुछ ऐसी ही स्थिति रही थी। दूसरे चरण यानी 18 अप्रैल को भी सुबह लोगों ने बढ़-चढ़ कर वोट डाले। नए वोटरों में भी उत्साह दिखा, पर शाम में वोटिंग का रिजल्ट आया, तो वोट के प्रतिशत में आंशिक बढ़त ही हुई थी। दूसरे चरण में बिहार के बांका, भागलपुर, पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार में वोट डाले गए थे। इन पांचों क्षेत्रों में वर्ष 2014 में 61.93 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि 18 अप्रैल को इन सीटों पर औसत मतदान 62.52 रहा। यानी दूसरे चरण से भी इस बार दो प्रतिशत मतदान कम हुआ। बता दें कि पहले चरण में भी इसी तरह वोटिंग प्रतिशत में सुस्त इजाफा हुआ था, तब कहा गया था कि चैती छठ के कारण लोग नहीं निकले, लेकिन अब लोग भीषण पड़ रही गर्मी को कारण बता रहे हैं। हालांकि मंगलवार का मौसम पूर्वाह्न में काफी सुहाना था।
तीसरे चरण की वोटिंग के प्रतिशत पर एक नजर
लोस क्षेत्र 2019 2014
झंझारपुर 56.12 55.99
सुपौल 62.80 62.24
अररिया 62.34 60.46
मधेपुरा 59.12 58.61
खगडि़या 58.83 58.08
दूसरे चरण की वोटिंग के प्रतिशत पर एक नजर
लोस क्षेत्र 2019 2014
बांका 58.00 57.69
भागलपुर 58.20 57.38
कटिहार 68.20 67.39
पूर्णिया 64.50 63.88
किशनगंज 64.10 63.31