UP Lok Sabha Election Result 2019 : बढ़े मतों का बड़ा हिस्सा भाजपा ने झटका
लोकसभा के लिए हुए चुनाव में नए वोटरों पर सबकी निगाहें थीं और उन्हें अपने पाले में खींचने के लिए सभी दलों ने जमकर जोर-आजमाइश भी की लेकिन भाजपा अपने विरोधियों पर बीस पड़ी।
लखनऊ [अजय जायसवाल]। अप्रैल-मई की भीषण गर्मी में वोटिंग का नया कीर्तिमान बनाने वाले मतदाताओं के जोश का सर्वाधिक फायदा भाजपा को मिला है। चुनाव में बढ़े मतों के बंटवारे से साफ है कि ज्यादातर बढ़े मतदाता ‘नमो सुनामी’ के साथ रहे। ‘नमो सुनामी’ के चलते जहां सपा-कांग्रेस अपने किले तक न बचा सकी वहीं दोनों का वोट बैैंक भी खिसक गया है। हालांकि, पिछले चुनाव में शून्य पर सिमटी बसपा खाता खोलने के साथ ही अपने वोट बैैंक को भी बढ़ाने में कामयाब रही है।
दरअसल, सूबे की 80 लोकसभा सीटों पर पिछले चुनाव से अबकी तकरीबन 70.48 लाख ज्यादा मतदाता थे। गौर करने की बात यह कि इनमें से 18 वर्ष की दहलीज पार करने वाले युवा मतदाताओं की संख्या ही तकरीबन 17 लाख थी। अगर 29 वर्ष तक के मतदाताओं की हिस्सेदारी देखें तो वह 26.61 फीसद यानि 3.74 करोड़ थी। गर्मी के बावजूद चूंकि अबकी कहीं ज्यादा मतदाता घरों से निकले इसलिए पिछले चुनाव से इस बार 56.63 लाख अधिक वोट पड़े जिसमें युवा मतदाताओं की अहम भूमिका है।
चुनावी नतीजों के आंकड़े से साफ है कि अधिक पड़े मतों के बंटवारे का सर्वाधिक फायदा भाजपा को मिला है। वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों को देखते हुए साफ है कि अबकी भाजपा को पहले से 6.93 फीसद यानि 85.38 लाख ज्यादा वोट मिले हैं। भाजपा की सहयोगी अपनादल (एस) भी जिन दो सीटों पर पिछली बार लड़ी थी उससे अबकी दोनों जीतने वाली सीटों पर 2.27 लाख ज्यादा वोट हासिल की हैै।
सपा-रालोद से गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरी बसपा की कुल पड़े वोट में पहले से हिस्सेदारी भले की कुछ कम हुई है लेकिन उसकी सीट बढ़ने के साथ ही वोट भी बढ़े हैैं। शून्य से 10 सीटों पर पहुंची बसपा के वोट में 7.44 लाख का इजाफा हुआ है। रालोद के भी 7.57 लाख वोट बढ़े हैैं लेकिन बढ़े का फायदा सीटों में तब्दील नहीं हो सका है। चुनाव में हर तरह से सर्वाधिक नुकसान में सपा रही है। पहले से 4.39 फीसद वोट घटने के साथ ही सपा को 24.55 लाख वोटों का नुकसान हुआ है। सपा की सीटें भी सात (दो उपचुनाव में जीती) से घटकर पांच रह गई।
नमो सुनामी के चलते अबकी चुनाव में कांग्रेस को और बड़ा झटका लगा है। 67 सीट पर लड़ने वाली कांगे्रस दो से एक सीट पर सिमट कर रह गई और उसका वोट भी 1.22 फीसद घटकर 6.31 फीसद ही रह गया है। कुल मतों में इजाफा होने के बावजूद कांग्रेस के 6.03 लाख वोट खिसक गए हैैं। साफ है कि मतदान के प्रति युवाओं के बढ़े जोश का वोट और सपा-कांग्रेस के घटे वोट का बड़ा हिस्सा भाजपा की ही झोली में गया है।
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