Move to Jagran APP

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की जीत से बदलेंगे भाजपा के समीकरण, चुनाव पूर्व नेताओं ने की थी शिकायत

कुछ महीनों बाद मध्य प्रदेश में होने वाले संगठन चुनाव और नगर निगम चुनाव में आ सकता है समन्वय का संकट। लोकसभा चुनाव के दौरान विधायकों व पदाधिकारियों संग समन्वय सही नहीं था।

By Amit SinghEdited By: Published: Fri, 24 May 2019 10:46 PM (IST)Updated: Fri, 24 May 2019 10:47 PM (IST)
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की जीत से बदलेंगे भाजपा के समीकरण, चुनाव पूर्व नेताओं ने की थी शिकायत
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की जीत से बदलेंगे भाजपा के समीकरण, चुनाव पूर्व नेताओं ने की थी शिकायत

भोपाल, जेएनएन। नाथूराम गोडसे विवाद और मालेगांव बम धमाके जैसे आरोपो में फंसने के बाद भी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने मध्य प्रदेश की भोपाल सीट से जबरदस्त जीत दर्ज की है। उनकी ये जीत इसलिए और बड़ी हो जाती है क्योंकि उन्होंने यहां पर कांग्रेस के दिग्गज नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके दिगविजय सिंह को हराया है। साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की जीत से राज्य में भाजपा के सियासी समीकरणों में भी जल्द बदलाव नजर आएगा।

loksabha election banner

लोकसभा चुनाव के दौरान स्थानीय विधायकों और पदाधिकारियों के साथ साध्वी प्रज्ञा का समन्वय बहुत अच्छा नहीं था। कई नेताओं ने साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ आलाकमान से शिकायतें भी की थीं। साध्वी के जीतने के बाद खुद संगठन नेताओं का मानना है कि आगे संगठन चुनाव होना है और नगर निगम के भी चुनाव प्रस्तावित हैं। ऐसे हालात में साध्वी प्रज्ञा का दखल बढ़ेगा, जिससे निकट भविष्य में उनकी मौजूदगी से सियासी समीकरणों में बदलाव आना तय है।

पार्टी सूत्रों का मानना है कि भोपाल संसदीय क्षेत्र की आठों विधानसभा सीट पर साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को बंपर वोट मिले हैं। गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र का ही उदाहरण लें तो कृष्णा गौर की तुलना में साध्वी प्रज्ञा को यहां से 80 हजार ज्यादा वोट मिले हैं। यही हाल उन सीटों पर भी रहा, जहां भाजपा प्रत्याशी विधानसभा का चुनाव हार गए थे। भारी संख्या में वोटों की इस बढ़त ने साध्वी प्रज्ञा का आत्मविश्वास बढ़ाया है।

सांसद आलोक संजर के कार्यकाल की बात करें तो वे पार्षद से सांसद बने थे। उन दिनों भोपाल की राजनीति में सक्रिय विधायक और नेताओं में से ज्यादातर उनसे सीनियर थे। सुरेंद्रनाथ सिंह, उमाशंकर गुप्ता, रामेश्वर शर्मा और बाबूलाल गौर जैसे नेताओं ने उनकी एंट्री अपने विधानसभा क्षेत्र में नहीं होने दी। अब साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर नई धमक के साथ भोपाल के साथ क्षेत्र की हर विधानसभा क्षेत्र में अपनी टीम तैयार करेंगी और यहीं से भोपाल की राजनीति में बदलाव आएगा।

टकराव की आशंका
कुछ ही महीनों में भाजपा के संगठन चुनाव होने हैं। उसके बाद नगर निगम के चुनाव आ जाएंगे। नए मंडल अध्यक्ष से लेकर पार्षद चुने जाने की प्रक्रिया होगी। साध्वी चाहेंगी कि इस उनके लोग एडजेस्ट हों। स्वाभाविक है कि इससे टकराव बढ़ेगा। इस समय भोपाल मध्य, उत्तर और दक्षिण पश्चिम में भाजपा के विधायक नहीं हैं। स्वाभाविक तौर पर साध्वी प्रज्ञा इन इलाकों में ज्यादा प्रभाव छोड़ेंगी। उनका दखल ज्यादा रहेगा। इसके अलावा भी भोपाल की राजनीति को नियंत्रित करने में पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी, कैलाश सारंग या बाबूलाल गौर की भूमिका महत्वपूर्ण हुआ करती थी। अंतिम फैसला शिवराज सिंह चौहान की सहमति से हो जाता था, पर अब शिवराज को छोड़ इन दिग्गज नेताओं का राजनीति में दखल नहीं रहा। ऐसे में साध्वी सारे सूत्र अपने हाथों में समेटने की कोशिश करेंगी।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.