Priyanka Vadra के वाराणसी से चुनाव लड़ने की बातें अफवाह ही साबित हुईं
Priyanka vadra कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की बहन हैं और उनके वाराणसी से पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की बातें चल रही थीं। यह बातें आखिरकार अफवाह साबित हुईं।
वाराणसी, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देने के लिए कांग्रेस की महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका वाड्रा को चुनावी मैदान में उतारे जाने की बातें उड़ रही थीं। खबरें थीं कि आगामी 29 अप्रैल को वह वाराणसी संसदीय सीट से नामांकन करने वाली हैं। हालांकि, यह भी कहा गया कि इस बाबत आधिकारिक घोषणा 27 अप्रैल को दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय से हो सकती है। इस बीच कांग्रेस ने पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ अजय राय को टिकट थमा दिया है।
इससे पहले जब प्रियंका के वाराणसी से चुनाव लड़ने की अफवाह उड़ रही थी, उस वक्त मुख्यालय से आए फोन पर संगठन की तैयारियों को बिंदुवार प्रस्तुत किया गया। भरोसा दिया गया कि कांग्रेस संगठन की तैयारी जमीनी स्तर पर है। जिलाध्यक्ष प्रजानाथ शर्मा ने प्रियंका वाड्रा के चुनावी मैदान में उतरने की पुष्टि तो नहीं की, लेकिन वाराणसी से नामांकन को लेकर इन्कार भी नहीं किया। राष्ट्रीय सचिव बाजीराव खड़े, राष्ट्रीय कोआर्डिनेटरराहुल त्रिपाठी, पूर्व विधायक अजय राय ने गांव-गांव भ्रमण शुरू कर दिया था। खुद 2014 लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रत्याशी रहे अजय राय ने प्रियंका के बनारस के चुनाव मैदान में उतरने की प्रबल संभावना जतायी थी।
निशाना मुस्लिम वोटरों पर
खबरें थीं कि मोदी की तरह दर्शन-पूजन के बाद नामांकन करने की योजना बन रही। काल भैरव मंदिर से दर्शन-पूजन कर नामांकन के लिए निकलने की बात की जा रही है। दो दिन रुक कर साधेंगी पूर्वाचल पूरे पूर्वाचल समेत बिहार तक कांग्रेस की लहर बनाने को प्रियंका दो दिनी प्रवास पर बनारस आ सकती हैं। एक दिन पहले वे नामांकन की तैयारियों के साथ ही बुनकरों, प्रबुद्धजनों समेत अन्य से मुलाकात कर सकती हैं। चुनाव लड़ने को लेकर प्रियंका वाड्रा का कहना है कि पार्टी की इच्छा पर वाराणसी ही नहीं देश के किसी भी लोस सीट से चुनाव लड़ने को तैयार हैं। काफी समय से कायम है सस्पेंस कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने वाराणसी से प्रियंका के चुनाव लड़ने को लेकर इन्कार नहीं किया है।
सुगबुगाहट पहले से ही
उन्होंने सस्पेंस कायम रखने की बात कहते हुए वाराणसी में प्रियंका पर दांव खेलने को हवा दी है। अमेठी से कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह ने 19 अप्रैल को बयान दिया था कि प्रियंका वाराणसी से चुनाव लड़ेंगी। इसके लिए बहुत जल्द वाराणसी में डेरा जमा लेंगी। वर्ष 2019 का होगा महामुकाबला प्रियंका वाड्रा के वाराणसी से चुनाव मैदान में उतरने पर वर्ष 2019 का यह महामुकाबला होगा। पीएम मोदी की जीत का खाका भाजपा बुन चुकी है। जिसके तहत भाजपा ने सात लाख मतों के अंतर से जीत का लक्ष्य रखा है। कांग्रेस ने हार व जीत के लक्ष्य को जनता पर छोड़ते हुए कड़ी टक्कर देने का मन बनाया है।
पूर्वांचल-बिहार तक होगा असर
जानकारों की मानें तो इस मुकाबले का पूरे पूर्वाचल व बिहार तक व्यापक असर होगा। पार्टी के थिंक टैंक का मानना है कि नरेंद्र मोदी के सामने मजबूती से लड़ाई पूरे देश में कांग्रेस को सशक्त ही करेगी। रिसर्च टीम ने साधे जातीय समीकरण प्रियंका वाड्रा को मैदान में उतरने से पूर्व कांग्रेस ने तैयारी की है। पार्टी की रिसर्च टीम ने बारीकी से जातीय समीकरण साधा है। पार्टी के अनुसार वैश्य समाज से जुड़े मतदाता 3.25 लाख हैं। वहीं करीब तीन लाख मुस्लिम, ढाई लाख ब्राह्मण, दो लाख पटेल, डेढ़ लाख यादव, सवा लाख भूमिहार, एक लाख राजपूत, 80 हजार चौरसिया, 80 हजार दलित और 70 हजार अन्य पिछड़ी जातियां बताई जा रही हैं। प्रियंका को लेकर भाजपा सतर्क प्रियंका वाड्रा को लेकर भाजपा भी सतर्क हो चुकी है। चुनावी मुकाबले की बाजी अपने पक्ष में करने के लिए वह कांग्रेस को डैमेज करने की रणनीति में जुट गई है।
भाजपा से पूर्वांचल में मुकाबला
एक ओर प्रियंका पर चुनावी हमला बोलने के लिए उनके पुराने वीडियो फुटेज को हथियार बनाया जा रहा है, जिसमें प्रियंका ने गले की माला पूर्व पीएम लालबहादुर शास्त्री को पहना दी थी। दूसरे, संगठन के पूर्व विधायक को भी तोड़ने की फिराक में भाजपा लगी है जिसका कोड वर्ड अपनों की घर वापसी बताया जा रहा है। हालांकि कांग्रेस संगठन किसी प्रकार की टूट की आशंका को सिरे से नकार रहा है साथ ही पूर्वांचल में कांग्रेस की वापसी के लिए पार्टी सक्रियता से जुट गई है।
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