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Lok Sabha Election 2019: तमिलनाडु के वेल्लोर लोकसभा सीट पर चुनाव रद, राष्ट्रपति ने दी मंजूरी

14 अप्रैल 2019 को चुनाव आयोग द्वारा की सिफारिश को स्वीकार करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वेल्लोर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में होने जा रहे चुनाव को रद किया है।

By Tilak RajEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 07:51 PM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 12:08 AM (IST)
Lok Sabha Election 2019: तमिलनाडु के वेल्लोर लोकसभा सीट पर चुनाव रद, राष्ट्रपति ने दी मंजूरी
Lok Sabha Election 2019: तमिलनाडु के वेल्लोर लोकसभा सीट पर चुनाव रद, राष्ट्रपति ने दी मंजूरी

नई दिल्ली, प्रेट्र। लोकसभा चुनाव के दौरान पैसे के दम पर वोट खरीदने की आशंका के चलते चुनाव आयोग ने तमिलनाडु की वेल्लोर सीट का चुनाव रद कर दिया है। यह कदम कुछ दिन पहले द्रमुक उम्मीदवार के कार्यालय से कथित तौर पर बड़ी मात्रा में नकदी बरामद होने के बाद उठाया गया है। इस बीच, तमिलनाडु में कथित तौर पर पैसे से वोट खरीदने के आरोपों से जुड़ी एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से जवाब मांगा है।

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चुनाव आयोग की ओर से सोमवार को की गई सिफारिश के आधार पर वेल्लोर में चुनाव कराने के लिए जारी अधिसूचना रद कर दी। तमिलनाडु की अन्य सीटों के साथ ही 18 अप्रैल को वेल्लोर में भी मतदान होना था।

आरोपित के. आनंद के साथ द्रमुक के दो पदाधिकारियों के खिलाफ आयकर विभाग की रिपोर्ट के आधार पर 10 अप्रैल को जिला पुलिस द्वारा एक शिकायत दर्ज करने के बाद चुनाव आयोग ने यह निर्णय लिया।

पुलिस ने बताया कि आनंद पर अपने नामांकन पत्र के साथ दिए गए हलफनामे में 'गलत सूचना' देने के लिए जनप्रतिनिधि कानून के तहत आरोप लगाया गया। दो अन्य लोग श्रीनिवासन और दामोदरन के खिलाफ रिश्वत के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है।

सूत्रों ने बताया कि तमिलनाडु के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को चुनाव रद करने फैसले के बारे में सूचित कर दिया गया है। अब राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को इस बारे में सूचित करेंगे। उल्लेखनीय है कि 30 मार्च को आयकर विभाग के अधिकारियों ने चुनाव प्रचार में बेहिसाब धनराशि इस्तेमाल के संदेह में आनंद के पिता डी. मुरुगन के आवास पर छापे मारे थे।

छापे में कथित तौर पर 10.50 लाख रुपये की अतिरिक्त नकदी बरामद हुई थी। दो दिन बाद अधिकारियों ने उसी जिले में द्रमुक नेता के एक सहयोगी के गोदाम से 11.53 करोड़ रुपये जब्त करने का दावा किया था। वहीं, मुरुगन का कहना है कि उन्होंने कुछ भी छुपाया नहीं है। उन्होंने आयकर विभाग की कार्रवाई के समय पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि छापेमारी कुछ नेताओं का 'षड्यंत्र' है, जो उनका मुकाबला चुनावी मैदान में नहीं कर सकते।

सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायाधीश संजीव खन्ना की पीठ ने तमिलनाडु में वोट खरीदने के लिए कथित तौर पर पैसों के इस्तेमाल के आरोप से जुड़ी एक याचिका पर चुनाव आयोग से जवाब मांगा है।

याचिकाकर्ता के. के. रमेश ने मद्रास हाई कोर्ट में याचिका दी थी कि टीवी, अखबार और रेडियो के जरिये लोगों को जागरूक किया जाए कि वोट के लिए पैसे देना या लेना दंडनीय अपराध है। 26 मार्च को हाई कोर्ट याचिका खारिज होने के बाद याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। रमेश का दावा है कि राज्य में अब तक 78.12 करोड़ की नकदी बरामद हो चुकी है। मीडिया और खुफिया रिपोर्टो के हवाले से उसने कहा है कि तमिलनाडु में चुनावों के लिए 10,000 करोड़ रुपये की नकदी आई है।

फिर जब्त हुई 1.41 करोड़ की नकदी
चुनाव आयोग के दस्ते ने मंगलवार को कोयंबटूर में सुलूर के नजदीक जांच के दौरान एक कार से 1.41 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की है। पुलिस ने बताया कि नकदी दो सूटकेस में भरी थी। कार में तीन लोगों को पकड़ा गया है। इनमें एक बैंक कर्मचारी और दो सुरक्षाकर्मी थे। उनके पास नकदी को लेकर पर्याप्त दस्तावेज नहीं थे।

गौरतलब है कि वेल्लोर में दूसरे चरण के तहत 18 अप्रैल को मतदान होना था। कांग्रेस और डीएमके के बीच हुए गठबंधन के चलते वेल्लोर सीट से गठबंधन की तरफ से डीएमके के नेता मैदान में थे, जबकि भाजपा और एआईएडीएमके के गठबंधन में से स्थानीय पार्टी के उम्मीदवार यहां से चुनावी मैदान में थे।


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