LokSabha Election 2019: विकास के प्रकाश ने बदली दामोदरपुर की शक्ल-ओ-सूरत
आदिवासी टोला में पक्की सड़क विकास की तस्वीर दर्शाती है। पांच साल पहले यहां कच्ची सड़क थी। पिछले साल संथाल टोला से तांड़ीडीह तक पीसीसी पथ बना है।
धनबाद, श्रवण कुमार। धनबाद जिला मुख्यालय से महज तीन किमी दूरी पर अवस्थित है दामोदरपुर आदिवासी टोला। हीरापुर पानी टंकी मोड़ से तेलीपाड़ा होते हुए सिमलडीह पार करते ही दामोदरपुर पंचायत शुरू होती है। सिमलडीह लॉ कॉलेज मोड़ से सौ फीट आगे दाईं तरफ दामोदरपुर-संथाल टोला की ओर रास्ता जाता है। 500 की आबादी वाले इस गांव में प्रवेश करते ही विकास की तस्वीर दिखती है।
आदिवासी टोला में पक्की सड़क विकास की तस्वीर दर्शाती है। पांच साल पहले यहां कच्ची सड़क थी। पिछले साल दामोदरपुर में संथाल टोला से तांड़ीडीह तक पीसीसी पथ बना है। यहां कुछ-एक छोड़ सभी घर पक्के हैं। कुछ घरों की छतों पर डीटीएच भी लगे हैं। यहां शिक्षा का प्रभाव भी दिखता है। टोला में आठ-दस ग्रामीण सरकारी नौकरी करते हैं। संथाल टोला के मंतूर मार्डी बताते हैं, ग्राम वासियों के बीच शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ी है। गांव के कई बच्चे अच्छे स्कूलों में पढ़ रहे हैं। माता-पिता अपने बच्चों को अच्छे स्कूलों में पढ़ाई के लिए भेज रहे हैं।
गांव की स्वच्छता शहर को देती टक्करः दामोदरपुर संथाल टोला व तांड़ीडीह में स्वच्छता शहर को टक्कर देती दिखती है। स्वच्छता किसे कहते हैं इन दोनों आदिवासी टोला में वाकई दिख जाता है। गंदगी ना के बराबर दिखेगी। टोला की गलियां साफ-सुथरी है, जबकि नगर निगम के वार्डों की तरह यहां कोई सफाई की व्यवस्था नहीं है। गांव वाले स्वयं अपने घर के आसपास सफाई करते हैं। इससे गंदगी नहीं फैलती है।
रसोई गैस की रिफिलिंग में सुविधा भी मिले : दामोदरपुर-संथाल टोला व तांड़ीडीह में कमोवेश हर घर में उज्ज्वला योजना पहुंच चुकी है। आदिवासी महिलाएं लकड़ी छोड़ गैस पर खाना पकाने लगी हैं। हालांकि रसोई गैस महंगा होने से उज्ज्वला योजना के लाभुकों को रिफिलिंग कराने में परेशानी आ रही है। तांड़ीडीह के ओबी लाल किस्कू कहते हैं, सरकार गैस रिफिलिंग में विशेष सुविधा दे। उज्ज्वला योजना के लाभुकों को अधिक सब्सिडी दे ताकि गैस खत्म होने पर आसानी से भरा सकें।
झामुमो की राजनीति का प्रमुख केंद्र रहा दामोदरपुर-संथाल टोला : दामोदरपुर झामुमो की राजनीति का प्रमुख केंद्र रहा है। दामोदरपुर-संथाल टोला की सीमा पर लॉ कॉलेज है जिसकी स्थापना झामुमो के संस्थापकों में एक बिनोद बिहारी महतो ने की है। यहीं आदिवासियों का दिशोम जाहेर थान है। यहां जिले भर से संथाली आदिवासी प्रमुख त्योहारों में जुटते हैं। दिशोम जाहेर थान में प्रतिवर्ष सोहराय का आयोजन होता है। झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन और झारखंड आंदोलन के अगुवा बिनोद बिहारी महतो यहां आते रहे थे। लंबे समय तक झामुमो के जिलाध्यक्ष रहे सरकार मुर्मू भी दामोदरपुर के ही निवासी थे।
दामोदरपुर-संथाल टोला में सड़क पक्की हो गई है। इसके साथ नाली भी बन जाती तो अच्छा होता। नाली नहीं होने से बारिश का पानी घरों में घुस जाता है।
-जीवन हांसदा, दामोदरपुर संथाल टोला
उज्ज्वला योजना से खाना पकाना आसान हुआ है। सरकार गैस रिफिलिंग में भी सुविधा दे। सब्सिडी दर बढ़ाई जाय। इससे रिफिलिंग कराने में आसानी होगी।
-सुखी किस्कू, दामोदरपुर तांड़ीडीह