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दिलचस्प किस्सा: जब इंदिरा गांधी की सभा में इस किसान नेता ने छोड़ दिया शेर

1974 में इंदिरा गांधी दादरी में गुर्जर नेता रामचंद्र विकल की चुनावी सभा को संबोधित करने आई थीं। सभा में अपार भीड़ जुटी थी।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sat, 16 Mar 2019 08:21 PM (IST)Updated: Sun, 17 Mar 2019 01:07 AM (IST)
दिलचस्प किस्सा: जब इंदिरा गांधी की सभा में इस किसान नेता ने छोड़ दिया शेर
दिलचस्प किस्सा: जब इंदिरा गांधी की सभा में इस किसान नेता ने छोड़ दिया शेर

नोएडा[धर्मेंद्र चंदेल]। आठवें दशक में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का देश की राजनीति में बहुत बड़ा कद था। कोई नेता उन्हें टक्कर देने की स्थिति में नहीं था। देश के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भांति उनकी चुनावी सभाओं में अपार भीड़ जुटती थी। दूर-दराज से लोग इंदिरा गांधी के भाषण सुनने के लिए आते थे। 1974 में इंदिरा गांधी दादरी में गुर्जर नेता रामचंद्र विकल की चुनावी सभा को संबोधित करने आई थीं। सभा में अपार भीड़ जुटी थी।

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दादरी के किसान नेता बिहारी सिंह बागी इंदिरा गांधी के करीबी माने जाते थे। किसान आंदोलनों में बढ़चढ़कर हिस्सा लेने की वजह से वे क्षेत्र में काफी लोकप्रिय थे। दादरी विधान सभा से कांग्रेस के टिकट पर वे चुनाव लड़ना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने इंदिरा गांधी से टिकट मांगा, लेकिन इंदिरा गांधी चौधरी चरण सिंह के समकक्ष एक किसान नेता स्थापित करना चाहती थीं।

इसके लिए उन्होंने रामचंद्र विकल को आगे किया। वे उस समय बागपत से सांसद थे। इंदिरा गांधी ने सांसद रहते हुए रामचंद्र विकल को उत्तर प्रदेश में कृषि मंत्री बनवाया था। उन्हें दादरी विधान सभा से चुनावी मैदान में उतारा गया। इंदिरा हर हाल में रामचंद्र विकल को जीतता देखना चाहती थीं। इसलिए वह दादरी में रामचंद्र विकल के लिए चुनावी सभा को संबोधित करने आई।

वहीं दूसरी तरफ टिकट न मिलने से नाराज बिहारी सिंह बागी ने निर्दलीय ताल ठोंक दी। उन्हें शेर का चुनाव चिह्न मिला। उन्होंने इंदिरा गांधी से दादरी में जनसभा न करने को कहा। इंदिरा नहीं मानी। उधर, बिहारी सिंह बागी गाजियाबाद में चल रहे एक सर्कस से 500 रुपये देकर एक दिन के लिए किराए पर पिंजरे में शेर ले आए।

कमल ठाकुर के अहाते में उसे कपड़ों से ढंक कर रखा गया। अगले दिन दोपहर में इंदिरा गांधी ने दादरी में आकर जैसे ही सभा को संबोधित करना शुरू किया, तभी बिहारी सिंह बागी ने सभा में पिंजरे का शेर छोड़ दिया। शेर को देखते ही इंदिरा की सभा में भगदड़ मच गई। मात्र पांच मिनट के अंदर भीड़ तितर-बितर हो गई। भीड़ जाती देख इंदिरा पांच ही मिनट के अंदर सभा छोड़कर चली गई।

बिहारी सिंह बागी भले ही चुनाव नहीं जीत सके, लेकिन उनके शेर की कीमत कांग्रेस प्रत्याशी रामचंद्र बिकल को हार के रूप में चुकानी पड़ी। देवटा गांव के तेज सिंह भाटी चुनाव जीतकर विधायक बने। वे एनसीओ के टिकट पर चुनाव लड़े थे।


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