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'अमेठी से हार सकते हैं तो वायनाड से क्यों नहीं' पढ़ें राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ रहीं एनी राजा का इंटरव्यू

Lok Sabha Election 2024 केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर 26 अप्रैल को मतदान होगा। यहां से मौजूदा सांसद और कांग्रेस नेता राहुल गांधी चुनाव मैदान में हैं। उनके सामने लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट यानी एलडीएफ की प्रत्याशी के तौर पर एनी राजा उतरी हैं। उन्होंने विशेष बातचीत में कहा कि कांग्रेस नेताओं ने भाकपा को कमजोर करने की कोशिश की। पढ़ें एनी राजा के साथ हुई बातचीत के अंश...

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Published: Wed, 24 Apr 2024 07:00 AM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2024 09:18 AM (IST)
लोकसभा चुनाव 2024: एनी राजा और राहुल गांधी। (फाइल फोटो)

जेएनएन, केरल। वायनाड में राहुल गांधी के खिलाफ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट यानी एलडीएफ के उम्मीदवार के रूप में एनी राजा मैदान में है। भाकपा महासचिव डी राजा की पत्नी और पार्टी की वरिष्ठ नेता एनी राजा राहुल गांधी के वायनाड से चुनाव लड़ने के फैसले को वामपंथी पार्टियों को कमजोर करने की साजिश करार देती हैं।

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राहुल गांधी को हराने के लिए सुबह से देर रात तक चुनाव प्रचार में जुटीं एनी यह भी स्वीकार करती हैं कि चुनाव के बाद मोदी की तानाशाही और फासीवादी नीतियों के खिलाफ संसद के भीतर राहुल गांधी और कांग्रेस के साथ खड़े होने में भाकपा को कोई गुरेज नहीं होगा।

उनके अनुसार भाकपा फासीवाद के खिलाफ लोकतांत्रिक और पंथनिरपेक्ष ताकतों को एकजुट करने का काम जारी रखेंगी। चुनाव प्रचार के दौरान एनी राजा के साथ विशेष संवाददाता नीलू रंजन की बातचीत के कुछ अंशः

राहुल गांधी जैसे बड़े नेता के खिलाफ आप चुनाव मैदान में हैं ?

जवाब: मैं राहुल गांधी के खिलाफ नहीं, बल्कि राहुल गांधी मेरे खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। एलडीएफ की ओर से उम्मीदवार के रूप में मेरे नाम की घोषणा के 15 दिन बाद राहुल गांधी के नाम का एलान किया गया।

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पिछली बार राहुल गांधी यहां से चार लाख से अधिक वोटों से जीते थे?

जवाब: तो क्या हुआ। अमेठी में वे इससे अधिक वोटों से जीत चुके हैं लेकिन पिछली बार उनकी हार हुई थी। चुनाव परिणाम कुछ भी हो सकता है।

तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक समेत कई राज्यों में भाकपा और कांग्रेस आईएनडीआईए के तहत साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं, फिर केरल में ऐसी दुश्मनी क्यों?

जवाब: क्योंकि राहुल गांधी ने मोदी को अन्य राज्यों में हराने के बजाय केरल में वामपंथी दलों से लड़ने का फैसला किया। राहुल गांधी तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना में किसी भी सुरक्षित सीट से लड़ सकते थे, तब वामपंथी दल उनके साथ खड़े होते, लेकिन वायनाड से लड़ने का फैसला कर राहुल गांधी ने मोदी को आईएनडीआईए के खिलाफ हमला करने का मौका दे दिया।

राहुल गांधी के खिलाफ जनता के बीच किन मुद्दों को लेकर जा रही हैं?

जवाब: राहुल गांधी ने पिछले पांच साल में जनता के लिए कुछ नहीं किया। आज भी ठीक वही वादा कर रहे हैं, जो उन्होंने पांच साल पहले किया था। वायनाड में वन्य पशुओं की समस्या बहुत बड़ी है। राहुल गांधी ने इसे एक बार भी संसद में नहीं उठाया। कर्नाटक ने वायनाड को जोड़ने वाली सड़क को रात में बंद कर दिया है। कर्नाटक में सिद्दरमैया की सरकार से एक दिन में वे इसे खुलवा सकते हैं। वायनाड की बड़ी मुस्लिम आबादी को सीएए को लेकर आशंका है, लेकिन कांग्रेस का घोषणापत्र इसके बारे में चुप है।

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चुनाव के बाद कांग्रेस के साथ तालमेल जारी रहने की उम्मीद है या नहीं?

जवाब: संसदीय प्रणाली में फासीवादी ताकतों के खिलाफ लोकतांत्रिक और पंथनिरपेक्ष ताकतों को एकजुट करना हमारी पार्टी का मिशन है और इसे पार्टी की कार्यकारिणी में एकजुट होकर स्वीकार किया है।

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