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Lok Sabha Election 2024: उत्तरी कर्नाटक में खाता खोलने की कोशिश में कांग्रेस, भाजपा के सामने ये चुनौती, पढ़ें यहां का सियासी समीकरण

Lok Sabha Election 2024 उत्तरी कर्नाटक की 14 लोकसभा सीटों पर भाजपा और कांग्रेस ने पूरा दमखम लगा रखा है। 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा को सभी सीटों पर जीत मिली थी। उत्तरी कर्नाटक में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। भाजपा के सामने पिछली जीत को दोहराने की चुनौती। उत्तरी कर्नाटक की 14 सीटों पर तीसरे चरण में सात मई को मतदान होना है।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Published: Tue, 30 Apr 2024 07:00 AM (IST)Updated: Tue, 30 Apr 2024 07:00 AM (IST)
लोकसभा चुनाव 2024: उत्तरी कर्नाटक में खाता खोलने की कोशिश में कांग्रेस।

अरविंद पांडेय, हुबली (कर्नाटक)। भाजपा के अभेद्य दुर्ग उत्तरी कर्नाटक को इस बार भेदने के लिए कांग्रेस पूरी ताकत से जुटी हुई है। खुद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसकी कमान संभाल रखी है। 2019 के लोकसभा चुनाव में इस क्षेत्र से कांग्रेस को भारी निराशा हाथ लगी थी। वह एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। इस क्षेत्र की सभी 14 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। हालांकि इस बार स्थिति बदली हुई है।

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सात मई को 14 सीटों पर मतदान

राज्य में कांग्रेस की सरकार है, जो अपनी गारंटी स्कीमों से सभी को अपनी ओर लुभा रही है। भाजपा पीएम की लोकप्रियता और विकास कार्यों के सहारे है। उत्तरी कर्नाटक की 14 सीटों पर तीसरे चरण में सात मई को मतदान होना है।

भाजपा उठा रही ये मुद्दे

उत्तरी कर्नाटक के इस गढ़ को बचाने के लिए भाजपा ताकत लगाए हुए है। वह हिंदुत्व, हुबली के नेहा हत्याकांड, महिला सुरक्षा, कानून एवं व्यवस्था, अल्पसंख्यक तुष्टीकरण व विकसित भारत जैसे मुद्दों को लेकर कांग्रेस के खिलाफ प्रचार तेज किए हुए है।

यही नहीं भाजपा अपनी प्रत्येक सभाओं में राहुल गांधी के उस बयान का जरूर जिक्र करती है, जिसमें संपत्तियों के सर्वे की बात कही जा रही है। लोगों को वह बताती है कि कांग्रेस को जिताया तो आपकी संपत्ति छीन लेगी।

कांग्रेस भाजपा पर हमलावर

कांग्रेस संविधान बदलने, लोकतंत्र पर खतरा व संवैधनिक संस्थाओं को कमजोर करने जैसे मुद्दों को लेकर भाजपा पर हमलावर है। दक्षिण कर्नाटक की तरह उत्तरी कर्नाटक में पानी या सूखा मुद्दा नहीं है।

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सियासी लिहाज से देखें तो उत्तरी कर्नाटक का क्षेत्र भाजपा और कांग्रेस के दिग्गजों का क्षेत्र है। यहां से भाजपा के दिग्गज नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री वीएस येदियुरप्पा, बासवराज बोम्मई, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी, जगदीश शेट्टार जैसे बड़े नाम आते हैं। इनमें से येदियुरप्पा को छोड़कर सभी चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी इसी क्षेत्र से आते हैं।

छह सीटों पर भाजपा ने उतारे नए चेहरे

भाजपा अपने इस गढ़ को बचाने के लिए पहले से ही सतर्क है। मौजूदा सांसदों के खिलाफ लोगों की नाखुशी और बदले समीकरणों को देखते हुए भाजपा ने क्षेत्र की 14 सीटों में से छह लोकसभा सीटों पर नए चेहरे मैदान में उतारे हैं। इनमें कोप्पल, बेलगाम, हावेरी, दावनगिरी, बेल्लारी और रायचूर की सीटें शामिल हैं।

हालांकि इसके बाद भी भाजपा को बेल्लारी, रायचूर, चिक्कोडी, गुलबर्ग और बीदर में कांग्रेस से तगड़ी टक्कर मिल रही है। कांग्रेस इन्हीं पांच सीटों को लेकर आशान्वित है।

यहां छाया है युवा बनाम बुजुर्ग का मुद्दा

कांग्रेस ने भी नए व युवा लोगों को इस क्षेत्र से टिकट देकर यहां की लड़ाई को दिलचस्प रूप दे दिया है। इनमें सबसे अधिक चर्चा चिक्कोड़ी से कांग्रेस प्रत्याशी 27 वर्षीय प्रियंका जारकीहोली की है, जो एबीए की पढ़ाई करने के साथ राज्य के लोक निर्माण मंत्री सतीश जारकीहोली की बेटी हैं।

उनके सामने भाजपा के 60 वर्षीय अन्नासाहेब जोले मैदान में हैं, अन्नासाहेब की पत्नी शशिकला राज्य की पूर्व मंत्री रही है। यहां की लड़ाई में युवा बनाम बुजुर्ग का मुद्दा छाया हुआ है।

अपनों को साधने में जुटी भाजपा

कर्नाटक की दूसरे चरण में 14 सीटों पर चुनाव होने के बाद दोनों ही दल तीसरे चरण में शामिल बाकी 14 सीटों पर ताकत लगाए हुए हैं। राहुल गांधी, खरगे की इन क्षेत्रों में दो मई के आसपास कई सभाएं प्रस्वावित हैं, वहीं पीएम मोदी की भी इस क्षेत्र में कई सभाएं और रोड शो प्रस्तावित हैं।

कई केंद्रीय मंत्री भी इस क्षेत्र में डेरा डाले हुए हैं। हालांकि इस क्षेत्र में भाजपा की चिंता कांग्रेस को लेकर कम बल्कि पार्टी से नाराज चल रहे अपने स्थानीय नेताओं से ज्यादा है। पार्टी इन सभी को मनाने और साथ लाने की कोशिश में जुटी है।

धारबाड़- हुबली में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी के सामने चुनाव मैदान में उतरे सिरेट्टी मठ के प्रमुख और लिंगायत समाज के बड़े धर्मगुरु दिंगालेश्वर स्वामी को हाल ही में पार्टी ने समझा-बुझाकर नाम वापस कराया है। हालांकि अभी भी वह नाराज है। उन्होंने जोशी के पक्ष में प्रचार करने से इन्कार कर दिया है।

शिमोगा में भी पार्टी बागी नेता ईश्वरप्पा का समर्थन करने वाले पांच कार्पोरेटरों में से तीन को अपने पक्ष में फिर लाई है। पार्टी ऐसी ही कोशिश बाकी सीटों पर भी कर रही है। वोट बैंक के लिहाज से देखें तो इस क्षेत्र में लिंगायत समाज का बोलबाला है। इसके साथ ही कुर्वा, वोक्कालिगा, अल्पसंख्यक और दूसरे समाज की भी हिस्सेदारी है।

उत्तरी कर्नाटक में यह 14 सीटें हैं शामिल

उत्तरी कर्नाटक में सात मई को जिन सीटों पर मतदान होना है, उनमें शिमोगा, दावनगिरी, उत्तर कन्नड़, धारवाड़-हुबली, हावेरी, बेल्लारी, कोप्पल, वीदर, रायचूर, गुलबर्ग, बीजापुर, बागलकोट, बेलगाम और चिक्कोड़ी शामिल है।

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