Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Chunavi किस्‍से: नामांकन-प्रचार, मतदान और जीत गए थे नेता जी.. आयोग ने फिर पहुंचा दिया जनता के बीच; जानें पूरा माजरा

    Updated: Fri, 05 Apr 2024 05:53 PM (IST)

    Lok Sabha Election 2024 Chunavi किस्‍सों की सीरीज में आज हम आपके लिए लाए हैं पटना लोकसभा सीट का वो किस्‍सा जब नेता जी जीतकर संसद पहुंच गए थे लेकिन चुनाव आयोग ने उन्‍हें वापस जनता के बीच भेज दिया। दरअसल यह किस्‍सा बिहार की राजधानी पटना में साल 1990 से 2000 के बीच लोकसभा चुनाव के दौरान का है।

    Hero Image
    Lok Sabha Chunav 2024: तब पटना लोकसभा सीट का दो बार रद् हुआ था चुनाव।

     जितेंद्र कुमार, पटना। बिहार की राजधानी पटना में साल 1990 से 2000 के बीच लोकसभा चुनाव में धांधली, परिणाम पर रोक और दोबारा मतदान का रिकॉर्ड बना था। मतदाताओं ने 10 सालों में छह बार लोकसभा चुनाव के लिए मतदान किया था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मतदान में धांधली के कारण निर्वाचन आयोग ने साल 1991 और 1998 में चुनाव को रद्द कर दिया था, जिसके कारण दोबारा वोट पड़े। सरकार गिराने और उप-चुनाव का सिलसिला 2004 से थमा। हालांकि, 2005 तक विधानसभा के लिए दोबारा मतदान हुआ।

    साल 1991 में पटना लोकसभा क्षेत्र से भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी इंद्र कुमार गुजराल को जनता दल ने टिकट दिया। भाजपा ने डॉ. एसएन आर्य तो जनता दल से भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे यशवंत सिन्हा मैदान में उतरे थे। इस चुनाव में धांधली के कारण निर्वाचन आयोग ने मतदान रद्द कर दिया।

    1952 से लेकर अब तक के सभी लोकसभा चुनावों की जानकारी के लिए यहां क्लिक करें

    रामकृपाल यादव दोबारा पहुंचे, लेकिन ... 

    साल 1993 में उप-चुनाव हुए तो जनता दल से रामकृपाल यादव ने भाजपा के डॉ. एसएन आर्य को हराकर पहली बार संसद में पहुंचे। 1996 में रामकृपाल यादव दोबारा संसद में पहुंच गए। हालांकि, 1998 में भाजपा के डॉ. एसएन आर्य और जनता दल के टिकट पर रामकृपाल यादव यादव मैदान में थे। मतदान में धांधली की शिकायत पर निर्वाचन आयोग ने चुनाव रद्द कर दिया।

    यह भी पढ़ें - 'जिधर बही हवा, उधर हो लिए नेताजी...', पंखा रुका तो सिलेंडर में भरी गैस; पलटीमार चुनावी निशान ने किया परेशान

    भाजपा में डॉ. सीपी ठाकुर शामिल हो गए। डॉ. एसएन आर्य की जगह डॉ. सीपी ठाकुर को मैदान में उतारा तो रामकृपाल यादव को हराकर दोबारा संसद में पहुंच गए। वहीं 2004 में भाजपा के डॉ. सीपी ठाकुर को हराकर रामकृपाल फिर संसद पहुंच गए।

    यह भी पढ़ें - 'मैं गुस्सैल नहीं, सच कहती हूं...'; परदादा कांग्रेस से विधायक थे; मंडी या मुंबई में रहने से लेकर तमाम सवालों पर कंगना रनौत के बेबाक जवाब