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    Lok Sabha Election 2024: अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्‍मीर में पहला लोकसभा चुनाव; साक्षी बनेंगे पर्यटक, जानिए क्‍या हैं तैयारियां

    Updated: Mon, 01 Apr 2024 06:29 PM (IST)

    Lok Sabha Election 2024 मई और अप्रैल महीने में कश्मीर घाटी में पर्यटकों की बहार होती है। इसी समय यहां लोकसभा चुनाव भी चरम पर होगा। देश-दुनिया के पर्यटक सबसे बड़े लोकतंत्र के गवाह बनेंगे। कश्मीर से जुड़ी तीनों सीटों पर मई महीने में मतदान होगा। सबसे पहले सात मई को अनंतनाग-राजौरी क्षेत्र में मतदान होगा। सबसे आखिरी में 20 मई को बारामुला-कुपवाड़ा में वोट डाले जाएंगे।

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    Lok Sabha Chunav 2024: कश्मीर में लोकतंत्र के पर्व के साक्षी बनेंगे पर्यटक। (फाइल फोटो)

    रजिया नूर, श्रीनगर। देश के अन्य हिस्सों की तरह कश्मीर में भी चुनाव का उत्साह दिख रहा है। बैठकों के दौर के साथ नुक्कड़ सभाएं और रैलियों का सिलसिला भी आरंभ हो रहा है। बदलाव के इस दौर के बीच घाटी के लोग भी लोकतंत्र के इस पर्व में खुलकर अपनी भागीदारी के लिए तैयार हो रहे हैं।

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    कश्मीर के इतिहास में पिछले तीन-चार बार में यह पहला चुनाव होगा, जब मतदाता इस कदर उत्साहित दिख रहे हैं। यहां आ रहे देश व दुनिया भर के लाखों पर्यटक मतदाताओं के इस जोश के प्रत्यक्ष साक्षी बनेंगे।

    एक साथ चुनाव और पर्यटन का सीजन

    खास बात यह है कि चुनाव ऐसे समय हो रहा है जब कश्मीर में पर्यटन का सीजन चरम पर है। तीसरे दौर की अधिसूचना के साथ ही कश्मीर में चुनावी शोर जोर पकड़ लेगा। अप्रैल और मई माह में यहां प्रकृति अपने सबसे सुंदर रूप में होती है और यहां के बागानों में भी खूब रौनक रहती है।

    इससे कश्मीर की खूबसूरती और निखर आती है। ऐसे समय में समूची घाटी के पर्यटन स्थलों पर देश-विदेश के पर्यटकों का जमावड़ा रहता है। कोरोना संक्रमण के बाद पर्यटकों की संख्या में तेज उछाल देखी गई है और हर वर्ष रिकॉर्ड टूट रहा है। चुनावी मौसम में भी पर्यटकों की एडवांस बुकिंग में कोई कमी नहीं दिख रही है।

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    जानें कब-कहां होगा मतदान

    कश्मीर से जुड़ी तीनों सीटों पर मई माह में मतदान होगा। अनंतनाग-राजौरी क्षेत्र में सात मई, श्रीनगर-गांदरबल में 13 मई और उत्तर कश्मीर की बारामुला-कुपवाड़ा सीट के लिए 20 मई को मतदान होगा। ऐसे में उत्तरी कश्मीर के नियंत्रण रेखा से जुड़े गांव या फिर दक्षिण कश्मीर के पहलगाम या अन्य पर्यटन स्थलों पर पहुंचने वाले पर्यटक गांवों में कश्मीर के चुनावी माहौल को न केवल महसूस कर पाएंगे, बल्कि बदले कश्मीर की झलक से रूबरू होंगे।

    इन महीनों में जुटते हैं सर्वाधिक पर्यटक

    गुलमर्ग, सोनमर्ग, पहलगाम, मुगल गार्डन, डल झील व अन्य विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल में पर्यटकों की बुकिंग फुल चल रही है। पर्यटन विभाग के एक अधिकारी के अनुसार घाटी में अप्रैल से लेकर मई-जून तक पर्यटकों की संख्या सबसे अधिक रहती है, क्योंकि यहां देश के बाकी हिस्सों की तुलना में मौसम खुशगवार होता है।

    अहम बिंदु

    • अनुच्छेद 370 हटने के बाद बदले कश्मीर घाटी के हालात।
    • 10 दिन में श्रीनगर के ट्यूलिप गार्डन पहुंचे करीब 90 हजार पर्यटक।
    • पिछले साल गुलमर्ग में बने गंडोला में करीब 10 लाख पर्यटकों ने की सैर।
    • 2023 में 2.11 करोड़ पर्यटक पहुंचे जम्मू और कश्मीर।

    कभी चुनाव के दौरान बंद हो जाता था कश्मीर

    आतंक के दौर में जब भी कश्मीर में लोकसभा या विधानसभा के चुनाव होते थे तो अलगाववादियों की हड़ताल व चुनाव बहिष्कार की चेतावनी के बीच मतदाता जान हथेली पर रख मतदान केंद्रों पर पहुंचते थे। अनुच्छेद 370 हटने के बाद से घाटी में हालात पूरी तरह से बदल गए हैं। बंदूक व पत्थर छोड़ युवा मुख्याधारा से जुड़ रहे हैं।

    2019 के बाद से पर्यटकों की संख्या काफी बड़ी

    पर्यटन विभाग के अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों विशेषकर 2019 में अनुच्छेद 370 के हटने के बाद से घाटी में पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी हुई है। यह संख्या लगातार बढ़ रही है। वर्ष 2020 व 2021 में कोविड महामारी के चलते पर्यटन क्षेत्र प्रभावित रहा। 2023 में 2.11 करोड़ पर्यटक जम्मू-कश्मीर में सैर करने आए। 2023 में अकेले मई-जून माह में ही कश्मीर में 19 लाख से अधिक पर्यटकों ने प्राकृतिक सौंदर्य का लुत्फ उठाया।

    अभी भी बन रहे रिकॉर्ड

    वित्त वर्ष 2023-24 करीब 10 लाख से अधिक पर्यटकों ने गुलमर्ग में बने गंडोला में सैर की और यह अपने आप में रिकॉर्ड है। यहां पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या दोगुनी से भी अधिक रही। पिछले 10 दिन से श्रीनगर में खोले गए ट्यूलिप गार्डन में 90 हजार के करीब पर्यटक सैर कर चुके हैं। यह संख्या तो तब है जब रमजान चल रहा है और स्थानीय पर्यटकों की संख्या काफी कम है।

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