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    Chunavi किस्सा: जितने उम्मीदवार उतने ही बक्से, थाने में रखी जाती थी मतपेटी; ऐसे हुआ था देश का पहला चुनाव

    Updated: Tue, 09 Apr 2024 02:53 PM (IST)

    Lok Sabha Election 2024 देश के पहले आम चुनाव की कहानी भी रोचक है। संसाधनों की कमी के बीच पूरे देश में चुनाव कराना किसी चुनौती से कम नहीं था। 1952 में पहली बार देश में चुनाव का आयोजित किए गए थे। उस समय जितने उम्मीदवार होते थे उतने ही बक्से मतदान केंद्र में भेजे जाते थे। मतदान संपन्न होने के बाद मतपेटियों को थाने में रखा जाता था।

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    Lok Sabha Chunav 2024: प्रत्याशियों के लिए होता था अलग-अलग बक्सा।

    जेएनएन, भागलपुर। स्वतंत्र भारत में चुनाव का सिलसिला 1952 से आरंभ हुआ। तब पहली बार लोगों ने चुनावी महापर्व में अपनी हिस्सेदारी निभाई थी। आजमनगर प्रखंड अंतर्गत अरिहाना के सेवानिवृत्त शिक्षक विजय कांत झा बताते हैं कि चुनाव प्रक्रिया में सात दशकों में काफी बदलाव आया है। 1952 में पहली बार लोकसभा का चुनााव हुआ था तो वोटिंग कंपार्टमेंट में जितने उम्मीदवार थे उतने बक्से रखे जाते थे।

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    बैलगाड़ी पर बक्से लेकर कर्मी पहुंचते थे मतदान केंद्र

    उस वक्त संसाधन के अभाव में एक ही विधानसभा क्षेत्र में अलग-अलग दिन मतदान की तारीख निर्धारित होती थी। बैलगाड़ी पर बक्से लेकर मतदानकर्मी मतदान केंद्र तक पहुंचते थे। शिक्षक बनने के बाद उन्होंने 1976 में चुनावकर्मी के रुप में पहली बार चुनाव कार्य को देखा।

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    संसाधनों की कमी और चुनाव आयोग की बड़ी जिम्मेदारी

    तब चुनाव कराना किसी अश्वमेघ यज्ञ संपन्न कराने जैसा था। चुनाव कर्मी सुदूर देहात तक कई किमी पैदल सफर कर पहुंचते थे। मतदान संपन्न करा थाना मुख्यालय में बक्सा जमा कराया जाता था। मतदाताओं में भी मतदान के अधिकार को लेकर जागरूकता का अभाव था। अब समय के साथ चुनाव आयोग एक सशक्त संस्थान बन गया है।

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