Lok Sabha Election 2024: कोसी-सीमांचल में ओवैसी फैक्टर से कई दिग्गजों की राजनीति हो सकती है बेपटरी, ये है AIMIM की तैयारी
Lok Sabha Election 2024 पिछले विधानसभा चुनाव में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने सीमांचल में पांच सीटों पर बाजी मारकर सनसनी फैला दी थी। बाद में इसके चार विधायक पाला बदलकर राजद में चले गए। पाला बदलने से असदुद्दीन ओवैसी खासा नाराज बताए जाते हैं। इसलिए इस साल होने वाले लोकसभा के लिए ओवैसी ने खास रणनीति बनाई है।

संजय सिंह, भागलपुर। कोसी-सीमांचल की राजनीति राज्य के अन्य क्षेत्रों से थोड़ा अलग रुझान रखती है। कोसी इलाके में चुनाव के दौरान बाढ़, कटाव और विस्थापितों का मुद्दा हावी रहता है तो सीमांचल में अल्पसंख्यक आबादी का दबदबा है।
पिछले विधानसभा चुनाव में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने सीमांचल में पांच सीटों पर बाजी मारकर सनसनी फैला दी थी। बाद में इसके चार विधायक पाला बदलकर राजद में चले गए। पाला बदलने से असदुद्दीन ओवैसी खासा नाराज बताए जाते हैं।
लोकसभा चुनाव में पहली बार ओवैसी सीमांचल और पड़ोस के कोसी की सातों सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर चुके हैं। ओवैसी के इस निर्णय से इलाके के कई राजनीतिक धुरंधरों की नींद गायब हो चुकी है।
अल्पसंख्यक वोटों में यदि सेंधमारी होती है तो यहां नया चुनावी समीकरण देखने को मिल सकता है। कोसी और सीमांचल में 36.86 प्रतिशत वोट अल्पसंख्यकों का है।
यहां हुए दिग्गज नेताओं के दौरे
साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले जदयू और भाजपा के एक साथ आने से इस इलाके का राजनीतिक समीकरण फिलहाल कमोबेश साल 2019 जैसा ही दिख रहा है। राजनीतिक समीकरण में थोड़ा बदलाव राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर हुआ है।
इस इलाके में भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा, कांग्रेस के राहुल गांधी और राष्ट्रीय जनता दल के युवा नेता तेजस्वी यादव का राजनीतिक दौरा हो चुका है।
कांग्रेस और राजद की पूरी कोशिश है कि अल्पसंख्यक वोट का झुकाव हर हाल में उनकी तरफ बना रहे। भाजपा भी राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा और केंद्रीय योजनाओं से लाभ को भुनाकर वोट में इजाफा की पुरजोर कोशिश कर रही है।
क्या पप्पू यादव लड़ेंगे यहां से चुनाव?
सीमांचल की राजनीति में जन अधिकार पार्टी लोकतांत्रिक (जाप) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव की भी पकड़ है। पप्पू यादव इस बार पूर्णिया से चुनाव लड़ने का मूड बना चुके हैं। वह पूर्णिया से सांसद भी रहे हैं। पिछले सप्ताह ओवैसी ने किशनगंज और पूर्णिया में रैली कर विरोधियों की नींद हराम कर दी है।
चार विधायकों के पाला बदल के बाद एक मात्र अख्तरुल ईमान पार्टी के साथ हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में ईमान किशनगंज से लोकसभा प्रत्याशी भी थे। वे तीन लाख से ज़्यादा वोट प्राप्त कर तीसरे स्थान पर रहे। इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी की जीत हुई थी।
| लोकसभा सीट | कुल मतदाता | महिला | पुरुष | अल्पसंख्यक वोट प्रतिशत |
| मधेपुरा | 2057784 | 989942 | 1067842 | 15 |
| सुपौल | 1911358 | 922343 | 989015 | 20 |
| खगड़िया | 1824940 | 956887 | 868053 | 20 |
| पूर्णिया | 2194413 | 1058323 | 1136090 | 45 |
| कटिहार | 2118913 | 1103548 | 1015365 | 45 |
| किशनगंज | 1206753 | 622144 | 584604 | 68 |
| अररिया | 1985460 | 1034015 | 95144 | 45 |
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