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    Lok Sabha Election 2024: झारखंड में महागठबंधन के सामने नया संकट! इन सीटों पर प्रत्याशी बदलने का दबाव; भितरघात का खतरा

    Updated: Fri, 19 Apr 2024 12:07 PM (IST)

    Lok Sabha Election 2024 झारखंड में आईएनडीआईए के सामने अपने ही नेता चुनौती बनकर खड़े हो गए हैं। कई सीटों पर महागठबंधन पर प्रत्याशी बदलने का दबाव है। वहीं टिकट न मिलने से पार्टी के कई नेता और उनके समर्थक नाराज हैं। इन दलों के सामने पार्टी नेताओं का असंतोष साधने की चुनौती है। महागठबंधन को कई सीटों पर अपने नेताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है।

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    लोकसभा चुनाव 2024: झारखंड में प्रत्याशी बदलने का दबाव झेल रहा महागठबंधन।

    जागरण, रांची। झारखंड में आईएनडीआईए के प्रमुख दलों कांग्रेस और झामुमो ने लंबी माथापच्ची के बाद ज्यादातर सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। अब दोनों ही पार्टियों को कई सीटों पर अपने ही दल के नेताओं की नाराजगी झेलनी पड़ रही है।

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    दोनों दलों के सामने अभी पार्टी के भीतर का असंतोष थामने की चुनौती है। ऐसे में भितरघात का भी खतरा है। जो नेता प्रत्याशी बनने के लिए लाबिंग कर रहे थे, वे चुनाव के दौरान मुसीबत खड़ी कर सकते हैं। यह महागठबंधन के लिए सिरदर्द हो सकता है।

    गोड्डा में प्रदीप यादव समर्थक निराश

    गोड्डा संसदीय सीट पर विरोध का स्वर कुछ ज्यादा ही मुखर है। कांग्रेस की ओर से महगामा की विधायक दीपिका पांडेय सिंह को यहां प्रत्याशी घोषित किया गया है। इसका विरोध किया जा रहा है।

    पोड़ैयाहाट के विधायक प्रदीप यादव भी यहां टिकट की दौड़ में थे। उन्हें मौका नहीं मिलने से उनके समर्थक निराशा है। समर्थकों ने खुलकर विरोध भी किया। ओबीसी मतों की संख्या के आधार पर प्रदीप यादव दावेदारी कर रहे थे। चुनाव में उनकी नाराजगी गुल खिला सकती है।

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    क्या इन्हें नजरअंदाज करना पड़ेगा भारी?

    पूर्व सांसद फुरकान अंसारी भी गोड्डा से टिकट के प्रबल दावेदार थे। वे यहां से सांसद भी रह चुके हैं। उनके पुत्र विधायक इरफान अंसारी ने भी उन्हें टिकट नहीं देने के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। इरफान का कहना है कि पार्टी और महागठबंधन दोनों को प्रत्याशी चयन में अल्पसंख्यकों को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। फुरकान अंसारी के समर्थकों में इतना गुस्सा है कि उन्होंने इरफान अंसारी के विरुद्ध भी प्रदर्शन कर दिया और नाकाम बताया।

    राजद के नेता भी आए सामने

    गुरुवार को राजद के प्रदेश महासचिव व गोड्डा के पूर्व विधायक संजय प्रसाद यादव ने भी यह मुद्दा उठा दिया। उन्होंने कहा कि आईएनडीआईए में मुस्लिम और यादव की उपेक्षा हो रही है। राज्य की 14 लोस सीटों में कहीं भी मुस्लिम और यादव को टिकट नहीं मिला है। झारखंड में यादव और मुस्लिम की बड़ी आबादी है, इन्हें नजरंदाज नहीं किया जा सकता है। गोड्डा, कोडरमा एवं चतरा में आईएनडीआईए गठबंधन को पुनर्विचार करना ही होगा। यह भी कहा कि चतरा में राजद की दावेदारी प्रबल है।

    सिंहभूम में भी विरोध, कुछ प्रत्याशियों पर बाहरी का ठप्पा

    विरोध के स्वर झामुमो कोटे की सीट सिंहभूम पर भी है। वहां `हो` जनजाति का प्रत्याशी देने का दबाव है। घोषित प्रत्याशी जोबा मांझी संताल जनजाति से संबंध रखती हैं। इसके अलावा कुछ प्रत्याशियों पर बाहरी का ठप्पा लगाया जा रहा है। चतरा से कांग्रेस के प्रत्याशी केएन त्रिपाठी और धनबाद से प्रत्याशी अनुपमा सिंह के खिलाफ भितरखाने विरोध हो रहा है। दोनों के बाहरी बताकर टिकट की रेस में लगे कुछ लोग विरोध कर रहे हैं।

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