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    Lok Sabha Election 2024: भाजपा के सामने प्रदर्शन दोहराने और कांग्रेस के सामने साख बचाने की चुनौती, हिमाचल प्रदेश में दिलचस्प हुआ चुनाव

    Lok Sabha Election 2024 हिमाचल प्रदेश में इस बार लोकसभा चुनाव दिलचस्प है। भाजपा और कांग्रेस ने पूरा दमखम लगा रखा है। पिछले दो लोकसभा चुनाव में भाजपा हिमाचल की सभी चारों सीटों को जीत चुकी है। पार्टी के सामने इस प्रदर्शन को दोहराने का दबाव है। वहीं कांग्रेस के सामने साख बचाने का दबाव है क्योंकि प्रदेश में उसकी ही सरकार है।

    By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Mon, 29 Apr 2024 04:14 PM (IST)
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    लोकसभा चुनाव 2024: पूर्व सीएम जयराम ठाकुर और सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू। (फाइल फोटो)

    रोहित नागपाल, शिमला। हिमाचल में लोकसभा चुनाव में भाजपा पर अपने प्रदर्शन को दोहराने का दबाव है तो कांग्रेस के सामने साख बचाने की चुनौती है। प्रदेश में पिछले दो लोकसभा चुनाव में भाजपा ने चारों सीटें जीती हैं जबकि हालिया राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस ने बड़ा झटका झेला है। 2009 के चुनाव में भाजपा ने तीन सीटें जीती थीं। पार्टी हमीरपुर सीट पर 1998 से लगातार जीत रही है।

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    शिमला संसदीय सीट कभी कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी, भाजपा यहां भी पिछले तीन चुनाव से लगातार जीत रही है। 2021 में मंडी लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस की प्रतिभा सिंह जीती थीं।

    कांग्रेस के सामने साख बचाने की चुनौती

    कांग्रेस के लिए जीत हासिल कर अपनी साख बचाने की चुनौती है। करीब डेढ़ वर्ष पहले कांग्रेस ने विधानसभा की 68 में से 40 सीटें जीती थीं। अब छह विधायकों के विद्रोही हो जाने से उसके पास 34 विधायक हैं। लोकसभा चुनाव से यह भी पता चलेगा कि जनता कांग्रेस सरकार के डेढ़ वर्ष के काम से कितनी संतुष्ट है।

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    उपचुनाव में कांग्रेस की ये रणनीति

    हिमाचल में कांग्रेस विद्रोह झेल रही है। इस कारण पार्टी को राज्यसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद पार्टी के छह विधायक भाजपा में चले गए। विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने इन सभी को टिकट दिए हैं। अब कांग्रेस ने इसकी भरपाई के लिए भाजपा से आए नेताओं को चुनाव में उतारने का निर्णय लिया है। सुजानपुर व गगरेट से इसकी शुरुआत कर दी है।

    राज्यसभा चुनाव में इन छह विधायकों ने किया था खेला

    विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। 68 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस को 40 व भाजपा को 25 सीटें मिली हैं। तीन विधायक निर्दलीय हैं।

    कांग्रेस के छह और तीन निर्दलीय विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन को मत दिया था। इस कारण कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी चुनाव हार गए थे। बाद में पार्टी व्हिप के उल्लंघन पर विधानसभा अध्यक्ष ने इन छह विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था।

    कांग्रेस के सभी प्रत्याशी अभी घोषित नहीं

    प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान दोनों ही राजनीतिक दल खूब पसीना बहाएंगे, इसमें कोई दोराय नहीं है, लेकिन किसको पसीना बहाने का पूरा मेहनताना मिलता है, यह चार जून को ही स्पष्ट होगा। वर्तमान में हालत यह है कि प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने चारों प्रत्याशियों को चुनावी समर में उतार दिया है।

    पार्टी ने छह सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव के लिए भी प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। अभी कांग्रेस के सभी प्रत्याशियों का इंतजार है। पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए अभी दो प्रत्याशी घोषित किए हैं। हमीरपुर व कांगड़ा संसदीय सीट पर प्रत्याशी तय करने हैं।

    भाजपा का एक दौर का प्रचार पूरा

    हिमाचल में भाजपा ने लोकसभा की चार और विधानसभा की छह सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। कांग्रेस ने अभी तक लोकसभा की दो सीटों व विधानसभा उप चुनाव के लिए तीन सीटों पर ही प्रत्याशी उतारे हैं। कांग्रेस का दावा है कि जल्द ही अन्य प्रत्याशियों की घोषणा कर दी जाएगी। भाजपा के प्रत्याशियों ने एक दौर का प्रचार पूरा कर लिया है।

    कांग्रेस के मंडी और शिमला लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी प्रचार कर रहे हैं। विधानसभा उपचुनाव की तीन सीटों पर प्रत्याशी शनिवार से प्रचार में उतरे हैं। तीन अन्य सीटों पर दावेदार जनता के बीच जा रहे हैं, पर प्रत्याशी घोषित न होने के कारण असमंजस की स्थिति है।

    कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त का मुद्दा उठा रही

    हिमाचल में भाजपा केंद्र की मोदी सरकार के दस साल के कार्य को लेकर लोगों के बीच में जा रही है। भाजपा कांग्रेस सरकार की डेढ़ साल की नाकामियों को भी मुद्दा बना रही है।

    कांग्रेस इस चुनाव में हिमाचल में बिकाऊ नहीं, टिकाऊ का नारा देकर लोगों के बीच में वोट मांग रही है। मुख्यमंत्री और पार्टी के अन्य नेता राज्यसभा चुनाव में छह विधायकों की खरीद-फरोख्त का मामला बार-बार उठा रहे हैं। पार्टी का तर्क है कि इस बार टिकाऊ प्रत्याशियों को चुनाव में जिताने की मांग को लेकर लोगों के बीच में जाएगी।

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