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    Lok Sabha Election 2024: अहीरवाल की राजनीति में चौधर की जंग, कांग्रेस ने खेला यादव कार्ड तो भाजपा ने भी इन दिग्गजों को उतारा

    Updated: Wed, 15 May 2024 07:15 PM (IST)

    Lok Sabha Election 2024 हरियाणा की अहीरवाल बेल्ट पर लोकसभा चुनाव दिलचस्प हो गया है। केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत गुड़गांव से मैदान में हैं। वहीं भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर धर्मबीर के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं। उधर राव दान सिंह को भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाकर कांग्रेस ने यादव कार्ड खेला है। भाजपा केंद्र और हरियाणा सरकार के काम के भरोसे है।

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    लोकसभा चुनाव 2024: अहीरवाल की राजनीति में चौधर की जंग।

    अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा की राजनीति में जिस तरह देवीलाल, बंसीलाल और भजनलाल के बाद अब मनोहर लाल का दबदबा माना जाता है, उसी तरह हरियाणा व राजस्थान की सीमाओं से सटे अहीरवाल क्षेत्र में तीन बड़े परिवारों का पूरा हस्तक्षेप आज भी बना है। हरियाणा के अहीरवाल क्षेत्र में गुरुग्राम, रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ जिले आते हैं, जबकि लोकसभा क्षेत्रों की संख्या दो गुड़गांव और भिवानी-महेंद्रगढ़ हैं।

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    दक्षिण हरियाणा के झज्जर और भिवानी में भी अहीर कुछ संख्या में हैं, जो रोहतक लोकसभा सीट का चुनावी गणित प्रभावित करने में अहम भूमिका निभाते रहे हैं। इन जिलों में अहीर (यादवों) का पूरा प्रभाव है। संख्या में भी और राजनीति में भी।

    जब नहरी पानी को तरसते थे लोग

    23 प्रतिशत जाट और 21 प्रतिशत वंचित के बाद हरियाणा में यादव लगभग 12 प्रतिशत हैं। विधानसभा की करीब दो दर्जन सीटें अहीरवाल से आती हैं, जो किसी भी सरकार का समीकरण बनाने और बिगाड़ने में अहम भूमिका निभाती रही हैं। एक समय था, जब अहीरवाल के लोग नहरी पानी के लिए तरसते थे। पूरा क्षेत्र राजस्थानी टिब्बों के रूप में मौजूद था।

    अहीरवाल से सैनिक भी अधिक

    सरकारी नौकरियां नहीं मिलती थी। भारतीय सेनाओं में सबसे अधिक सैनिक अहीरवाल से होने के बावजूद उन्हें वन रैंक-वन पेंशन का लाभ नहीं मिलता था, लेकिन राजनीतिक जागरूकता के साथ-साथ अहीरवाल में पानी भी आया, समान रूप से योग्य युवाओं को नौकरियां भी मिली और वन रैंक वन पेंशन योजना का लाभ भी मिलने लगा है। यह सब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी और पूर्व सीएम मनोहर लाल के भरोसे की वजह से हो पाया है, जिसमें यहां के सांसदों ने अहम भूमिका निभाई है।

    भाजपा ने इन नेताओं को किया सक्रिय

    केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, पूर्व सिंचाई मंत्री कैप्टन अजय यादव और पूर्व लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर सिंह अहीरवाल क्षेत्र में अपने-अपने परिवारों की राजनीति को आगे बढ़ा रहे हैं। महेंद्रगढ़ के चार बार विधायक रह चुके राव दान सिंह भी अहीरवाल की राजनीति में खासे सक्रिय हैं।

    भाजपा ने यहां केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, केंद्रीय चुनाव समिति की सदस्य डॉ. सुधा यादव और राज्य मंत्री डॉ. अभय सिंह यादव के साथ मुख्यमंत्री के पूर्व ओएसडी व पार्टी के प्रमुख प्रवक्ता जवाहर यादव को सक्रिय कर रखा है, ताकि अहीरवाल की राजनीति में भाजपा का पूरा दखल बना रहे।

    कौन-कहां से मैदान पर

    राव इंद्रजीत गुड़गांव से भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं तो कांग्रेस ने कैप्टन अजय यादव का टिकट काटकर फिल्म अभिनेता राज बब्बर को चुनाव मैदान में उतार दिया है। राव दान सिंह भिवानी-महेंद्रगढ़ से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं, जबकि भाजपा ने यहां से निवर्तमान सांसद धर्मबीर सिंह को मैदान में उतारा है।

    राव इंद्रजीत ने रखा धर्मबीर के पीठ पर हाथ

    केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने सोमवार को भिवानी-महेंद्रगढ़ में धर्मबीर सिंह के समर्थन में प्रचार कर उनकी पीठ पर अपना हाथ रख दिया है, जो कि राव दान सिंह के लिए किसी खतरे से खाली नहीं है। पहले भी धर्मबीर की जीत में राव इंद्रजीत का सहयोग रह चुका है।

    राव दान सिंह के बेटे अक्षत यादव का राव नरबीर सिंह की बेटी से विवाह हो रखा है। अहीरवाल के तीन परिवारों की तीसरी पीढ़ी महेंद्रगढ़, रेवाड़ी और गुरुग्राम जिलों वाले इस क्षेत्र में अपनी वंशवादी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है।

    इस तरह बढ़ रही अहीरवाल के राजनेताओं की वंशवादी राजनीति

    अहीरवाल में एक परिवार का वंश राव तुला राम से जुड़ा है, जिन्होंने 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह हरियाणा के दूसरे मुख्यमंत्री राव बीरेंद्र के बेटे हैं। इनके दो भाई राव अजीत सिंह और राव यादवेंद्र सिंह हैं। राव अजीत सिंह के बेटे राव अर्जुन सिंह कांग्रेस से जुड़े हैं, जबकि राव इंद्रजीत की बेटी आरती भाजपा की तेजतर्रार नेता हैं।

    राव अभय सिंह के बेटे कैप्टन अजय सिंह यादव रेवाड़ी से छह बार विधायक रह चुके हैं। उनके पिता ने 1952 में रेवाड़ी से राव बीरेंद्र सिंह को हराया था। अजय सिंह के बेटे चिरंजीव राव ने 2019 में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में रेवाड़ी से जीत हासिल की थी। उनका विवाह बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की बेटी से हुआ है।

    किसी भी पार्टी से चुनाव जीतते रहे राव, अब धर्मबीर को सहारा

    अहीरवाल क्षेत्र का तीसरा महत्वपूर्ण परिवार राव मोहर सिंह द्वारा स्थापित बूढ़पुर हाउस का है। मोहर सिंह को गुरुग्राम में विभाजन से पहले पहला सहकारी बैंक खोलने का श्रेय दिया जाता है। उनके पुत्र राव महावीर सिंह और राव विजयवीर सिंह विधायक बने थे। राव महावीर सिंह के बेटे राव नरबीर सिंह तीन बार के विधायक रह चुके हैं।

    उन्होंने 2014 में बीजेपी उम्मीदवार के रूप में बादशाहपुर से अपनी आखिरी जीत दर्ज की थी लेकिन साल 2019 के चुनाव में उनका टिकट कट गया था। राव बीरेंद्र सिंह और अब राव इंद्रजीत सिंह ने न केवल अपने दम पर चुनाव जीते हैं, भले ही उन्हें किसी भी पार्टी ने मैदान में उतारा हो, बल्कि उनके पास अहीरवाल बेल्ट की अन्य विधानसभा सीटों से अपने समर्थकों को चुनाव जीताने की क्षमता भी है।

    भाजपा ने पेश किया अहीरवाल के कल्याण का एजेंडा

    हरियाणा भाजपा के मुख्य प्रवक्ता एवं सीएम के पूर्व ओएसडी जवाहर यादव का कहना है कि भाजपा ने अहीरवाल को बहुत कुछ दिया। भाजपा की जीत का मतलब अहीरवाल की जीत से है। इसलिए अहीरवाल पराजित नहीं होना चाहिए।

    सरकारी नौकरियों में अहीरवाल का प्रतिनिधित्व, बाजरे का उचित मूल्य, सैनिकों को सामाजिक सुरक्षा और वन रैंक-वन पेंशन योजना का लाभ तथा पीने के नहरी पानी की व्यवस्था ने अहीरवाल की दशा और दिशा दोनों बदलने का काम किया है। जवाहर यादव के अनुसार सैनिक व किसान की इस भूमि अहीरवाल की चिंता सिर्फ और सिर्फ भाजपा कर सकती है।

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