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    संतान के लिए 'संतोष' की गोली गटकने को तैयार नेताजी! न साख की परवाह और न हाईकमान के हंटर का डर

    Lok Sabha election 2024 देश में 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव होना है। इसके लिए चुनाव आयोग शनिवार दोपहर तीन बजे चुनाव की तारीखों का एलान करेगा। इधर कांग्रेस के दिग्गज नेता खुद चुनाव लड़ना नहीं चाह रहे हैं लेकिन अपने बेटे और बेटियों के लिए टिकट मांग रहे हैं। कांग्रेस हाईकमान असमंजस में है कि क्या जनता नए चेहरों को स्वीकारेगी या नकार देगी...

    By Jagran News Edited By: Deepti Mishra Updated: Fri, 15 Mar 2024 08:00 PM (IST)
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    Lok Sabha Chunav 2024:अगली पीढ़ी के मोहपाश में जकड़े दिग्गज कांग्रेसी ।

     अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। मध्य प्रदेश और राजस्थान के बाद अब हरियाणा में भी कांग्रेस वही कहानी दोहराने जा रही है, जो उसकी राजनीतिक सेहत के लिए बहुत अच्छी नहीं कही जा सकती। हरियाणा में कांग्रेस के जितने भी वरिष्ठ और दिग्गज नेता हैं, वह सभी स्वयं लोकसभा चुनाव लड़ने से कन्नी काट रहे हैं, लेकिन अपनी आगे की पीढ़ी के लिए चुनाव लड़ने का रास्ता तैयार कर रहे हैं।

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    प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों के लिए जितने भी दावेदारों ने चुनाव लड़ने के लिए आवेदन किए हैं, उनमें किसी दिग्गज कांग्रेस नेता का नाम शामिल नहीं है। सभी की इच्छा स्वयं लोकसभा चुनाव लड़ने की बजाय या तो विधानसभा चुनाव लड़कर हरियाणा की राजनीति में सक्रिय रहने की है या फिर अपने परिवार के सदस्यों को आगे बढ़ाने की है। आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन में कुरुक्षेत्र की एक सीट कांग्रेस द्वारा उसे दी जा चुकी है।

    दिग्गज की ना, बच्‍चों की हां

    कांग्रेस के इन दिग्गजों ने विकल्प के तौर पर अपने बेटे-बेटियों और परिवार के अन्य सदस्यों को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए आगे कर रखा है। देश भर में कांग्रेस की जो स्थिति चल रही है, उसके मद्देनजर कांग्रेस हाईकमान की सोच पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को ही चुनाव लड़ाने की है, लेकिन इसमें उनकी रुचि नहीं होने के कारण पार्टी के सामने बड़ा राजनीतिक संकट खड़ा हो रहा है।

    कमलनाथ नहीं, नकुलनाथ मैदान में

    मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्वयं चुनाव लड़ने की बजाय अपने बेटे नकुलनाथ को छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरवाया है। राजस्थान में भी यही स्थिति है। वहां पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को जालौर लोकसभा सीट से टिकट मिला है।

     भूपेंद्र सिंह हुड्डा का बेटा दीपेंद्र तैयार

    हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा साल 2019 में सोनीपत लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन इस बार वह इस मूड में बिल्कुल भी नहीं हैं। उनके बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा राज्यसभा सदस्य हैं, लेकिन दीपेंद्र राज्यसभा सदस्य होने के बावजूद रोहतक लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।

    हालांकि, कांग्रेस हाईकमान भूपेंद्र हुड्डा को रोहतक से चुनाव लड़वाने के हक में हैं, लेकिन पिता अभी इसके लिए तैयार नहीं हुए हैं। गुरुग्राम से पूर्व सिंचाई मंत्री कैप्टन अजय यादव ने टिकट के लिए आवेदन नहीं किया है। पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया के प्रति कैप्टन में काफी नाराजगी है। कैप्टन बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव के समधी हैं और सोनिया गांधी के काफी करीब हैं। कैप्टन अपने बेटे चिरंजीव राव के लिए टिकट का प्रयास कर रहे हैं।

    कांग्रेस महासचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा अंबाला व सिरसा लोकसभा सीटों से सांसद रह चुकी हैं, लेकिन इस बार उन्होंने किसी भी लोकसभा सीट पर दावेदारी नहीं जताई है। सैलजा विधानसभा चुनाव लड़कर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय रहना चाहती हैं।

    मां को नहीं लड़ना चुनाव, बेटी के लिए चाहती हैं टिकट

    कांग्रेस विधायक दल की पूर्व नेता किरण चौधरी की दिल्ली दरबार में मजबूत पकड़ है। किरण चौधरी स्वयं लोकसभा चुनाव लड़ने की बजाय अपनी पूर्व सांसद बेटी श्रुति चौधरी के लिए भिवानी लोकसभा सीट से टिकट मांग रही हैं। कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला राजस्थान से राज्यसभा सदस्य हैं। उनकी भी लोकसभा चुनाव लड़ने में कोई रुचि नहीं है। हालांकि, सुरजेवाला अपने बेटे को विधानसभा चुनाव के लिए तैयार कर रहे हैं।

    कुलदीप शर्मा बेटे चाणक्य के लिए मांग रहे टिकट

    हरियाणा विधानसभा के पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा करनाल से चुनाव लड़ते रहे हैं, लेकिन इस बार वे अपने बेटे चाणक्य शर्मा के लिए टिकट मांग रहे हैं। पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह अपने बेटे विजय प्रताप सिंह के लिए फरीदाबाद से कांग्रेस की टिकट मांग रहे हैं। भाजपा नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के निवर्तमान सांसद बेटे बृजेंद्र सिंह अब कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। इसलिए उनकी दावेदारी सोनीपत व हिसार लोकसभा सीटों पर बनी हुई है।

    हिसार में पूर्व केंद्रीय मंत्री जय प्रकाश जेपी के चेहरे को बार-बार देखकर लोग तंग आ चुके हैं। गुरुग्राम में हरियाणा कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जितेंद्र भारद्वाज को उनके राजनीतिक गुरु भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आगे किया है। कांग्रेस हाईकमान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान को भी लोकसभा चुनाव लड़वाने के मूड में है, लेकिन अभी तक उन्होंने कोई रुचि नहीं दिखाई है।

    पूर्व वित्त मंत्री बेटे गौरव के लिए मांग रहे टिकट

    हरियाणा के पूर्व वित्त मंत्री प्रो. संपत सिंह अपने बेटे गौरव संपत सिंह के लिए हिसार में टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद धर्मपाल मलिक ने सोनीपत लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है, जबकि पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल ने फरीदाबाद लोकसभा सीट से टिकट की दावेदारी ठोंकी है। कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया ने वरिष्ठ नेताओं के इस राजनीतिक व्यवहार पर चिंता जाहिर की है।

    परिवार को आगे बढ़ाने में लगे दिग्गज

    कांग्रेस के सभी धड़ों की कोशिश है कि सामने वाले नेताओं को लोकसभा चुनावों में उतारा जाए, इसलिए वे एक दूसरे के नेताओं के नाम आगे बढ़ा रहे हैं। स्थिति को देखते हुए फिलहाल प्रत्याशियों की सूची को रोका हुआ है। दीपक बाबरिया ने दोनों धड़ों की रिपोर्ट हाईकमान के पास भेज दी है। साथ ही ये भी कहा कि दोनों धड़ों के बड़े नेताओं को लोकसभा चुनाव लड़ना चाहिए।

    ऐसे में संभावना है कि सभी बड़े चेहरों पर कांग्रेस उनकी मर्जी के बिना भी दांव खेल सकती है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि टिकटों के लिए अमूमन पार्टी का कोई वरिष्ठ नेता आवेदन नहीं करता। यह हाईकमान के ऊपर निर्भर करता है कि वह किस लोकसभा क्षेत्र से किसे चुनाव लड़वाए।

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