Lok Sabha Election 2024: चुनावी परिणाम पर टिका कांग्रेस के इन दिग्गजों का भविष्य, जीत हो या हार, पार्टी ने ले लिया बड़ा फैसला
Lok Sabha Election 2024 लोकसभा चुनाव समाप्त होने के बाद अब सबकी नजरें वोटों की गिनती पर टिकी हुई हैं। इस चुनाव परिणाम पर कांग्रेस के कई नेताओं का राजनीतिक भविष्य दांव पर लगा हुआ है। चुनाव परिणाम ही तय करेगा कि उन्हें आगे कौनसी जिम्मेदारी मिलेगी। उनका कद बढ़ेगा या घटेगा सब कुछ परिणाम पर ही निर्भर करेगा। इसके लिए पार्टी ने फैसला भी कर लिया है।
जागरण ब्यूरो, भोपाल। चार जून को लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस में समीकरण बदलेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ, दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया और अरुण यादव से लेकर अन्य वरिष्ठ नेताओं की भूमिका तय होगी। अभी दिग्विजय सिंह को छोड़कर किसी वरिष्ठ नेता की केंद्रीय संगठन में कोई भूमिका नहीं है।
पार्टी ने पीढ़ी परिवर्तन करते हुए पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल, ओमकार सिंह मरकाम और प्रवीण पाठक को केंद्र स्तर पर जिम्मेदारी देकर आगे बढ़ाया है। वहीं, प्रदेश में जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष, उमंग सिंघार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और हेमंत कटारे को उप नेता प्रतिपक्ष बनाकर आगे किया है।
मध्य प्रदेश में विधान सभा चुनाव कमल नाथ और दिग्विजय सिंह की अगुवाई में लड़े गए थे। अपेक्षित परिणाम प्राप्त नहीं होने पर कमल नाथ को हटाकर युवा जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष बना पीढ़ी परिवर्तन का संदेश दिया गया। लोक सभा चुनाव में चाहे टिकट देने की बात हो या फिर चुनाव अभियान के संचालन का जिम्मा, पार्टी ने नए चेहरों को आगे बढ़ाया।
युवा को आगे बढ़ाएगी कांग्रेस
अब चुनाव परिणाम आने के बाद फिर समीकरण बदलेंगे और वरिष्ठों की भूमिका भी तय होगी। जिस तरह कमलेश्वर पटेल और ओमकार सिंह मरकाम को केंद्रीय संगठन में स्थान दिया और चुनाव भी लड़ाया, उससे साफ है कि पार्टी युवा नेतृत्व को आगे बढ़ाएगी।
इसकी झलक प्रदेश कार्यकारिणी के गठन में दिखाई देगी। इसके संकेत जीतू पटवारी दे चुके हैं। आधे से अधिक पद युवा को देने की तैयारी है। इसमें युवा कांग्रेस, भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई), महिला कांग्रेस समेत अन्य संगठनों में काम कर रहे पदाधिकारियों को आगे बढ़ाया जाएगा।
परिणाम तय करेगा नेताओं का भविष्य
पार्टी सूत्रों का कहना है कि चुनाव परिणाम के साथ ही कमल नाथ, दिग्विजय सिंह और कांतिलाल भूरिया जैसे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का राजनीतिक भविष्य भी तय हो जाएगा। इन नेताओं को चुनाव में सफलता मिलती है तो उनका कद बढ़ेगा और केंद्रीय संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है।
कमल नाथ को राष्ट्रीय स्तर पर अन्य दलों के नेताओं के साथ समन्वय का जिम्मा मिल सकता है तो दिग्विजय सिंह का उपयोग संगठन को मजबूत करने के लिए कार्यक्रम निर्धारित करने के लिए किया जा सकता है। केंद्रीय संगठन में अरुण यादव को महासचिव बनाया जा सकता है।
अरुण यादव ने गुना लोकसभा सीट से टिकट की मांग की थी और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से भी मिले थे। सूत्रों के अनुसार उन्हें चुनाव न लड़ने और आगे के लिए तैयारी करने के निर्देश दिए थे।
हार और जीत, दोनो ही स्थितियों में नए नेतृत्व के हिसाब से आमूलचूल परिवर्तन होते हैं और होंगे ही। यही परंपरा है। कांग्रेस ने चुनाव के पूर्व ही पीढ़ी परिवर्तन की शुरुआत कर इसके संकेत भी दे ही दिए हैं। - केके मिश्रा, मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया सलाहकार
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