Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मतदाता ही भाग्यविधाता: यहां शहर में कम गांवों में अधिक दौड़ रहे नेताजी, क्या है ग्रामीण समीकरण, जिससे परेशान सभी दल?

    जम्मू-कश्मीर में सभी दलों का ध्यान ग्रामीण क्षेत्र के मतदाताओं पर है। प्रचार अभियान का केंद्र भी ग्रामीण इलाके हैं। इसकी वजह यहां की 75 फीसदी आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है। सभी दलों ने अब गांवों की ओर रुख कर लिया है। पहले चरण में ऊधमपुर-डोडा-कठुआ में 19 अप्रैल और दूसरे चरण में 26 अप्रैल को जम्मू-रियासी सीट पर मतदान होगा।

    By Ajay Kumar Edited By: Ajay Kumar Updated: Mon, 08 Apr 2024 08:32 PM (IST)
    Hero Image
    Lok Sabha Election 2024: मतदाता ही भाग्यविधाता।

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। अपनी उम्मीदों की सरकार चुनने के लिए ग्रामीण मतदाता हमेशा सचेत रहा है और वह शहरी के मुकाबले मतदान केंद्रों पर लंबी कतारें लगाता है। राजनीतिक दल और उनके प्रत्याशी भी इस स्थिति को अच्छे से समझते हैं। इस बार चुनावी माहौल ऐसा है कि गांवों में लंबी चौपालें लग रही हैं। सोच-समझकर वोट देने पर बहसें हो रही हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    75 फीसदी आबादी ग्रामीण

    ग्रामीण वोटरों की संजीदगी को भांपते हुए प्रत्याशियों ने गांवों की दौड़ लगा दी है। ग्रामीणों की देहरी पर ‘नतमस्तक’ नेता एक बार खुद को आजमाने का वंदन कर रहे हैं। चुनावी माहौल में मतदाता ही भगवान और भाग्यविधाता है। जम्मू-कश्मीर की 75 प्रतिशत आबादी ग्रामीण है।

    सभी दलों का रुख गांवों की ओर

    यह बात राजनीतिक दल अच्छे से जानते और समझते हैं। इसी को देखते हुए इस समय भाजपा, कांग्रेस समेत सभी क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों का रुख गांवों की ओर है। इनके कार्यकर्ता भी ग्रामीण मतदाताओं को रिझाने के लिए हर विद्या का इस्तेमाल कर रहे हैं। इतना ही नहीं, विरोधी दल के कार्यकर्ताओं को जैसे भी हो अपनी पार्टी में शामिल करने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं।

    इन तारीखों पर होगा मतदान

    जम्मू-कश्मीर में पहले चरण में ऊधमपुर-डोडा-कठुआ में 19 अप्रैल को और दूसरे चरण में 26 अप्रैल को जम्मू-रियासी सीट के लिए मतदान होना है। इनमें से ऊधमपुर-डोडा-कठुआ लोकसभा क्षेत्र में ग्रामीण इलाके अधिक हैं। जम्मू सभी भी ऐसे मतदाताओं से भरपूर है और यह सीमावर्ती क्षेत्र में भी फैली है।

    गांवों में चल रही चुनावी हवा

    वर्तमान में इन दोनों सीटों पर शहरों की अपेक्षा गांवों में चुनावी हवा अधिक चल रही है। भाजपा के जम्मू-रियासी से उम्मीदवार जुगल किशोर रविवार को रियासी जिले के कटड़ा, पैंथल, बाबा धनसर क्षेत्रों में वोट मांगते दिखे। कांग्रेस के उम्मीदवार रमण भल्ला ने जम्मू जिले के नगरोटा, कट्टल बट्टल, पंजग्रां, सुकेतर, थराह, झज्झर कोटली, बडसू, पल्ली, जंद्राह, साहनू, भटियारी, लोअर कथार, मनवाल, नागोला सहित कई ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचार किया।

    यह भी पढ़ें:  जब अटल जी को किसी ने पकड़ाई थैली तो पूछा- कितना है? जवाब सुन मुस्कुराते हुए मंच से उतर गए

    ऊधमपुर-डोडा-कठुआ क्षेत्र में भाजपा के डॉ. जितेंद्र सिंह ने ऊधमपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र बरमीन और कठुआ के ग्रामीण क्षेत्र बनी विधानसभा क्षेत्र में प्रचार किया। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी लाल सिंह भी रविवार को ग्रामीण क्षेत्रों में रहे। उन्होंने चिनैनी में भी प्रचार किया।

    गांवों में सड़क, पानी, बिजली जैसे मुद्दे अभी अहम

    ऊधमपुर जिले के डुड्-बसंतगढ़ क्षेत्र के रहने वाले संजीव गुप्ता का कहना है कि चुनावों में ही नेता ग्रामीण क्षेत्रों में नजर आते हैं। ऐसे में लोगों में उनके आने पर उत्साह अधिक रहता है। गांवों में सड़क, पानी, बिजली जैसे मुद्दे अभी अहम हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं को रोजगार का मुद्दा भी है, लेकिन अभी तक किसी विशेष मुद्दे पर कोई जोर नहीं दे रहा है। चिनैनी क्षेत्र के सुरजीत शर्मा का कहना है कि सभी राजनीतिक दलों के नेता इस समय वोट मांगने आ रहे हैं, वोट उसी को देंगे जो समस्याओं का समाधान करेगा।

    यह भी पढ़ें: हरियाणा में भाजपा को बड़ा झटका, पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र ने पत्नी संग छोड़ी पार्टी; सांसद बेटा पहले ही थाम चुका 'हाथ'