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    Election 2024: भगवान की शरण में पहुंची सनातन को नकारने वाली DMK, सनातन की बढ़ती लोकप्रियता का तमिलनाडु में दिख रहा प्रभाव

    सनातन की तमिलनाडु में बढ़ रही लोकप्रियता की काट के लिए डीएमके ने तमिल भगवान मुरुगन को आगे करने का फैसला किया है। इसकी एक और वजह पिछले छह दशक से डीएमके का हिंदी विरोध और तमिल अस्मिता के कार्ड के धीरे-धीरे कमजोर पड़ने को भी माना जा रहा है। ग्लोबल कान्फ्रेंस के दौरान डीएमके की कोशिश भगवान मुरुगन को तमिल भगवान के रूप में स्थापित करने की होगी।

    By Jagran News Edited By: Amit Singh Updated: Sat, 16 Mar 2024 04:19 AM (IST)
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    तमिलनाडु सरकार भगवान मुरुगन पर आयोजित करेगी ग्लोबल कान्फ्रेंस।

    नीलू रंजन, नई दिल्ली। मलेरिया, एड्स और कोरोना से तुलना कर सनातन को खत्म करने का बीड़ा उठाने वाली डीएमके खुद सनातन की शरण में आ गई है। भगवान के अस्तित्व को नकारने की राजनीति करने वाली तमिलनाडु की डीएमके सरकार ने भगवान मुरुगन पर ग्लोबल कान्फ्रेंस आयोजित करने का एलान किया है। लोस चुनाव से ठीक पहले कान्फ्रेंस आयोजित करने के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं और इसे अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद तमिलनाडु में श्रीराम व सनातन की बढ़ती लोकप्रियता से जोड़कर देखा जा रहा है।

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    डीएमके को भगवान मुरुगन का सहारा

    माना जा रहा है कि भगवान राम और सनातन की तमिलनाडु में बढ़ रही लोकप्रियता की काट के लिए डीएमके ने तमिल भगवान मुरुगन को आगे करने का फैसला किया है। इसकी एक और वजह पिछले छह दशक से डीएमके का हिंदी विरोध और तमिल अस्मिता के कार्ड के धीरे-धीरे कमजोर पड़ने को भी माना जा रहा है। ग्लोबल कान्फ्रेंस के दौरान डीएमके की कोशिश भगवान मुरुगन को तमिल भगवान के रूप में स्थापित करने की होगी, जिससे भगवान राम और सनातन की बढ़ती लोकप्रियता को रोका जा सके।

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद काशी- तमिल संगमम और सौराष्ट्र-तमिल संगमम के आयोजनों के सहारे तमिलनाडु की सांस्कृतिक पहचान को सनातन से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। तमिलनाडु में भाजपा की रैलियों में बढ़ती भीड़ इनकी सफलता का संकेत दे रही है। केंद्रीय गृह मंत्री शाह तमिलनाडु में चौंकाने वाले नतीजे का दावा कर चुके हैं।

    सनातन परंपरा से हैं भगवान मुरुगन 

    डीएमके भले ही भगवान मुरुगन को तमिल भगवान और तमिल संस्कृति से जोड़कर आगे करने की कोशिश कर रहा हो, लेकिन सच्चाई यही है कि खुद भगवान मुरुगन भी सनातन परंपरा से जुड़े हुए हैं। उन्हें भगवान शिव का बेटा और भगवान गणेश का भाई माना जाता है। उत्तर भारत में भगवान गणेश के भाई के रूप में कार्तिकेय का जिक्र आता है। कुछ विद्वान भगवान कार्तिकेय और भगवान मुरुगन को एक मानते हैं।

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