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    पंजाब में सात सीटों के लिए कांग्रेस फिर से करेगी माथापच्ची; पूर्व सीएम समेत इन नेताओं को मिल सकता है टिकट

    Updated: Tue, 16 Apr 2024 05:14 PM (IST)

    छह लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा करने के बाद कांग्रेस पार्टी ने थोड़ी राहत की सांस ली है लेकिन बाकी बची सात सीटों को लेकर एक बार फिर नए सिरे से माथापच्ची करनी पड़ेगी। पार्टी को पता है कि दो-तीन सीटों को छोड़ दिया जाए तो असली मशक्कत उसे अब करनी है। पार्टी के सामने लुधियाना फिरोजपुर और फरीदकोट जैसी सीटों पर उम्मीदवारों का चयन करना बड़ी चुनौती है।

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    Lok Sabha Election 2024: सात सीटों के लिए कांग्रेस फिर से करेगी माथापच्ची

     कैलाश नाथ, चंडीगढ़। छह लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा करने के बाद कांग्रेस पार्टी ने थोड़ी राहत की सांस ली है, लेकिन बाकी बची सात सीटों को लेकर एक बार फिर नए सिरे से माथापच्ची करनी पड़ेगी। पार्टी को पता है कि दो-तीन सीटों को छोड़ दिया जाए तो असली मशक्कत उसे अब करनी है।

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    पार्टी के सामने लुधियाना, फिरोजपुर और फरीदकोट जैसी सीटों पर उम्मीदवारों का चयन करना बड़ी चुनौती है। कांग्रेस अब आप की अगली सूची के बाद स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक करेगी, क्योंकि मुख्यमंत्री मान ने घोषणा की हुई है कि 16 अप्रैल को वह लुधियाना व जालंधर के प्रत्याशियों की घोषणा कर देंगे। जालंधर में आप पवन टीनू को टिकट देने जा रही है, जबकि सबकी नजर लुधियाना सीट पर टिकी है।

    इन्‍हें मिल सकती है टिकट

    1. फरीदकोट : पूर्व विधायक सुखविंदर सिंह डैनी, भूपिंदर सिंह सहोके और डिंपल दावेदार हैं।

    2. लुधियाना : कांग्रेस अगर हिंदू चेहरे पर दांव खेलती है तो भारत भूषण आशु पहली पसंद बन सकते हैं।

    3. श्री आनंदपुर साहिब : पूर्व स्पीकर राणा केपी और पूर्व मंत्री परगट सिंह टिकट की दौड़ में हैं। परगट सिंह की सिफारिश पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी कर रहे हैं।

    4. होशियारपुर : पूर्व विधायक पवन आदिया और पूर्व मंत्री संतोष चौधरी अपनी बेटी नमिता चौधरी के लिए टिकट की मांग कर रही हैं। पवन आदिया वाल्मीकि समुदाय से हैं। यहां दलित वोट ज्यादा है और नमिता चौधरी भी दलित समुदाय से हैं। कांग्रेस के पास एक विकल्प स्वर्गीय चौधरी संतोख सिंह की पत्नी करमजीत कौर भी हैं, क्योंकि जालंधर में चन्नी के चुनाव लड़ने से चौधरी परिवार नाराज है। पार्टी करमजीत कौर को होशियारपुर सीट से लड़वाने पर भी विचार कर सकती है।

    5. खडूर साहिब : कांग्रेस सांसद जसबीर सिंह डिंपा खुद मैदान से हट गए हैं लेकिन अपने भाई राजन गिल को कांग्रेस ज्वाइन करवा कर नया पेंच फंसा दिया है। राजन ने 2022 में अकाली दल की सदस्यता ली थी, क्योंकि कांग्रेस ने टिकट देने से इन्कार कर दिया था। राजन अब कांग्रेस के दावेदार हैं, जबकि कपूरथला के विधायक राणा गुरजीत सिंह या उनके बेटे विधायक राणा इंदर प्रताप का दावा मजबूत है।

    6. फिरोजपुर: यहां कांग्रेस के पास रमिंदर आवला और पूर्व सांसद शेर सिंह घुबाया का नाम तो है, लेकिन अक्सर चर्चा उठ जाती है कि आवला भाजपा में जा रहे हैं। यही वजह है कि कांग्रेस कोई फैसला नहीं कर पा रही है। यहां राय सिख और कंबोज बिरादरी का बड़ा वोट बैंक है।

    7. गुरदासपुर: यहां मौजूदा विधायक बरिंदरमीत पाहड़ा भाई के लिए टिकट मांग रहे हैं, जबकि सुखजिंदर सिंह रंधावा का भी नाम यहां से चल रहा है। रंधावा के पास राजस्थान का भी प्रभार है, वहां 19 को मतदान होना है। इसके बाद वह पंजाब से चुनाव लड़ सकते हैं।