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    Lok Sabha Election: ... तो क्या चंडीगढ़ मेयर चुनाव पलटेगा लोकसभा की बाजी! राष्ट्रीय मुद्दा बनाने की तैयारी में 'आप'

    Updated: Wed, 21 Feb 2024 02:09 PM (IST)

    Lok Sabha Election 2024 चंडीगढ़ मेयर चुनाव में भाजपा की किरकिरी हुई है। इसे लेकर आप पार्टी मुद्दा बनाने की जुगत में है। पार्टी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की टिप्पणियों को लोकसभा चुनाव में भुनाएगी। पंजाब और चंडीगढ़ की कुल 14 सीटों पर आप पार्टी पहले ही एलान कर चुकी है। वहीं कांग्रेस भी इस मुद्दे को लेकर सजग है।

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    Lok Sabha Election: केजरीवाल चंडीगढ़ मेयर चुनाव का मुद्दा लोकसभा में भुनाएगी

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। मेयर बनवाने के बाद अब आम आदमी पार्टी का फोकस चंडीगढ़ लोकसभा सीट पर है। आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल पहले ही चंडीगढ़ सीट पर चुनाव पर अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं।

    कांग्रेस-आप ने मिलकर लड़ा था चुनाव

    मेयर चुनाव आप व कांग्रेस ने मिलकर लड़ा था, जिसमें तय हुआ था कि मेयर पद पर आप लड़ेगी और लोकसभा सीट कांग्रेस के लिए छोड़ी जाएगी, लेकिन अब आप ने लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने की तैयारी कर ली है। कांग्रेस भी तैयारी कर रही है और साथ ही आप नेताओं को वादा याद भी दिला रही है।

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    सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों का सहारा लेगी आप पार्टी

    आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि समझौता सिर्फ मेयर चुनाव के लिए था। लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन नहीं था। मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणियों को आप लोकसभा चुनाव में भुनाएगी।

    आप का चुनावी मुद्दा बनेगा चंडीगढ़ मेयर चुनाव

    मेयर चुनाव विवाद के बाद आप ने शहरभर में प्रदर्शन कर जनाधार बढ़ाने का प्रयास किया है, जिससे आप को काफी फायदा मिला है।  आप नेता चाहते है कि मेयर चुनाव में जिस तरह से पीठासीन अधिकारी ने आठ वोट को अवैध किया है और वीडियो पूरे शहर में वायरल हुआ है इससे शहर में भाजपा की किरकिरी हुई है। इसका फायदा आप को मिल सकता है। ऐसे में लोकसभा का चुनाव आप को ही लड़ना चाहिए। पार्टी अब इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर भी भुनाना चाहती है।

    भाजपा प्रयास करेगी कि कांग्रेस के साथ न बिगड़े संबंध

    आप लोकसभा चुनाव भले ही अलग लड़ने की तैयारी कर रही है, लेकिन नगर निगम सदन में वह कांग्रेस से बिगाड़कर नहीं चल सकती। भाजपा का मुकाबला करने के लिए उसे कांग्रेस के सात पार्षदों की भी जरूरत है। अगर कांग्रेस के साथ संबंध खराब हो जाते हैं तो आप के लिए सदन चलाना मुश्किल हो जाएगा, जबकि भाजपा यह प्रयास करेगी कि कांग्रेस के आप के साथ संबंध बिगड़ें।

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    मार्च माह में लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लग जाएगी। ऐसे में आप का प्रयास रहेगा कि जल्द से जल्द सदन की बैठक में विकास के प्रस्ताव पास करवाए जाएं, ताकि आप की कारगुजारी से शहरवासियों को अवगत करवाया जाए।

    आप के तीन पार्षदों को भाजपा में शामिल करने का समय गलत

    आप के तीन पार्षदों को शामिल करवाना भाजपा के लिए फायदे का सौदा नहीं रहा। इस समय भाजपा के स्थानीय नेता भी मान रहे हैं कि सुनवाई से पहले मेयर का इस्तीफा और तीन पार्षदों को शामिल करवाना भूल रही है, क्योकि आप के पार्षदों को अगर शामिल करवाना था तो सुनवाई के बाद करवाया जाता। आप पार्षदों को शामिल करवाने के लिए लोकल लीडरशीप को विश्वास में नहीं लिया गया।

    भाजपा को ऐसे हो सकता है फायदा

    भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार आप के तीन पार्षदों को शामिल करवाने के लिए नेताओं में क्रेडिट वार शुरू हो गया, इसीलिए जल्दबाजी में उन्हें शामिल करवाया गया। सुनवाई से पहले पूरे शहर में यह बात वायरल हो गई थी, जबकि आप पहले मेयर चुनाव फिर से करवाने की मांग कर रही थी। इन तीन पार्षदों को आप में ही रहने देते और मेयर के इस्तीफे के बाद फिर से चुनाव होने के बाद आप पार्षदों को भाजपा में शामिल करवाया जाता तो भाजपा फायदे में रहती।

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