Lok Sabha Election 2019 : ...जब लाल बहादुर शास्त्री को प्रतिद्वंद्वी संड ने ही दे दिया मंच और माइक
कांग्रेस प्रत्याशी शास्त्री जनसंघ प्रत्याशी संड थे। कर्मचारियों ने शहर को बी श्रेणी का दर्जा की मांग संबंधित ज्ञापन शास्त्री को सौंपा। उन्होंने संड के चुनावी मंच से आश्वासन दिया।
राजकुमार श्रीवास्तव, प्रयागराज : आजादी बाद के दिनों में और अब होने वाले चुनाव की बात करें तो अनगिनत प्रसंग हैं बदलाव के। ऐसा ही एक प्रसंग करीब 56 वर्ष पुराना है। इससे यह पता चलता है कि पहले नेताओं में एक दूसरे के प्रति प्रतिद्वंद्विता के बावजूद कितना सम्मान होता था। एजी ऑफिस और शिक्षा निदेशालय के गेट पर जनसंघ के प्रत्याशी राम गोपाल संड के समर्थन में एक चुनावी सभा थी। उस सभा में कांग्रेस प्रत्याशी लाल बहादुर शास्त्री भी पहुंच गए थे। उनके आग्रह पर संड ने मंच छोड़ दिया और शास्त्री जी के संबोधन के बाद उन्होंने अपना भाषण दिया।
बात 1962 की है, शास्त्री और संड
वर्ष 1962 के आम चुनाव में इलाहाबाद संसदीय सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी थे लाल बहादुर शास्त्री और जनसंघ से थे राम गोपाल संड। केंद्रीय और राज्य कर्मचारी इलाहाबाद शहर को बी श्रेणी का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे। कर्मचारियों का कहना था कि शहर के सी श्रेणी में शामिल होने की वजह से उन्हें एचआरए, सीसीए कम मिलता था। शहर को अपग्रेड करने से उनके इन भत्तों में काफी बढ़ोतरी होगी। कर्मचारियों ने संड को समर्थन देने का निर्णय लिया था। वह चुनावी सभाओं में कहते थे कि यदि उन्हें सबसे बड़ी पंचायत में पहुंचने का मौका मिला तो वह इसे जोरदारी से रखेंगे।
एजी ऑफिस व शिक्षा निदेशालय गेट पर सभा हुई
संड एजी ऑफिस और शिक्षा निदेशालय गेट पर भी उनके समर्थन में सभा आयोजित की गई। मुख्य वक्ता नाना जी देशमुख थे। उससे पहले संड जी का संबोधन चल रहा था। उसी दिन कांग्रेस प्रत्याशी की चुनावी सभा गवर्नमेंट प्रेस पर आयोजित थी। शास्त्री जी सर्किट हाउस से निकलकर अपनी कार से सभा के लिए रवाना हुए। एजी ऑफिस के समीप पहुंचने पर उनके काफिले को कर्मचारियों ने रोककर शहर को बी श्रेणी का दर्जा दिलाने की मांग संबंधी ज्ञापन सौंपा।
संड से शास्त्री जी ने माइक पर पांच मिनट बोलने की गुजारिश की
कर्मचारियों ने ज्ञापन सौंपा तो लाल बहादुर शास्त्री कार से उतर कर सीधे संड के मंच पर पहुंच गए। उन्होंने संड से आग्रह किया कि कर्मचारियों ने उन्हें एक मांग पत्र सौंपा है, इसलिए वह पांच मिनट के लिए अपना माइक उन्हें दे दें। इतना सुनते ही संड माइक छोड़कर पीछे आ गए। शास्त्री जी ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि केंद्र में उनकी सरकार बनी और वह चुनाव जीत गए तो शहर को दो महीने में बी श्रेणी का दर्जा दिलवाएंगे। इसके बाद वह मंच से चले गए।
शास्त्री जी चुनाव जीत गए और शहर को बी श्रेणी का दिलाया दर्जा
वरिष्ठ कर्मचारी नेता कृपाशंकर श्रीवास्तव बताते हैं कि इसके बाद नाना जी देशमुख ने अपने संबोधन में कहा कि हमारी लड़ाई केंद्र सरकार से है, कांग्रेस प्रत्याशी से नहीं। अगर लाल बहादुर शास्त्री शहर को बी श्रेणी का दर्जा दिलाते हैं तो वह उनके आभारी रहेंगे। शास्त्री जी भारी मतों से चुनाव जीत गए। चुनाव जीतने के दो महीने के अंदर वादा भी पूरा करा दिया। शहर को बी श्रेणी का दर्जा मिल गया। शास्त्री जी को तब एक लाख 35 हजार और संड को 67 हजार मत मिले थे।
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